दहशत
दर्द
बदहवासी
बदहाली
डर और ग़म के साये में रुक-रुक कर सांस लेती ज़िन्दगी
बेजान पड़े इन बच्चों और दर्द में तड़प रहे इस मासूम का सिर्फ़ एक ही कसूर था, ये सीरिया के रहने वाले हैं. मंगलवार को जब दुनिया एक नए दिन की शुरुआत कर रही थी, सीरिया में लोगों की नींद खुली बम धमाके की आवाज़ से. 10 मिनट में घरों के बिस्तरों पर परिवार के परिवार मरे हुए पड़े थे. जो बाहर थे, उनके सामने एक सफ़ेद धुंध सी फ़ैल गयी थी. इस धुएं ने कुछ ही मिनटों में अपना काम कर दिया. लोगों की आंखों में जलन हो रही थी, सांस लेने में दिक्कत होने लगी और 5 मिनट के अन्दर लाशों के ढेर बिछ गए.
लोग जैसे-तैसे विक्टिम्स को हॉस्पिटल लेकर जाने लगे, कुछ ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. कुछ ने हॉस्पिटल पहुंच कर दामन छोड़ दिया. इस समय तक किसी को नहीं पता था कि हो क्या रहा है.
उनमें से कुछ ने कहा: हमने सुबह आसमान से चिड़िया जैसे रॉकेट आते देखे, थोड़ी देर में धुआं पसर गया.
#Syria – Horrific aftermath of Assad’s chemical attack on Khan Shaykhoun this morning. 100+ killed, 500 injured. #Ummah #Syria #Idlib pic.twitter.com/AXNsq5xq4f
— DOAM (@doamuslims) April 4, 2017
ये एक केमिकल अटैक था, जिसमें एक ज़हरीली गैस के इस्तेमाल से लोग मर रहे थे. जिस गैस का इसमें इस्तेमाल किया गया, वो है Sarin. अगर आपको सायनाइड के बारे में पता है, तो समझ लीजिये कि ये उससे 40 गुना ज़्यादा ख़तरनाक है. Sarin का मतलब मौत है, बस.
इतनी ही देर में दूसरा अटैक भी हुआ. ये अटैक हुआ उस हॉस्पिटल में, जहां इस केमिकल अटैक के मरीज़ों को बचाने की कोशिशें चल रही थीं. फिर तीसरी बार अटैक हुआ.
सीरिया में अभी तक इस अटैक से 100 से ज़्यादा लोग मर चुके हैं और ये नंबर 1000 तक बढ़ सकता है. मरने वालों में कई मासूम बच्चे और औरतें थीं. सीरिया के प्रेज़िडेंट असद पर जब इसका इल्ज़ाम लगाया गया, तो उनकी ओर से बयान आया कि ये उन्होंने नहीं करवाया. हो सकता है कि ये रिबेल फ़ोर्सेज़ का काम हो.
सीरिया का ये दूसरा सबसे बड़ा केमिकल अटैक है और अभी तक किसी भी देश ने इसमें सिवाय बयानों के कुछ नहीं किया है. चाहे वो अमेरिका हो, या फ्रांस.
बशर-अल-असद से लेकर ट्रम्प तक सभी बयानों के ढेर लगा रहे हैं और हर एक मिनट में किसी मासूम की जान जा रही है.
सीरिया के इदलिब के पास जिस शहर, खान शेखों में ये हमला हुआ, वहां ऐसे केमिकल अटैक कई बार हो चुके हैं. अंतर्राष्ट्रीय लीडर्स की चुप्पी और नाज़रंदाज़ी को भांपते हुए सीरिया ऐसे केमिकल अटैक करता रहेगा और दुनिया हर बार की तरह लाखों सीरियाई लोगों को यूं ही मरते हुए देखती रहेगी. Khan Sheikhoun रिबेल प्रभुत्व का इलाका है. यहां सीरिया की सरकार, अपने दोस्त रशिया की मदद से इस जगह को खाली करने के लिए अटैक करती रहती है. लेकिन यहां रहने वाले सिविलियन्स की जान को नज़रंदाज़ किया जा रहा है.
साल 2011 में शुरू हुए गृह युद्ध के बाद से सीरिया से अभी तक 2 मिलियन से ज़्यादा लोग पलायन कर चुके हैं, लाखों लोग मर चुके हैं और सैंकड़ों लोग इस वक़्त अपनी हर अगली सांस के लिए मोहताज हैं.
यहां सांस भी गोली के चूकने का शुक्र मनाती है,
ये कैसी ज़िन्दगी है, जहां मौत हर वक़्त घुसपैठ कर आती है.