पूरी दुनिया प्लास्टिक से परेशान है, अपने-अपने तरीके से प्लास्टिक को ठिकाने लगाने में लगी है. उत्तरप्रदेश के एक दंपति ने भी प्लास्टिक को अपने हिसाब से इस्तेमाल किया है. 

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मेरठ की दीप्ति शर्मा अपने पति अभिषेक आनंद के साथ पहाड़ों पर घूमने जाती थीं तो उन्हें प्लास्टिक के कूड़े का ढेर देखने को मिलता था, जिसे री-साइकल करने का भी कोई तरीका मौजूद नहीं थी. पहाड़ों से प्यार था इसलिए दोनों ने उनेक बीच बसने के फ़ैसला किया था. घर बनाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक को चुना. 

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26,000 बोतल का इस्तेमाल कर उन्होंने उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में चार कमरे का होम-स्टे बनाया. प्लास्टिक बोतल से दीवार बनाई, टायर से फ़र्श और सीढ़ी, शराब की बोतलों को लैंप में बदल दिया. 

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साल 2017 के फ़रवरी महीने में इस घर को बनाने की शुरुआत हुई थी, डेढ़ साल में कुल 1.5 लाख की लागत में ये होम-स्टे बन कर खड़ा हो गया. इसमें 10 बाइ 11 फ़ीट के 4 कमरे हैं. 

इस दंपति की योजना है कि वो स्थानीय अधिकारियों से बात कर इस तरीके के प्रचार प्रसार करें. उनका कहना है कि प्लास्टिक की दावीर सर्दी को रोकने में ज़्यादा कारगर होंगे.