ऐसा बहुत ही कम होता है, लेकिन होता है कि कोई कहानी जितनी अधिक प्रेरित करने वाली होती है उसके साथ-साथ उतनी ही दिल को छू भी जाती है. आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची कहानी से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं. 

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केवल 23 साल की उम्र में Krysta Davis नाम की महिला गर्भवती हुई. और इस बच्चे का नाम उन्होंने Rylei रखा. हालांकि, अपने बच्चे के लिए जैसा उन्होंने सोचा था. प्रेग्नेंसी के 18 हफ्ते Davis को पता चला कि उनके गर्भ में पल रहा बच्चा Anencephaly (अभिमस्तिष्कता) से ग्रसित है. Anencephaly न्यूरोलॉजिकल प्रकृति का होता है और घातक भी होता है. मूल रूप ये बीमारी तब होती है जब बच्चे की खोपड़ी या मस्तिष्क का कुछ हिस्सा अविकसित रहता है. 

गर्भावस्था के दौरान जो बच्चे इस कंडीशन गुज़रते हैं वो कुछ दिनों से लेकर कुछ मिनटों तक जीवित ही रहते हैं. लेकिन Rylei के केस में कुछ अलग हुआ, वो पैदा होने के बाद पूरे एक हफ़्ते तक जीवित रही. और अगर ये कहा जाए कि उसका ये छोटा सा जीवनकाल, बहुत सार्थक था, तो कुछ ग़लत नहीं होगा.

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शुरूआती डाइग्नोसिस और उसके बाद क्या हुआ 

Kyrsta Davis बताती हैं कि, Rylei के पेट में आने से पहले, वो अपने पहले बच्चे को खो चुकी थीं. साल 2017 में उनका एक गर्भपात भी हो चुका था. तीसरी बार प्रेग्नेंट होने की ख़बर से कुछ समय पहले ही वो एक बच्चे को खो चुकीं थीं. हालांकि, उनकी ख़ुशी तब चकनाचूर हो गई जब डॉक्टरों ने गर्भ में पल रहे बच्चे में कुछ कमी को नोटिस किया.’ 

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इसके साथ ही Davis ने बताया, 

डॉक्टर्स ने मुझे मेरी Quad Screen के बारे में बताया. उन्होंने कहा आपकी रिपोर्ट सामान्य नहीं है, उनको spina bifida की तरह ही एक तंत्रिका ट्यूब में डिफ़ेक्ट होने का संदेह था. इसके बाद मैं सेकंड ओपिनियन के लिए बड़े और नामी डॉक्टर के पास गई और मैंने देखा कि मेरी जांच करते हुए नर्स कुछ अजीब तरह से रिएक्ट कर रही थी. उस नर्स ने उसने Rylei के सिर को देखने में बहुत ज़्यादा वक़्त लिया. उसके बाद उन्होंने मुझे बताया कि ये जब उन्होंने मुझे बताया कि ये spina bifida नहीं है – ये तो anencephaly है.’ 

अब Krysta अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए पहले से अधिक दबाव महसूस कर रही थी और ये प्राकृतिक था. बावजूद इसके डॉक्टर्स ने इस परिवार को दो ऑप्शंस दिए. पहला कि वो 18वें हफ्ते में ही प्रेरित श्रम तक़नीक के ज़रिये अपने बच्चे को जन्म दें. और दूसरा कि वो अपने बच्चे के अंगों को दान करके दूसरों की जान बचाएं.

इसके बाद वो बताती हैं कि उसके बाद हम तीसरे डॉक्टर के पास गए, और हमको ये बताया गया कि अगर हम अपनी बच्ची Rylei के अंगों को दान करते हैं तो ऐसा संभव हो सकता है कि जिन बच्चों को वो अंग प्रत्यापित किये जायें, तो हम उन बच्चों से मिल सकते हैं. उस पल में, मैंने और Derek ने एक-दूसरे को देखा और हम जानते तवे कि अब हम क्या करने वाले हैं. 

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मुझे पता था कि मैं अपने बच्चे को घर नहीं ले जा सकती थी, लेकिन शायद मैं उसकी ज़िंदगी का इस्तेमाल कर दूसरी माताओं को ख़ुशी देने के लिए कर सकती थी.’ 

हालांकि, Kyrsta के लिए ये एक बेहद कठिन समय था, लेकिन वो अपने बच्चे की ज़िन्दगी को हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहती थी.  

Krysta ने बताया कि, ‘मेरे लिए Rylei बहुत ख़ूबसूरत और परफ़ेक्ट थी.’ अतः Kyrsta ने 24 दिसंबर, 2018 को Rylei को जन्म दिया. गंभीर और घातक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ Rylie ने बहुत स्थिरता दिखाई. Kyrsta और उनके पति Derek ने अपने नवजात शिशु के प्यार में पागल हो गए.

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Krysta कहती हैं कि,

 ‘उसके बाद उन्होंने उसकी गर्भनाल काट दी, मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया, मैं उसे अपने प्यार से सहला रही थी और रो रही थी क्योंकि मैं उसके प्यार में थी. मेरे लिए वो बहुत सुन्दर और बिलकुल सही थी.’ उसके दिमाग़ का स्टेम खुला हुआ था, लेकिन मुझे इसकी कोई परवाह नहीं थी, मैं मैंने बस उनको ख़ूब पैर किया.’ 

आख़िरी Goodbye!

Rylei की फ़ैमिली ने कहा कि Baby Rylei के दुनिया में आने से एक हफ्ते बाद नए साल की पूर्व संध्या पर Baby Rylei को सबने अलविदा किया. डॉक्टर्स के हिसाब से इस कंडीशन को देखते हुए उसका दुनिया में जीवित रहने का टाइम अप्रत्याशित रूप से काफ़ी लंबा रहा. 

Kyrsta और उनके पति ने अपने बच्चे की हर याद को संजोया है. और उनको इस बात का सुकून है कि उनकी बच्ची ने कईयों को ज़िन्दगी दी है. Rylie के पेरेंट्स ने उसके दिल को दो अलग-अलग पेशेंट्स को डोनेट किये और उसके फेफड़ों को anencephaly पर गहन अध्यन करने के लिए एक इंस्टीट्यूट को डोनेट कर दिए.

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Kyrsta की ये कहानी एक माता-पिता के लिए जितनी दर्दनाक है उतनी ही प्रेरित करने वाली है कि जीवन भले ही दो दिन के लिए ही क्यों न हो पर वो बहुत क़ीमती होता है.