दुनिया में आज भी कई ऐसे लोग मौजूद हैं, जो ज़िन्दगी की व्यवहारिकता को नज़रअंदाज करते हुए प्यार में सिरफिरे हो जाते हैं और ये एकतरफा प्यार अक्सर अच्छे खासे लोगों की ज़िंदगियां तबाह कर देता है. देश की राजधानी दिल्ली में भी एक एेसा मामला सामने आया है, जहां एकतरफा प्यार के पागलपन में एक निर्दोष आदमी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

पिछले कुछ दिनों पहले दिल्ली, सरेआम एक शख्स की मौत होने जाने से सन्न रह गई. दरअसल भरे बाजार में एक शख्स को इंजेक्शन से हमला कर घायल कर दिया गया था, जिसकी अस्पताल में काफी संघर्ष के बावजूद मौत हो गई. प्रेम नाम के इस हमलावर को हालांकि वहां मौजूद जनता ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया और पुलिस ने इस पूरी साजिश को रचने वाले शख्स को भी गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है.

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चश्मदीदों के अनुसार, मरने वाले 27 वर्षीय व्यक्ति का नाम रवि कुमार था और वह कोटक महिन्द्रा बैंक में कैशियर था. ऑफिस से वापस आते हुए उस पर इस दर्दनाक हमले को अंजाम दिया गया था. शाम 7 बजकर 15 मिनट पर वह सदर बाजार में मौजूद एक सिनेमा हॉल के पास पहुंचा ही था कि उसे एहसास हुआ कि उसकी गरदन पर किसी ने जोर से कुछ गाड़ दिया है, जिससे वह सेकेंड्स में ही वहीं लड़खड़ा कर गिर पड़ा.

आस-पास मौजूद लोगों ने साहस का परिचय देते हुए कुमार पर इंजेक्शन से हमला करने वाले इस व्यक्ति को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी. कुमार को फौरन अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती कराया गया. वह पूरी रात ज़िन्दगी और मौत के बीच झूलता रहा, मगर रविवार सुबह तक उसने दम तोड़ दिया

पुलिस ने प्रेम और अनीश यादव को मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और पुलिस रिमांड में उनसे तफ्तीश जारी है. इसके अलावा मृतक की पत्नी कल्पना (काल्पनिक नाम) के बयान को भी लेने का फैसला किया गया है. पुलिस से पूछताछ में पता चला कि रवि ने कल्पना नामक ऐसी महिला से शादी की थी, जिसे अनीश यादव बेहद चाहता था और काफी प्रयासों के बाद भी उसे भुला नहीं पा रहा था. अनीश का मानना था कि अगर रवि की हत्या कर दी जाए तो वह कल्पना को वापस पा सकता है.

अनीश और कल्पना कॉलेज में साथ ही पढ़ते थे, लेकिन अनीश के कई बार प्रपोज़ करने के बावजूद कल्पना ने कुमार से शादी कर ली थी. अनीश ने फरवरी 2016 में शादी कर ली थी, लेकिन वह अपने पहले प्यार को भुला नहीं पा रहा था. उसने कुछ महीनों में ही अपनी पत्नी को छोड़ दिया और कल्पना को पाने की रणनीतियां बनाने लगा.

यादव इंटरनेट पर ऐसे फुल प्रूफ मर्डर केसेज़ के बारे में पढ़ने लगा, जिसे अब तक सुलझाया नहीं जा सका है. उसने पाया कि 1978 में लंदन में बीबीसी के एक पत्रकार को कुछ इसी तरह से मौत के घाट उतारा गया था और ब्रिटिश मीडिया में इसे अंब्रैला मर्डर के तौर पर पहचान मिली थी. ये माना जाता है कि बुल्गारिया में पैदा हुए लेखक पत्रकार जॉर्जी मार्कोव को अंब्रैला गन से ये जहर दिया गया था. 

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2011 में जर्मनी के हैनओवर में भी एक व्यक्ति को सड़क पर ही जहर देकर मार दिया गया था. ये दोनों ही मामले आज तक सुलझ नहीं पाए हैं. काफी केसों पर नजरें दौड़ाने के बाद यादव ने इस तरीके को आजमाने का फैसला किया. केसों के सॉल्व न होने की वजह से भी अनीश ने इस तरीके को अपनाने का निर्णय लिया और इस काम को अंजाम देने के लिए अनीश ने कल्पना के पड़ोसी फिजियोथेरेपिस्ट प्रेम की मदद लेने का फैसला किया.

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