‘आश्रय गृह’ का मतलब होता है, जिनका दुनिया में कोई नहीं, जिनके ऊपर विपदाओं का पहाड़ टूट चुका है, जिन्हें अंधकार के दलदल से निकाला गया है, उन्हें छत,खाना और कपड़ा देना.

पिछले कुछ दिनों से देशभर से आश्रय गृहों से भयानक ख़बरे आ रही हैं. जिनकी दुनिया पहले ही बर्बाद हो चुकी है, लोगों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा. बेसहारा लड़कियों, छोटे-छोटे बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाया. उनको जिस्मफ़रोशी के धंधे में धकेला. ज़्यादतर घटनाओं में उनका हाथ निकला जो फ़रिश्ते बनकर सामने आए थे.

1. बिहार के मुज़फ़्फरपुर के आश्रय गृह के बच्चियों से करवाया जा रहा था देह व्यापार

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रसूखदार ब्रजेश ठाकूर जो कि एक स्थानीय अख़बार का संपादक है और ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ नाम का NGO चलाता है. NGO की ओट लेकर उसके आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों से जिस्मफ़रोशी कराई जाती थी. उसके ग्राहकों के सूचि में कथित तौर पर बड़े-बड़े सरकारी ऑफ़िसर भी थे.

यहां तक भी कहा जा रहा कि उस आश्रय गृह में एक लड़की को पीट-पीट कर मारा डाला गया और घर के प्रांगण में ही गाड़ दिया गया. डॉक्टरी जांच के बाद पाया गया कि वहां रहने वाली 42 में 34 लड़कियों से साथ शारीरिक और यौन हिंसा हुआ था.

2. उत्तरप्रदेश के देवरिया में NGO द्वारा लड़कियों से ज़बरदस्ती देह व्यापार करवाया जा रहा था

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पूर्वी उत्तरप्रदेश के देवरिया में स्थित एक 10 साल की लड़की ‘मां विंध्यावासिनी महिला एवं समाज सेवा संस्थान’ नाम की NGO से भाग कर पुलिस के पास चली गई. उसने बताया कि लड़कियों को ‘मैडम जी’ रात में गाड़ी से ले जाती हैं और सुबह ले आती हैं.

लड़कियां अपने साथ हुई घटना के बाद कई दिनों तक बस रोती रहती थीं, वो कुछ बोलने के हालत में नहीं होती थीं.

कम उम्र की लड़कियों से ज़्यादा काम करवाया जाता था. आश्रय गृह से 24 लड़कियों को छुड़ा लिया गया है और 18 लड़कियां अभी लापता हैं.

3. नेपाल भूकंप पीड़ित लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली में करवाया जा रहा था देह व्यापार

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The Delhi Commission For Women द्वारा हाल ही में एक घटना में 39 और दूसरी घटना में 18 नेपालियों लड़कियों को बचाया गया. नेपाल के भूकंप ने इनका सबकुछ लूट लिया था.

भारत के कुछ मानव व्यापारी इन्हें नौकरी का झांसा देकर दिल्ली ले आए और उनके इस धंधे में धकेल दिया. इन लड़कियों को अमानवीय स्थिति में रखा गया, जहां इनके साथ बलात्कार और शारीरिक हिंसा हुई. जल्द ही इन्हें ग़ल्फ़ देशों में बेचने की तैयारी थी.

4. गोवा के ‘अपना घर’ आश्रय गृह में बच्चों के साथ हो रही थी यौन हिंसा

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2012 में एक सरकारी जांच के दौरान पाया गया कि ‘अपना घर’ आश्रय गृह में नबालिग बच्चों के साथ वहां रहने वाले सीनियर लड़के यौन हिंसा कर रहे थे. वहां काम करने वाले कर्मचारियों को अयोग्य पाया गया और वो उन बच्चों से ख़ौफ़ज़दा रहते थे.

5. रोहतक के ‘अपना घर’ में लड़कियों के साथ बलात्कार किया जा रहा था और उनका वीडियो भी बनाया जाता था

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साल 2012 में रोहतक के ‘अपना घर’ आश्रय गृह से 3 बच्चियां भागीं तो दुनिया के सामने उनकी भयानक कहानी सामने आई. वहां लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार होता था, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी होती थी. ये सब आश्रय गृह की संचालिका जसवंती देवी के देखरेख में हो रहा था.

एक बच्ची जो मूक-बधिर थी, उसके साथ हुए बलात्कार की वजह से वो गर्भवती हो गई थी, उसके बच्चे को बेच दिया गया था.

6. एक मानसिक अक्षम बच्चे के साथ उसका वार्डन यौन हिंसा करता था

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एक 22 साल के मानसिक रोगी के साथ उसका वार्डन संजय कुमार कथित तौर पर श्रवण इंस्टिट्युट में यौन हिंसा करता था. ये इंस्टिट्युट कई सालों से अपंग बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहा था.

7. एक दस साल के अंधे बच्चे के साथ स्कूल में यौनहिंसा

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साल 2017 में एक दस साल के बच्चे के साथ कथित तौर पर 22 साल के युवक ने यौन हिंसा की. ये स्कूल ख़ांस अंधों के लिए था, पीड़ित बालक और आरोपी युवक दोनों उसी स्कूल में पढ़ते थे. इसके पहले भी आरोपी युवक ने एक बच्चे के साथ ऐसा किया था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने उस मामले को रफ़ा-दफ़ा कर दिया था.

8. बिहार के आरा में हो रही थी नाबालिगों के साथ यौन हिंसा

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मीडिया रिपोर्टस् के अनुसार, नबालिग लड़कों से आरा ज़िले के एक आश्रम गृह में बच्चो के साथ यौन हिंसा हो रही थी. ये आश्रय गृह शहर के पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में पड़ता था, बावजूद इसके पुलिस तक इस बात की भनक नहीं पहुंची.

ये वो लोग हैं, जिनके साथ ज़िंदगी पहले ही बहुत ज़्यादती कर चुकी होती है. ये इन आश्रय गृहों को नई शुरुआत की तरह देखते हैं, लेकिन ये घर इनके लिए दूसरा नर्क साबित हो जाता है. ऐसे चंद आश्रय गृह इस पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर देते हैं.