दुनिया में कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां की ठंड का आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते. ऐसी ही जगह है साइबेरिया. यहां जीवन कितना कठिन है, इस बात का अंदाज़ा आप इससे लगा सकते हैं कि साइबेरिया का क्षेत्रफल भारत से क़रीब चार गुना है, लेकिन यहां केवल 4 करोड़ लोग रहते हैं, जो 2011 में केवल उड़ीसा राज्य की आबादी थी.
यहां पारा -60 डिग्री से भी नीचे पहुंच जाता है और पूरा इलाका बर्फ़ की चादर ओढ़ लेता है. लोगों के बालों, भौहों और दाढ़ी-मूंछ तक पर बर्फ़ जम जाती है. गाड़ियां चोक हो जाती हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीज़ल भी जम चुका होता है. मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी यहां काम करना बंद कर देते हैं. लेकिन जीवन फिर भी चलता रहता है और इसके लिए कुछ लोगों को कठिन परिस्थितियों में भी काम करना पड़ता है. यहां खाने का सामान पहुंचाने वाले ट्रक ड्राइवर्स का सामना हर कदम मौत से होता है. उन्हें जमी हुई नदी के ऊपर ट्रक चलाना होता है, जो कि बेहद जोख़िम भरा काम है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_07ee5eae-92b3-45e1-bddb-bc8c57fa1604.jpg)
इन ड्राइवर्स को असल मायनों में ‘ख़तरों का खिलाड़ी’ कहा जा सकता है. ऐसे ही एक ट्रक पर दस दिन बिताने वाले एक व्यक्ति ने अपने रोमांचक अनुभव की तस्वीरें साझा की हैं, जो आपको एक पल को इसी अद्भुत जगह पर होने का एहसास करा देंगी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_18d32cf9-b532-4da1-9812-8c582d12c619.jpg)
साइबेरिया के आर्कटिक नॉर्थ में 12 टन खाना पहुंचाने का काम अपने आप में एक एडवेंचर राइड था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_575f90d1-f0fd-46df-95e9-b70df97a9ecf.jpg)
ये मेरी ज़िन्दगी का सबसे डरवाना असाइनमेंट साबित हुआ, आज भी ट्रक के नीचे बर्फ़ टूटने की डरावनी आवाज़ मुझे सपनों में दहला जाती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_0fb7f2f1-9cc2-4eda-97a9-f5993e8a8af2.jpg)
एक साल पहले मैं Ruslan नाम के ट्रक ड्राइवर के साथ इस काम पर निकला था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_e5297f82-7ef2-4e2d-b47c-8cad7c25ba3d.jpg)
दस दिन और दस रातों तक हमने इस ट्रक पर सफ़र किया. खाना Belaya Gora में पहुंचाया जाना था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_1a7d78c0-7036-4a33-a7ad-ea0bd0a55952.jpg)
Yakutsk से सफ़र शुरू हुआ. Kolyma हाईवे से गुज़रते हुए हमें जमी हुई नदी Indigirka से गुज़रना था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_47131c2d-0531-4026-bf5d-2663a0c9c2e6.jpg)
जब तक हम ज़मीन पर चल रहे थे, तब तक सब ठीक था, बस बर्फ़ के कारण फिसलन थी.रात में हम कम जगह में ट्रक में ही सोते थे.खाना पकाने के लिए हमने ट्रक में एक छोटा गैस स्टोव रखा था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_6cc50415-34e0-4af9-8d61-c0084ab2b8d1.jpg)
जहां तक नज़र जाती थी, बर्फ़ से ढके सुन्दर पहाड़ नज़र आते थे. मौसम साफ़ था, तो अब तक कोई मुश्किल नहीं हुई थी.
Ruslan के दोस्त Andrei के साथ एक हादसा हुआ. वो कैब में था और बर्फ़ पर फिसल कर गाड़ी पलट गयी. यहां ज़रा-सी भी लापरवाही घातक साबित हो सकती है. उसने बताया कि उसके दिमाग में इसके बाद ये ही ख़याल आया कि उसने सीट बेल्ट क्यों नहीं लगायी थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_1257e551-87b6-4fdb-af6e-10ea83f40eaf.jpg)
अब वो भी हमारे ट्रक में आ गया था, अब कुल मिला कर चार लोग, दो लोगों की जगह में जैसे-तैसे सो रहे थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_e57537ed-3bee-4ad4-9dc0-4e21e8585857.jpg)
आधे रास्ते के बाद असली रोमांच शुरू हुआ, अब हम एक जमी हुई नदी के ऊपर ट्रक चला रहे थे. रास्ते में हमें नदी में ट्रक के आकार का एक छेद नज़र आया. Ruslan ने तेज़ी से ब्रेक लगाये.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_6b865d52-9111-4dc5-a39b-309551d7ad63.jpg)
बर्फ़ में से नीचे बहता हुआ पानी भी दिखाई देता है. उसे देख मैं सोच रहा था कि अगर नदी पर जमी ये बर्फ़ की परत टूट जाये और हम नीचे गिर जायें, तो क्या होगा.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_5749f9ea-9762-4865-9bf6-71999fd8c95f.jpg)
Ruslan ने मुझे उसके दोस्त के साथ हुए ऐसे एक हादसे की फ़ोटो भी दिखाई. मैंने सोच लिया था कि अगर ऐसा कुछ हुआ, तो मैं कूद जाऊंगा.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_e4508a81-011c-4860-a14f-e111779014b7.jpg)
मैं जिस तरफ बैठा था, वहां से बर्फ़ टूटने लगी और ट्रक उसमें धंसने लगा. मैंने जैसा सोचा था, वैसा ही किया और कूद गया. किसी तरह ट्रक वहीं फंस कर रुक गया. बाद में ट्रक को बाहर निकाल, हम फिर सफ़र पर आगे बढ़ गए.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_0b4dd849-27fb-4953-b9c5-d3e02c39d2df.jpg)
इसके बाद मैं इतना डर गया था कि ट्रक के अन्दर बैठने की हिम्मत नहीं हो रही थी. मैं ट्रक के पीछे लगे एक्स्ट्रा टायरों पर लटक कर जा रहा था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_2cc54611-3352-4dec-abda-a4767d97e9a1.jpg)
जब उस दिन हम रुके, तो Andrei ने मेरा हौसला बढ़ाने के लिए मुझे कुछ मज़ाकिया वीडियो भी दिखाए, पर मैं इस अनुभव से अन्दर तक दहल गया था.
अभी हम आधे रास्ते ही पहुंचे थे और मेरी हिम्मत जवाब देने लगी थी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_cfb568e6-b236-408f-918c-afd3b29fa376.jpg)
उस रात मैं सो नहीं पाया और बाकी लोग थक के बेपरवाह पड़े सो रहे थे.
रात को करीब तीन बजे मैंने एक अद्भुत नज़ारा देखा. मैंने देखा क्षितिज हरी रौशनी से जगमगा रहा है. ये Aurora Borealis (उत्तर ध्रुवीय ज्योति) देखने का मेरा पहला अनुभव था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_d7ae3172-033d-4ae3-a474-4932d361b12b.jpg)
उस वक़्त पता नहीं क्यों लगा कि जैसे सब ठीक होगा. मेरे मन का डर उस आभा में कहीं खो सा गया था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_4bacd240-1681-4cca-82cf-814f8c43b8b5.jpg)
इस दौरान कई मौके ऐसे आये थे, जब मुझे लगा कि इस सफ़र में मेरी मौत भी हो सकती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_54c10d5d-a231-4878-a439-0306c62be231.jpg)
अगला दिन खिला-खिला सा था. नदी भी पत्थर सी जमी हुई थी.
उस दिन मैं Zashiversk के एक छोटे से चर्च में गया था. ऐसा नहीं है कि मैं बहुत धार्मिक हूं, पर वहां जा कर एक सुकून सा, शांति सी महसूस की मैंने.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_53d0304c-9d4b-4719-af73-6e28e03aa270.jpg)
जैसे-जैसे हम Belaya Gora के पास पहुंच रहे थे, सब में उत्साह भर रहा था.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_2f20348f-4162-4ce3-9ebd-97c1542dd359.jpg)
हम गाते गुनगुनाते मंज़िल की ओर बढ़ते जा रहे थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_4badb1ab-87a8-495e-816c-acbbf55fe900.jpg)
हमें नहाये हुए और कपड़े बदले हुए पांच दिन से ज़्यादा हो चुके थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_63d6f5dd-2ff4-4531-a4ce-bee2e9307d1c.jpg)
Belaya Gora में Ruslan का छोटा सा घर है.वहां जाकर हम नहाए-धोए. Ruslan ने कहा फ़्रेश हो कर उसे अभी-अभी दुनिया में आये शिशु जैसा महसूस हो रहा है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_beb97e0a-4a23-4b18-8e4d-4e273262c9d0.jpg)
उस दिन मैं Ruslan के साथ नहीं गया, वजह कुछ-कुछ मेरा डर भी था और मैं शहर की ज़िन्दगी को तस्वीरों में भी कैद करना चाहता था.
ये नन्हीं लड़की जो सामान ले जा रही है, ये हमने पहुंचाया है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_b69d5656-434d-4b37-9f42-f35416ab47a7.jpg)
यहां फ़ोन काम नहीं करते, शहर के बाहर नेटवर्क कवरेज नहीं है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_3998e645-4f6d-4e09-bd25-6d203067910f.jpg)
Ruslan अपनी आस्था की डोर बांधते हुए.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_07ee9493-7e9e-41fb-9d5c-d3935277bb0e.jpg)
यहां कदम-कदम पर मौत आपका रास्ता देख रही होती है, एक्सीडेंट होना यहां बहुत आम है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_473edbdc-0d99-4900-859a-01a37c720939.jpg)
हमें रास्ते में एक ख़राब हो चुका ट्रक मिला, उन्हें मदद की ज़रूरत थी. हमने उनके ट्रक को Tow किया.कई जगहों पर बर्फ़ तेज़ी से पिघल रही थी. हम सावधानी से इन जगहों से गुज़रे.
Ruslan ने फिर रात में चलने का फ़ैसला कर लिया था. मैंने दूसरे ट्रक के पीछे खड़ा रहना सही समझा, ताकि मौका आते ही कूद सकूं.
पीने का पानी यहां सीधे नदी से आता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_14d87c38-96d7-4cd0-92ea-2c92af5698e0.jpg)
मार्च 8, 2016 तक हम वापस ज़मीन पर थे. सूरज चमक रहा था और हम तेज़ म्यूज़िक बजाते सफ़र का आनंद ले रहे थे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2017/04/58fde2bcf89ec127cb34df49_c1d405f2-6847-40c0-9b81-39d6b3388a8b.jpg)
हमने Yakutsk में दो दिन बिताये और फिर आगे बढ़ गए. मैं अपने पैरों के नीचे बर्फ़ की जगह ज़मीन देख बहुत खुश था.