भारत में जब भी कार का ज़िक्र होता है टाटा का नाम सबसे ऊपर होता है. रतन टाटा के पिता जमशेदजी टाटा ख़ुद की कार ख़रीदने वाले पहले भारतीय थे. भारत की पहली स्वदेशी कार ‘टाटा इंडिका’ थी, जिसे टाटा ग्रुप ने ही बनाई थी. आज ‘टाटा मोटर्स’ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपनी लग्ज़री कारों के लिए जानी जाती है. 

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भारत की ये नंबर वन कार निर्माता कंपनी ‘टाटा नैनो’ से लेकर ‘जगुआर’ जैसी लग्ज़री गाड़ियों का निर्माण कर चुकी है. ‘टाटा मोटर्स’ ने कई साल पहले ‘टाटा सूमो’ नाम की कार लॉन्च की थी. अपनी दमदार पवार के लिए मशहूर ये गाड़ी भारत में काफ़ी हिट रही. आज भी भारत के छोटे शहरों में इसकी काफ़ी मांग है.

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आज हम आपको इस गाड़ी से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा बताने जा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि ‘टाटा सूमो’ कार का नाम ‘सूमो’ कैसे पड़ा? नहीं न चलिए हम बताते हैं.

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कौन थे सुमंत मूलगोकर? 

सुमंत मूलगोकर (Sumant Moolgaokar) एक भारतीय उद्योगपति थे, जिन्हें आज भी ‘टाटा मोटर्स’ के आर्किटेक के रूप में जाना जाता है. मूलगोकर ‘टाटा इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव’ कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे. वो ‘टाटा स्टील’ के उपाध्यक्ष भी रहे और मारुति सुजुकी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 

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ये रहा ‘टाटा सूमो’ को लेकर दिलचस्प तथ्य 

सुमंत मूलगोकर जब ‘टाटा मोटर्स’ के लिए काम करते थे उस वक़्त कंपनी को आगे कैसे बढ़ाना है इसके लिए वो जो काम करते थे उसके पीछे की कहानी बेहद इंट्रेस्टिंग है. दरअसल, ‘टाटा मोटर्स’ के शीर्ष अधिकारी एक साथ दोपहर के भोजन के लिए जाया करते थे, लेकिन सुमंत मूलगोकर अधिकारियों के साथ खाना न खाकर अपनी कार लेकर लंच के लिए हाईवे पर स्थित एक ढाबे पर जाया करते थे. 

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एक दिन जब कुछ अधिकारियों ने लंच ब्रेक के दौरान उनका पीछा किया, तो देखा कि सुमंत मूलगोकर ने हाईवे पर बने एक ढाबे पर अपनी कार रोकी और झट से खाना ऑर्डर कर लिया. इसके बाद मूलगोकर ठीक वहीं बैठ गए जहां पर ट्रक ड्राइवर खाना खा रहे थे. इस दौरान वो उनके साथ टाटा के ट्रक में क्या अच्छा है और क्या बुरा इस पर चर्चा करने लगे. वापस ऑफ़िस आकर वो ट्रक ड्राइवरों के अनुभवों के आधार पर अपनी योजना में सुधार किया करते थे. 

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इसके कई साल बाद जब ‘टाटा मोटर्स’ ने ‘टाटा सूमो’ कार को लॉन्च करने का फ़ैसला किया तो इसके नाम को लेकर काफ़ी चर्चा हुई. इस दौरान कंपनी ने अपने इस सिपाही को श्रद्धांजलि देने के लिए Sumant Moolgaokar के नाम के पहले 2 अक्षरों और उनके सर नेम के पहले 2 अक्षरों को लेकर अपनी इस कार का नाम ‘टाटा सूमो’ रखा. 

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क्यों जान गए न ‘टाटा मोटर्स’ की इस मशहूर कार का नाम ‘टाटा सूमो’ किसी जापानी पहलवान के नाम से नहीं, बल्कि सुमंत मूलगोकर के नाम से पड़ा है.