आसमान में सरपट से भागते हेलिकॉप्टर को ख़रीदने का सपना तो हर किसी का होता है, लेकिन ये सपना किसी-किसी का ही पूरा हो पाता है. हेलिकॉप्टर को देख कभी-कभी तो मन करता है काश हमारे पास भी एक होता, जिसमें बैठकर हम अपनी मनपसंद जगह घूमने निकल पड़ते, लेकिन सपने तो सपने हैं.
हेलिकॉप्टर को लेकर कहा जाता है इसे ख़रीदना तो उतना मुश्किल नहीं है, लेकिन उसकी देखरेख करने में नानी याद आ जाती है. ये बात सौ फ़ीसदी सच है.
क्या आप जानते हैं अगर कोई भारतीय हेलीकॉप्टर ख़रीदना चाहता है, तो उसे कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स चाहिए होंगे और इसके लिए कहां जाना होगा? नहीं मालूम, तो चलिए हम बताते हैं.
हेलीकॉप्टर ख़रीदने से पहले हमें इसके रख-रखाव लागत के बारे में भी मालूम होना चाहिए-
भारत में किसी भी हेलीकॉप्टर मालिक द्वारा अपने पायलट को सैलरी के तौर पर 40000 से लेकर 150000 का भुगतान करना अनिवार्य है. हालांकि, ये अनुभव के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकता है. क्योंकि जो भी इस हेलीकॉप्टर को उड़ाएगा वो भारत सरकार से मान्यता प्राप्त पायलट होगा और उसे फ्लाइंग का उचित अनुभव भी होगा.
हेलीकॉप्टर के मालिक को प्रति उड़ान 40000 से 70000 का भुगतान करना होगा, जो आमतौर पर उनके लैंडिंग चार्ज को छोड़कर दूरी पर निर्भर करता है. IGI हवाई अड्डा नई दिल्ली पर उतरने के लिए चार्ज 30000 रुपये प्रति लैंडिंग है, लेकिन छोटे हवाई अड्डे का चार्ज इससे थोड़ा कम है.
मालिक को हेलीकॉप्टर के Maintenance Repair and Operations (MRO) का इंतज़ाम भी ख़ुद ही करना पड़ता है. भारत में ऐसे कई संगठन हैं, जो इस तरह की सेवा देते हैं. ऑपरेटर इसके लिए एक उचित शुल्क भी लेते हैं. हेलिकॉप्टर मालिक को केवल रखरखाव पर ही सालाना 10 से 15 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं.
कितनी होती है हेलिकॉप्टर की क़ीमत?
Escrow.com बेवसाइट के मुताबिक़, ‘रॉबिंसन R-22’ हेलीकॉप्टर की क़ीमत लगभग 250,000 अमेरिकी डॉलर है, जो भारतीय रुपये में 1 करोड़ 84 लाख रुपये के क़रीब है. ‘रॉबिंसन R-22’ को दुनिया का सबसे किफ़ायती हैलीकॉप्टर माना जाता है. वहीं भारत में 4 सीटर हेलीकॉप्टर की क़ीमत 2 करोड़ 30 लाख, जबकि 6 सीटर हेलीकॉप्टर की क़ीमत 2 करोड़ 80 लाख के क़रीब है.
इन डॉक्युमेंट्स की होगी ज़रूरत
किसी भी भारतीय व्यक्ति को हेलीकॉप्टर ख़रीदने और पंजीकरण करने के लिए DGCA से उचित अनुमति लेनी पड़ती है. इसके लिए सबसे पहले भारत सरकार के ‘नागरिक उड्डयन महानिदेशालय’ की वेबसाइट में दिए गए आवेदन को दाखिल करके गृह मंत्रालय के NOC के लिए आवेदन करना होगा. डॉक्युमेंट्स के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और इनकम टैक्स फ्रूफ़ जैसे डॉक्युमेंट्स की ज़रूरत होती है.
इस प्रक्रिया के दौरान हेलीकॉप्टर ख़रीदने वाले व्यक्ति को ये प्रूफ़ भी पेश करने होते हैं कि एक योग्य पायलट ही हेलीकॉप्टर उड़ाएगा और हेलीकॉप्टर का उचित अवधी तक रखरखाव भी किया जाएगा.
यदि आप भी निजी हेलीकॉप्टर ख़रीदना चाहते हैं, तो escrow.com से संपर्क करें.