जन्मदिन मनाने का सबका अपना-अपना तरीका होता है. किसी को बर्थडे पर बाहर जाकर पार्टी करना अच्छा लगता है, तो वहीं कई लोग ये ख़ास दिन घर पर रहकर सेलिब्रेट करना पसंद करते हैं. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इस मौके पर ख़ुद के ऊपर पैसे ख़र्च करने के बजाए गरीबों की मदद करना ज़्यादा उचित समझते हैं. ऐसे ही चुनिंदा लोगों में से एक अहमदाबाद के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर शैलेश ठाकर भी हैं.

दरअसल, बीते मंगलवार डॉ. शैलेश ने 51 बच्चों को गोद लेकर अपना 58वां जन्मदिन मनाया. इतना ही नहीं, उन्होंने रोज़गार मिलने तक इन बच्चों की शिक्षा का पूरा ख़र्च उठाने का अहम निर्णय भी लिया.

इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर कहते हैं कि मेरे घर के सामने वाले बगीचे से बिल्कुल सटी हुई एक सड़क गई है, जहां एक गरीब परिवार रहता है. इस परिवार में 4 बच्चे भी हैं. उन मासूमों की हालत देख कर मुझे काफ़ी दुख होता था और उन्हें लेकर मैं हमेशा यही सोचता था कि अगर इन्हें शिक्षा नहीं मिली, तो इनके भविष्य का क्या होगा?

यही वजह थी जो मुझे स्ट्रीट चिल्ड्रेन के लिए संस्था बनाने का फ़ैसला लेना पड़ा. इसी क्रम में आगे बढ़ते उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए, काम करने वाली 3 संस्थाओं बाल भवन, विसमो किड्स, संवेदना और फुटपाथ स्कूल से संपर्क किया.

डॉक्टर शैलेष की संस्था में 4 ट्रस्टी और 15 बोर्ड निदेशक हैं, जो संस्था को फ़ंड देने के साथ-साथ बच्चों की देख-रेख का जिम्मा भी उठाएंगे. इसके अलावा डॉक्टर बच्चों के लिए हॉस्टल और बोर्डिंग की सुविधा की भी योजना बना रहे हैं.

डॉक्टर शैलेष द्वारा किया गया कार्य अविश्वसनीय है. वैसे भी कहा गया है कि विद्यादान से बड़ा कोई दान नहीं होता. वैसे अगर हर हिंदुस्तानी किसी गरीब की मदद करने की ठान ले, तो शायद ही कोई बच्चा अनपढ़ रहेगा.

Source : TOI