बच्चे किसी भी घर की रौनक होते हैं. उन्हें खेलता देख किसी के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है. बच्चे वो ही करते हैं जो अकसर अपने बड़ों को करता देखते हैं. वही बोलने की कोशिश करते हैं, जो वो सुनते हैं. लेकिन इन हरकतों के बीच कई बार वो कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए. लेकिन हम उनका बचपना समझ कर नज़र अंदाज़ कर जाते हैं और ऐसी चीज़ें आगे चल कर हमारे बच्चों के लिए ही घातक साबित होती हैं.
इन्हीं कई चीज़ों में से एक है बच्चों के बैठने का तरीका. ये उनकी हेल्थ और उनकी हड्डियों की ताकत बताती हैं. ऐसे में हमें उनके बैठने के तरीके पर ध्यान देना काफ़ी ज़रूरी हो जाता है. गौर करने वाली बात ये है कि अगर आपका बच्चा ‘W’ आकार से अपने पैरों को मोड़ सकता है या वो अकसर वैसे ही बैठता है, तो ये चिंता का विषय है. इसे नज़रअंदाज़ करने की वजह से बच्चों की हड्डियां कमज़ोर हो सकती है. उनके जोड़ जो बढ़ रहे होते हैं, उन पर गलत असर पड़ता है. ज़्यादा वक़्त तक ऐसे बैठने पर या तो उनकी ग्रोथ रुक सकती है या फिर वो गलत तरीके से बढ़ जाते हैं. दोनों ही मामलों में बच्चे की हेल्थ पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
American Pediatrician’s Association द्वारा एक रिसर्च से साबित हुआ है कि गलत बैठने का तरीका बच्चे घरों में अपने खिलौनों से खेलते हुए सीखते हैं. अकसर खिलौनों को मोड़-तोड़ कर बच्चे देखते हैं. इसी कारण वो अपने शरीर को भी कई बार ऐसी ही पोजिशन में बैठने की आदत डालते हैं. बचपन की हड्डियां आसानी से इस पोजिशन को अपना लेती हैं और यहीं से शुरू होती है आने वाली समस्याओं की पूरी कड़ी.
दौड़भाग करने वाले बच्चे अपने शरीर को बेहतर ग्रो करते हैं. उनकी हड्डिया और मांसपेशियां बेहतर तरीके से बढ़ती हैं और वो घर में खेलने वाले बच्चों से कहीं ज़्यादा मजबूत होते हैं.
1. ‘W’ पोजिशन में बैठने वाले बच्चों में पाई जाने वाली ये बीमारियां आम हैं-
2. पैर शरीर के मुकाबले कमज़ोर होना.
3. हड्डियों का गलत तरीके से जुड़ जाना.
4. मांसपेशियों का कड़ा हो जाना.
5. बच्चों में मानसिक और शारीरिक ग्रोथ का धीरे होना.
तो अगर आप किसी भी बच्चे को ‘W’ पोजिशन में बैठा देखें, तो फ़ौरन उसे सही तरीके से बैठना बताएं, साथ ही उस बच्चे के माता-पिता को आगाह करें.
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