साढ़े तीन साल की Eva के पास है फ्रांस का पासपोर्ट है. सब आप सोच रहे होंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात है. लेकिन बता दें कि Eva एक फीमेल डॉग है. पिछले तीन महीनों से वो अपना पैर ज़मीन पर रखने में असमर्थ थी, क्योंकि वो Anterior Cruciate Ligament Rupture के ग्रसित है. घुटने में होने वाली ये बीमारी खासतौर पर फुटबॉल और हॉकी खिलाड़ियों में देखने को मिलती है.
48 वर्षीय एनआरआई संजीव कुमार जन्ग्वाल Eva की परेशानी को देखकर उसको फ्रांस के एक हॉस्पिटल में ले गए, जहां उनको उसके घुटने की चोट के बारे में पता चला. संजीव कुमार ने बताया, ‘हॉस्पिटल के स्टाफ़ ने मुझे बताया कि इसके इलाज में करीब 4,500 यूरो यानी कि भारतीय करेंसी में लगभग तीन लाख रुपए खर्च होंगे. क्योंकि इलाज का खर्च बहुत ज्यादा था इसलिए मैंने Eva को इंडिया लाने का फैसला किया.’
पशु चिकित्सा पर्यटन का ये केस अपने आप में एक अलग ही मामला था, जिसमें संजीव ने अपनी पालतू डॉग का इलाज कराने के लिए उसके साथ पेरिस से लुधियाना की उड़ान भरी थी. आपको बता दें कि भारत के लुधियाना शहर के गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में Eva का एक सफ़ल ऑपरेशन किया गया. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि फ़्रांस की तुलना में इंडिया में ये ऑपरेशन बहुत कम खर्च में हो गया. जिसकी लागत मात्र 800 रुपये ही आयी. जहां फ्रांस में घुटने के इलाज के लिए 4,500 यूरो यानि तीन लाख से भी ज्यादा का खर्चा बताया गया था, वहीं इंडिया में Eva के इलाज में कुल मिलाकर 10,000 रुपये से भी कम खर्च हुए. 10,000 रुपये की इस धनराशी में टांकें लगाने के लिए स्पेशल थ्रेड, दवाइयां, सर्जरी और बाकी के खर्चे भी शामिल हैं.
इसके साथ ही संजीव ने बताया कि Eva को फ्रांस से लुधियाना तक लाने में करीब 50-60 हज़ार रुपये तक का खर्चा हुआ.
संजीव मूलतः जालंधर से ही ताल्लुक रखते हैं. वो कहते हैं, Eva को जनवरी 31 को सर्जरी के लिए एडमिट किया गया और अब वो काफी बेहतर है साथ ही रिकवर भी कर रही है. मुझे ये जानकर बहुत ही हैरानी हुई कि उसकी सर्जरी में केवल 800 रुपये खर्च हुए. हालांकि, मुझे Eva को इंडिया लाने के इंतज़ाम करने में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि इसके लिए जानवरों के ट्रांसपोर्टेशन के एजेंट से डील भी करनी पड़ी. वैसे तो मैं Eva को बिना किसी परेशानी के अमेरिका ले जा सकता था. लेकिन मेरा मानना है कि इंडियन गवर्नमेंट को भी कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि कोई विदेशी अपने पेट्स को इलाज के लिए इंडिया ला सकें.
GADVASU के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉक्टर अरुण आनंद ने कहा, Eva घुटने से सम्बंधित से चोट से ग्रसित थी, जो बड़े नस्ल के डॉग्स में काफी आम होती है और इसका एक ही इलाज है और वो है सर्जरी. धीरे-धीरे Eva के टांकें गायब हो जायेंगे और आने वाले 15 दिनों में वो आराम से चलने-फिरने लगेगी.
वहीं वाईस चांसलर डॉक्टर ए.एस. नंदा ने कहा कि उनको पशु चिकित्सा पर्यटन (Veterinary Tourism) में बहुत स्कोप दिख रहा है और वो इसे प्रमोट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस तरह के ख़ास केसेज़ के लिए अपनी फैकल्टी को ट्रेंड भी किया है. इसके अलावा हम विदेशी यूनिवर्सिटीज़ से इसके लिए अलग-अलग प्रोग्राम्स को एक-दूसरे के साथ एक्सचेंज भी करते हैं.