हर इंसान जीवन में कुछ हासिल करना चाहता है. कामयाब होने का सपना देखता है. मगर अपने सपनों को पूरा करने के सफर में मज़ा तब दोगुना हो जाता है जब परिवार वालों का भी प्यार और साथ हो. 

हर चीज़ का ‘फर्स्ट टाइम’ वाली ख़ुशी उनके चेहरे पर देख कर दिल को एक सुकून सा मिलता है. 

आर्यन को भी कुछ ऐसी ही ख़ुशी का एहसास हुआ था जब वो अपने माता-पिता के सपने पूरे होते देख रहा था. 

आर्यन के पिता अख़बार बेचा करते थे, वहीं उसकी मां एक गृहिणी हैं. आर्यन को बचपन से ही सितारों और अंतरिक्ष में दिलचस्पी थी. घर छोटा था, रुपये की कमी भी थी मगर कमी न थी तो बस आर्यन के कुछ कर गुज़र जाने वाले ज़ज्बे में. 

अपनी बस्ती के ही एक प्राइवेट स्कूल में आर्यन पढ़ने जाता था. 

10 साल की उम्र में ही आर्यन को बाहरी अंतरिक्ष की दुनिया में दिलचस्पी आने लगी. जब आर्यन ने पहली बार टेलिस्कोप से शनि ग्रह की रिंग देखी तो वो अच्छे से समझ गया था कि उसकी उड़ान बहुत लम्बी होने वाली है और उसके लिए वो तैयार था. 

कोई भी चीज़ इंसान को आसानी से नहीं मिलती. अपने लिए टेलिस्कोप खरीदने के लिए आर्यन ने रुपये जोड़ना चालू कर दिया. स्कूल पैदल जाने से लेकर खाना छोड़ने तक आर्यन ने धीरे-धीरे 5,000 रुपये इकट्ठा कर अपने लिए आख़िरकार एक टेलिस्कोप ख़रीद ही लिया. 

हालांकि उस वक़्त आर्यन के घरवालों को लगा कि वो बहुत बड़ी ग़लती कर रहा है. 

मगर न आर्यन को पता था न ही उसके माता-पिता को कि बहुत जल्द उन सब की ज़िंदगी बदलने वाली है. 

14 साल की उम्र में ही आर्यन ने एक एस्टेरॉइड की ख़ोज की और देखते ही देखते उन सब की ज़िंदगी बदल गई. 

आर्यन को मीडिया वाले कवर करने लगे और यही नहीं यूनिवर्सिटीज़ भी उसे लेक्चर देने के लिए बुलाने लगी. तब उसे इस बात का एहसास हुआ की वो Astronomy Lecturer के रूप में भी अपना करियर बना सकता है. 

पहले महीने में ही आर्यन ने 30,000 रुपये कमा लिए थे. उसने Ted Talk देना भी शुरू कर दिया.   

आज आर्यन 19 साल के हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी. आर्यन का सपना है कि वो अपनी ख़ुद की प्रयोगशाला खोलें और अद्भुत ख़ोज करें. 

अपनों की ख़ुशी ही इंसान की सबसे बड़ी जीत होती है. हाल ही में वाराणसी से वापिस लौटते समय आर्यन के परिवार ने पहली बार फ्लाइट से सफ़र किया था और उनके चेहरे की वो ख़ुशी आर्यन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक है. फ्लाइट की टिकट हो या अपने पैसों से माता-पिता को एक महंगे रेस्टोरेंट में खाना खिलाना आर्यन अपने माता-पिता के लिए की कमी नहीं छोड़ना चाहता था.   

आर्यन बताते हैं कि आने वाली जनवरी उनके लिए बेहद ही ख़ास है क्योंकि वो अपने पिता को उस होटल में ठहराएंगे जहां उनके पिता एक सिक्योरिटी गार्ड थे. 

और इन्ही छोटी-छोटी खुशियों में उन्हें अपना सपना, अपने घरवालों का सपना पूरा होता दिखता है. आर्यन के लिए उसके असल अंतरिक्ष उसके माता-पिता है.