पहले के ज़माने में माता-पिता बच्चों को स्कूल भेज कर ही उनके कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते थे, लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है. चाहे वो स्कूलों का पाठ्यक्रम हो या फिर शिक्षकों का व्यवहार. पहले जहां शिक्षक माता-पिता से भी बढ़ कर माने जाते थे, वहीं आज शिक्षक उनके कुकृत्यों और दुर्व्यवहार के लिए भी अक्सर सुर्खियों में देखे-सुने जाते हैं.रोज़ाना बदलते समाज का सबसे तीखा असर गर कहीं देखने में आया है तो वह स्कूलों और बच्चों पर ही है. दुनिया के अलग-अलग देशों में जैसे अमेरिका व अन्य विकसित यूरोपीय देशों के स्कूलों से आने वाली ख़बरें कई बार रातों की नींदें हराम कर देती हैं. बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करके हमारा समाज व शिक्षकों का एक तबका न जाने क्या साबित करना चाहता है. ये तो हम भी जानते हैं कि हमारा समाज रोज़ बदल रहा है, मगर वो सिर्फ़ और सिर्फ़ नीचे ही जाएगा ये कौन जानता था? यहां पेश हैं वे कुछ ऐसे वाहियात और बेसिरपैर के कारण जिनकी आड़ में स्कूली छात्र-छात्राओं पर प्रहार किया गया.

1. बाल नहीं कटवाने पर स्कूल से निलंबन…

जे.टी गैस्किन नामक मिशिगन में रहने वाले इस किशोर ने इस उम्र में ही बहुत कुछ सहा है. वो ल्यूकेमिया (कैंसर) से पीड़ित हैं. एक बार जब उसे इस बात का पता चला कि उनकी एक दोस्त कैंसर से पीड़ित है तो वे सहानुभूति वश और एक स्वयं सेवी संस्था जो कैंसर पीड़ित लोगों के लिए बालों को इंतज़ाम करती है को अपना बाल दान करने के लिए बाल बढ़ाने लगे. मगर इसमें आश्चर्य वाली बात यह है कि उनके बड़े बालों को देखते हुए स्कूल ने उन्हें निलंबित कर दिया. स्कूल के नियमों के अनुसार बड़े बाल रखना मना है, मगर यहां बाद में स्कूल प्रशासन को गैस्किन के पक्ष में झुकना पड़ा.

2. बंदूक की आकृति में पॉप टार्ट खाने पर…

बच्चों का क्या है? बच्चे तो जो आसपास की दुनिया और टेलीविजन पर देखते हैं वैसा की व्यवहार करने लगते हैं, और मैरीलैंड के एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ने भी कुछ ऐसा ही किया. यहां के एक 7 वर्षीय बच्चे ने पॉप टार्ट खाते-खाते उसे रिवॉल्वर की आकृति में बदल दिया और उसे उनके साथियों पर तान दिया. उस अबोध बालक को ऐसा करता देख कर उस स्कूल प्रशासन ने उसे दो दिनों के लिए स्कूल से बैन कर दिया. हालांकि इस पूरे मामले से बाहर आने वाली एक अच्छी ख़बर भी है कि इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए वहां के राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन ने उसे आजीवन सदस्यता दे दी है.

3. एक छ: साल के बच्चे को यौन उत्पीड़न के मामले में निलंबित किया…

ये ख़बर कुछ ऐसी है कि आपको विचलित कर सकती है. कोलोराडो के एक स्कूल में पढ़ने वाला छ: साल का बच्चा अपनी सहपाठी से प्यार जाहिर करने में उसके हाथों पर चूम लेता है. इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया में वहां का स्कूल प्रशासन कहता है कि यहां किसी को इस तरह छूना मान्य नहीं है, और बच्चे के इस कृत्य पर उसे निलंबित कर दिया गया. अब कोई इनकी रपट लिखाएगा कि मैं ही रपट लिखाऊं?

4. जब बदल कर ड्रेस पहनने पर रोक लगा दी गई…

इंग्लैंड में रहने वाले 5 साल के एक बच्चे ने जब एक दिन लड़कियों की ड्रेस पहन ली तो उसे ख़ासी फजीहत का सामना करना पड़ा. एक बच्चा जो अभी समझ भी नहीं पाया हो कि हमारी दुनिया लिंग-जाति और धर्मों में बुरी तरह बंटी हुई है और उसे इस पूरे षणयंत्र का शिकार बना दिया जाए. स्कूल प्रशासन ने इस पूरे मामले में बच्चे को समझाने के बजाय उसे निलंबित कर दिया. स्कूली प्रशासन का ऐसा मानना था कि इससे पूरे स्कूल का माहौल बिगड़ जाएगा. और आश्चर्य तो यह है कि इंग्लैंड के कई स्कूलों में बच्चियों को लड़कों की ड्रेस पहनने की मनाही है.

5. घुटनों के बल बैठ कर आभार जताना…

टिम टिबो फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के काफी मशहूर खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने चोटों से उबर कर कई बार वापसी की है. हर बार जब वे शानदार खेल दिखाते और दर्शक उनका अभिवादन करते तो वे दर्शकों का आभार जताने के लिए घुटनों के बल झुक कर दर्शकों का आभार जताते थे, जिसे दर्शकों ने टिबोइंग का नाम दिया. इस पूरे प्रकरण से प्रभावित होकर न्यूयॉर्क, रिवरहेड के एक स्कूल में पढ़ने वाले 40 छात्रों ने उनके एक रग्बी मैच में इसी तरह से आभार जताया. इसे देखते हुए उस स्कूल के प्रिंसिपल ने उन सारे छात्रों को निलंबित कर दिया. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि छात्रों ने हॉल के रास्ते को जाम कर दिया. अब मुझे तो यही लगता है कि इससे वाहियात बहाना कोई हो ही नहीं सकता.

6. कैंसर से लड़ने के लिए बाल छिलवा लेना…

जहां बड़े से बड़े लोग पूरे समाज के समक्ष कोई उदाहरण नहीं पेश कर पाते वहीं छोटे बच्चे हम सभी से चंद कदम आगे चले जाते हैं. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के एक स्कूल में देखने में आया जब अपनी कैंसर पीड़ित दोस्त से सहानुभूति प्रकट करने हेतु दूसरी लड़की ने उसके बाल मुंडवा लिए. यह पूरा मामला उस स्कूल प्रशासन को नागवार गुज़रा और उन्होंने उस छात्रा को निलंबित कर दिया. हालांकि इस पूरे मामले पर मीडिया और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ने इतना शोर मचाया कि स्कूल प्रशासन को उनका यह फैसला वापस लेना पड़ा.

7. डकार लेने पर छात्र को लगवा दीं हथकड़ियां…

अब ऐसा भी कहीं होता है भला? मगर मेक्सिको में 13 साल के एक छात्र के साथ जो हुआ उसे जान कर आपके पांव के नीचे की ज़मीन खिसक जाएगी. उस 13 साल के छात्र ने उसके सहपाठियों और शिक्षकों को चिढ़ाने के लिए डकारें मारीं. हो सकता है कि इसे गलत माना जाता रहा हो, मगर क्या इसके लिए किसी को हथकड़ियां लगवायी जा सकती हैं. मगर स्कूल प्रशासन का कहना था कि यह लड़का पूरी तरह जाहिल है और उसके माता-पिता को इस बात का थोड़ा भी शऊर नहीं है कि बच्चों को कैसे रखा जाता है? अब इस पूरे मामले पर मुझे स्कूल प्रशासन पर क्रोध नहीं दया आ रही है.

8. फ्लोरिडा में कोई किसी का आलिंगन नहीं कर सकता…

ये बात फ्लोरिडा के एक स्कूल की है, जहां पुरुष बच्चों को बच्चियों का आलिंगन करने की सख्त मनाही है. वहां उन्होंने बकायदा “नो हगिंग पॉलिसी” बना रखी है. वहां प्यार जताने का मतलब समझा जाता है कि आप किसी को हैरस कर रहे हैं. यहां के एक स्कूल ने वहां ऐसे कृत्य में संलिप्त दोनों बच्चे-बच्ची को निलंबित कर दिया.

9. क्यूट कहने पर हो गया निलंबन?

ये तो वाहियातपने की इंतहा है. आख़िर इंसान किस प्रकार इतना गैरसंवेदनशील हो सकता है? उत्तरी कैरोलिना के एक स्कूल में पढ़ने वाले 9 साल के एक छात्र ने जब उसकी टीचर के बारे में कहा कि, “वो बड़ी क्यूट हैं” तो इस पर किसी छात्र ने प्रशासन से उसकी शिकायत कर दी, और स्कूल ने उसे निलंबित कर दिया. हालांकि बाद के हो-हल्ला पर उस स्कूल के प्रिंसिपल को इस्तीफ़ा देना पड़ा.

10. शिष्ट आचरण के लिए किया निलंबन…

हुआ कुछ ऐसा था कि वर्जिनिया के साउथैम्पटन स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने जब वहां किसी छात्र के माता-पिता को सामान के साथ किसी दरवाज़े में दाखिल होते देखा, तो वह शिष्टाचारवश दरवाज़ा खोले रहा. मगर स्कूल प्रशासन को यह बात रास नहीं आई. स्कूल प्रशासन का कहना था कि इससे वे सिक्यूरिटी चेक से नहीं गुज़र सके, और उस छात्र को स्कूल से निलंबन झेलना पड़ा. अब हम स्कूल प्रशासन से ये पूछना चाहते हैं कि सिक्योरिटी-विक्योरिटी वगैरा तो ठीक है, मगर इंसानियत भी कोई चीज़ होती है कि नहीं?