लोगों का जीवन तकनीक के साथ बदल गया है, अब उनका स्टाइल पहले जैसा नहीं रहा. सब भगादौड़ में इस कदर व्यस्त हैं कि उन्हें अखबार पढ़ने का क्या, नश्ता और लंच करने का भी समय मुश्किल से मिलता है. समय पर ना खाना, सही नींद ना लेना, जैसे कारण उन्हें अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त कर रहे हैं. ये ऐसी बीमारियां हैं, जो पहले 50 की उम्र के बाद होती थीं, लेकिन अब ये बीमारियां 30 का पड़ाव पार करने के बाद ही होने लगी हैं.
आजकल लोगों को हार्ट डिजीज, हाई BP, डायबिटीज जैसी सीरियस प्रॉब्लम होने लगी हैं. इसलिए डॉक्टर्स 30 की उम्र पार करने के बाद रेग्युलर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, ताकि किसी हेल्थ प्रॉब्लम के बारे में शुरुआत में ही पता लग जाए. AIIMS की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीलकमल कपूर और जरनल फिजिशियन डॉ. धीरज शुक्ला बता रहे हैं कुछ ऐसे ज़रूरी मेडिकल टेस्ट के बारे में, जिन्हें 30 की उम्र पार करने के बाद पुरुषों को रेग्युलर कराते रहना चाहिए.
1. प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन
50 की उम्र के बाद कई पुरुषों को प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. इसके खतरे का पता लगाने के लिए प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट कराया जा सकता है. साल में एक बार कोई भी ये टेस्ट करा सकता है.
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2. शुगर
अगर आप ने उम्र का 30वां पड़ाव पार कर लिया है, तो साल में एक बार फास्टिंग और ब्लड शुगर लेवल चेक कराएं. बढ़ी हुई शुगर डायबिटीज़ का कारण बन सकती है.
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3. ब्लड प्रेशर
30 की उम्र के बाद कई लोगों को BP की समस्या हो जाती है, इसलिए महीने में एक बार BP चेक कराएं. हाई बीपी के कारण किडनी की प्रॉब्लम, हार्ट डिज़ीज और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
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4. अल्ट्रा सोनोग्राफी
इस टेस्ट से फैटी लिवर, स्टोन, अल्सर या पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं का पता चल सकता है. साल में एक बार इस टेस्ट को करवा सकते हैं.
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5. रीनल प्रोफाइल
इस टेस्ट से पता चलता है कि किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं. साल में एक बार रीनल प्रोफाइल टेस्ट कराएं, ताकि किडनी डिज़ीज की आशंका का पता चल सके.
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6. विटामिन
बॉडी में विटामिन D3 की कमी कमज़ोर हड्डियों के लिए जिम्मेदार हो सकती है. इसीलिए साल में एक बार बॉडी का विटामिन लेवल चेक कराएं.
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7. कैल्शियम
कैल्शियम की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस (कमज़ोर हड्डियां) हो सकता है. 30 की उम्र के बाद बॉडी की कैल्शियम अब्जॉर्ब करने की क्षमता कम होने लगती है. साल में एक बार बॉडी का कैल्शियम लेवल ज़रूर चेक कराएं.
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8. लिवर प्रोफाइल
लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं, आपको लिवर रिलेटेड कोई प्रॉब्लम का खतरा तो नहीं, इसका पता लिवर प्रोफाइल टेस्ट से चलेगा. साल में एक बार यह टेस्ट कराना चाहिए.
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9. लिपिड प्रोफाइल
इस टेस्ट से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइगिस्लराइड का लेवल पता चलता है. लिपिड प्रोफाइल ज़्यादा होने पर किडनी और हार्ट डिज़ीज का खतरा हो सकता है. साल में एक बार ये टेस्ट करवाना बेहतर रहेगा.
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10. बल्ड पिक्चर
अगर आप थोड़ा काम करने या चलने-फिरने में ही थक जाते हैं, तो बल्ड पिक्चर टेस्ट कराएं. इससे पता चल सकेगा कि बॉडी में हीमोग्लोबिन लेवल सही है या नहीं.
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11. कोलेस्ट्रॉल
बॉडी का हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाता है. इसलिए साल में एक बार बॉडी का कोलेस्ट्रॉल लेवल ज़रूर चेक कराएं.
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12. ECG
अगर सीढ़ियां चढने पर सांस फूलती है या अक्सर थकान बनी रहती है, तो ECG टेस्ट कराएं. इससे पता चल सकेगा कि आपका हार्ट ठीक से काम कर रहा है या नहीं.
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13. थाइरॉयड
अगर बिना वजह थकान, मसल्स पेन, भूख बढ़ने या घटने की समस्या हो रही है, तो थाइरॉयड की जांच के लिए T3, T4,THS टेस्ट कराएं. भले ही आपके परिवार में किसी को थाइरॉयड रहा हो, तब भी साल में एक बार ये टेस्ट कराएं.
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