जब हम परिवार के साथ रहते हैं, तो हमें कई तरह की बंदिशों का सामना करना पड़ता है. दोस्तों के साथ घूमने और पार्टी करने या फिर जो मन करता है, वो नहीं करने दिया जाता. लेकिन जब हम रोज़गार और पढ़ाई के सिलसिले में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों का रुख़ करते हैं, तो सोचते हैं कि:

अब वो करेंगे जो हमारा मन करेगा…

न किसी चीज़ की रोक-टोक होगी, न ही किसी का डर…

जहां चाहे घूम सकते हैं…

लेकिन हक़ीक़त में होता कुछ और ही है. क्योंकि जब हम घरवालों से दूर रहना शुरू करते हैं, तो यहां भी रोक-टोक का सिलसिला जारी रहता है. इस बार मां-बाप वाला काम करते हैं मकान मालिक. क्योंकि मकान मालिक हमारे मां-बाप से दस कदम आगे होते हैं. अगर आप भी किराये के घर में रहते हैं, तो जान ही गए होंगे कि मैं कैसी रोक-टोक के बारे में बात करने जा रहा हूं. 

 तो आप भी पढ़िए ये 15 बातें जो आपका मकान मालिक आपसे कहता है. 

1. ‘Rent भले ही आप देते हों, लेकिन घर तो हमारा ही है न.’

fhmindia

2. आप से बस 3 लोगों के रहने की बात हुई थी..

moneycrashers

3. बेटा नॉन-वेज वो ही बनाना, जिसकी Smell न आये.

pebbleworth

4. अब घर में AC, Fridge चलेगा तो बिल तो आएगा न बेटा.

sandierpastures

5. बेटे, वैसे दोस्त वगैरह से दिक्कत नहीं, घर में लड़की नहीं आनी चाहिए.

india

6. आप रोज़ बाहर की लाइट ऐसे ही खुली छोड़ देते हैं?

quora

7. पार्टी करो, लेकिन शांति से. हम भी करते हैं, लेकिन शोर नहीं मचाते!

moneycrashers

8. इस महीने के Rent में 500 और जोड़ लेना… नया पंखा लगवाया है न!

military

9. बेटा भले ही मैं मकान मालिक हूं, पर हूं तो तुम्हारी मम्मी जैसी ही ना?

coupondunia

10. हमसे आज तक किसी किरायदार को शिकायत नहीं हुई.

i1

11. बेटा टाइम पर किराया देने से सबका हिसाब ठीक रहता है. मेरा भी, आपका भी.

livemint

12. बेटा, ये आपकी फ़्रेंड रोज़ यहीं रहती है?

mensxp

13. हेलो बेटा… सीढ़ियों से ऊपर आते वक़्त थोड़ा धीरे चला करो… हमारे घर में बच्चे हैं, डर जाते हैं!

onlymyhealth

14. मोटर भी हम ही चलाते हैं, सफ़ाई भी हम ही करवाते हैं… आप तो बस रेंट देते हैं.

indiatoday

15. पैन कार्ड तो नहीं दे सकते… वो हमारा भी Tax कट जाएगा न.

nrihelp

लेकिन चाहे कुछ भी हो अगर ये मकान मालिक नहीं होते, तो हमें घर किराए पर कौन देता? क्यों सही कहा न? वैसे भी सब मकान मालिक खड़ूस, नहीं होते, कुछ अच्छे भी होते हैं. और हो न हो, दूसरे शहर में लोकल गार्जियन तो यही होते हैं न हमारे?