अपना देश हो या दुनिया का कोई भी देश, हर देश में कुछ ऐसी जगहें होती हैं, जिनका नाम किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम पर होता है. इसके पीछे मुख्य वजह होती है उस व्यक्ति द्वारा किये गए ऐसे काम, जिनकी वजह से वहां कुछ बदलाव आया होगा, या फिर उस व्यक्ति ने देश का नाम रौशन किया होगा, या फिर वो समाज मैं फैली कुरीतियों को जड़ से ख़त्म करने के लिए समाज से टकराए होंगे. अपने कामों की वजह से ही ऐसे लोग जीवित न होने के बावजूद देश और दुनिया की यादों में हमेशा ज़िंदा रहते हैं और इनका नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है.
आज हम उस पीढ़ी में हैं, जो इतिहास के बारे में सिर्फ उतना ही जानती है, जितना उसको जानना होता है. आज हम जो आज़ादी की सांस ले रहे हैं, वो ऐसे महान लोगों की वजह से ही हमको मिली है. हर दिन हम आते-जाते सड़कों पर लगे साइन बोर्ड्स पर उस सड़क या मार्ग का नाम लिखा हुआ देखते हैं. लेकिन शायद ही हम कभी ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस मार्ग का नाम ये क्यों रखा गया, या जिसके नाम पर इस रास्ते का ये नाम है, वो कौन थे या उनहोंने हमारे समाज के लिए क्या योगदान दिया था.
इसीलिए आज हम आपके लिए ऐसे कई प्रसिद्ध लोगों के नामों की एक सूची लेकर आये हैं, जिनके बारे में देश के हर व्यक्ति को पता होना चाहिए.
1. राव तुला राम मार्ग
राव तुला राम देश के पहले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. वह 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे. राव तुला राम हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र से ब्रिटिश सैनिकों की पूरी बटालियन को भागने के लिए जाने जाते हैं.
2. सुब्रह्मण्य भारती मार्ग
सुब्रमण्य भारती एक मशहूर लेखक थे. इनको तमिलनाडु की शान कहा जाता है. आज भी उनका नाम देश के महान साहित्यकारों में गिना जाता है. वो आज़ादी के आंदोलनकारियों में से एक थे. उनकी कविताओं ने देशभक्ति की भावना को लोगों में और अधिक मजबूत किया था.
3. राजाजी मार्ग
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी देश के आख़िरी गवर्नर-जनरल थे. इस मार्ग पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी का निवास था. गवर्नर-जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी की याद में इस मार्ग को ‘राजाजी मार्ग’ नाम दिया गया है.
4. अमृता शेरगिल मार्ग
अमृता शेरगिल को आज भी Indian Frida Kahlo के रूप में जाना जाता है. एक सिख पिता और यहूदी मां की बेटी, अमृता शेरगिल एक प्रसिद्ध चित्रकार थीं. इनको सबसे महंगी महिला चित्रकार के रूप में भी पहचान मिली है. इनका नाम बंगाल पुनर्जागरण को आगे बढ़ाने वाले कलाकारों के समकक्ष शामिल किया गया है.
5. त्यागराज मार्ग
त्यागराज ‘कर्नाटक संगीत’ के सबसे बड़े प्रतिपादकों में एक थे. ये ‘कर्नाटक संगीत’ के महान ज्ञाता तथा भक्ति मार्ग के एक प्रसिद्ध कवि थे. त्यागराज एक प्रकांड विद्वान और कवि थे. इनको आज भी कर्नाटक के महान संगीतकार के रूप में याद किया जाता है. ये संस्कृत, ज्योतिष तथा अपनी मातृभाषा तेलुगु के ज्ञानी पुरुष थे. तेलुगू भाषा में उनकी रचनाएं आज भी एक ख़ास स्थान रखती है. भगवान राम की प्रशंसा में उनकी भक्तिपूर्ण रचनाएं आज भी गायी जाती हैं.
6. बलवंतराय मेहता लेन
बलवंत राय मेहता एक जाने-माने और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे. वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदार थे. ये ही वो व्यक्ति थे, जिन्होंने पंचायती राज के लागू होने में अहम योगदान दिया.
7. सुशीला नैय्यर मार्ग
डॉ. सुशीला नैय्यर एक स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध डॉक्टर थीं. ये एक युवा चिकित्सक थीं, जो वर्धा में फैले हैजा के प्रकोप से अकेले निपटने की कोशिश कर रहीं थीं. उनके इस सराहनीय काम की महात्मा गांधी ने भी प्रशंसा की थी. बाद में वो महात्मा गांधी की पर्सनल चिकित्सक बन गई. ये ही वो महिला थीं, जिसने फरीदाबाद में Tuberculosis Sanitorium खोला और साथ ही Gandhi Memorial Leprosy Foundation का नेतृत्व भी किया.
8. रफी मार्ग
रफी अहमद किदवई ने आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वो जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट का एक अहम हिस्सा भी थे. बाद में उन्हें एक इस्लामी समाजवादी के रूप में जाना जाने लगा.
9. हंसराज कॉलेज
लाला हंस राज गुप्ता एक सम्मानित शिक्षाविद थे. वो एक शिक्षाविद होने के साथ-साथ बहुत परोपकारी भी थे. साथ ही वो डीएवी के संस्थापकों में से भी एक थे.
10. जस्टिस एसबी रोड
जस्टिस एस.बी. सिन्हा उच्चतम न्यायालय में एक न्यायाधीश थे, जिन्हें कई मामलों में ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाने के लिए जाना जाता है. उनको लोग एक कार्यवाहक के रूप में जानते हैं. वो वह रांची पीठ के पहले सरकारी वकील भी हैं.
11. गंगा राम अस्पताल
पहले एक सिविल इंजीनियर और फिर एक वास्तुकार रहे, राय बहादुर गंगा राम अग्रवाल अपने व्यापार में एक मास्टरमाइंड रहे थे. बाद में उन्होंने खेती करने के लिए सरकार से 50,000 एकड़ बंजर ज़मीन ले ली.
12. अजमल खान रोड
हाकिम अजमल खान एक शिक्षाविद और यूनानी चिकित्सक थे. वो 1920 में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापक बने और इसके पहले वो वहां के चांसलर भी थे. वो अपनी मृत्यु के समय तक कार्यालय में बने रहे. वो चिकित्सकों के एक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां यूनानी चिकित्सा और फारसी-अरबी चिकित्सा की परंपरा थी.
13. गोविंद बल्लभ पंत हॉस्पिटल
गोविंद बल्लभ पंत को स्वतंत्र भारत के संस्थापकों में से एक कहा जा सकता है. वो नेहरू और गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक थे. आज़ादी के बाद वो भारत सरकार का एक अहम हिस्सा भी बने.
14. मदन मोहन मालवीय अस्पताल
मदन मोहन मालवीय को शैक्षणिक क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए जाना जाता है. वो एक ऐसे शिक्षाविद थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए दो बार अध्यक्ष के रूप में कार्य भी किया. वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक के रूप में उन्हें और अधिक महत्वपूर्ण रूप से जाना जाता है.
15. अंसारी रोड
मुख्तार अहमद अंसारी एक शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी थे. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने विशेष योगदान दिया था. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था. वह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के संस्थापकों में से एक थे और 1936 तक वहां के चांसलर भी रहे.
16. महाराजा अग्रसेन रोड
महाराजा अग्रसेन एक करिश्माई व्यक्तित्व के नेता थे. उन्होंने व्यापारियों के एक समुदाय का गठन किया था. वो व्यापारियों का शहर कहे जाने वाले शहर Agroha के पौराणिक राजा थे. उन्हें उत्तर भारत में समुदाय स्थापित करने के लिए श्रेय दिया जाता है. आज कॉलेजों, सड़कों, यहां तक कि उनके नाम पर विद्यालय भी हैं.
17. मोहम्मद अली जौहर मार्ग
मोहम्मद अली जौहर एक स्वतंत्रता सेनानी और विद्वान थे. वह एक शिक्षक, नेता, विद्वान, कार्यकर्ता, पत्रकार और कवि थे. इस व्यक्ति ने खिलाफत आंदोलन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के असहयोग आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
18. लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल
लोक नायक जय प्रकाश एक क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका नाम जयप्रकाश नारायण था, लेकिन उनको लोकप्रियता लोक नायक के रूप में मिली. वो 70 के दशक के मध्य में उन्होंने इंदिरा गांधी के शासन को खत्म करने के लिए लोगों से पूर्ण क्रांति की मांग की थी. उन्होंने देश के आजादी के आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
19. भाई वीर सिंह मार्ग
भाई वीर सिंह एक प्रसिद्ध विद्वान थे. वो एक कवि, विद्वान और धर्मशास्त्रज्ञ होने के साथ-साथ उन्होंने पंजाबी साहित्यिक परंपरा के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके अहम योगदान के कारण लोग उनको ‘भाई’ शब्द से संबोधित किया जाने लगा. उनको लोगों ने संत का दर्जा भी दिया था.
20. लेडी श्री राम कॉलेज
सर श्रीराम ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में इस महाविद्यालय को बनवाया था. सर श्री राम द्वारा स्थापित, इस कॉलेज का नाम उनके दिवंगत पत्नी के नाम पर रखा गया था. वो एक व्यापारी थे, जिन्होंने दिल्ली क्लॉथ और जनरल मिल्स की स्थापना की थी. इस इंस्टीट्यूशन की शुरुआत दरियागंज के एक पुराने स्कूल से हुई थी और आज ये कॉलेज देश के बड़े और प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान में से एक है.
21. खान मार्केट
खान अब्दुल जब्बार खान या फ्रंटियर गांधी एक स्वतंत्रता सेनानी थे. इनकी पहचान एक महान राजनीतिक नेता के रूप में थी. वो अब्दुल गफ़्फ़र खान के भाई थे. 1937 में जब प्रांतीय चुनाव घोषित किए गए, तो उन्होंने इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीत हासिल की थी.
आज हमारे-आपके पास जो भी ये धरोहरें हैं, उसके पीछे किसी न किसी का नाम है, इन महान लोगों ने हमें अच्छा भविष्य देने के लिए कई कुर्बानियां दी, बगावत की. आज हम जिन सड़कों पर और राजमार्गों पर सफ़र का आनंद तो ले रहे हैं, पर इनके प्रति हमारा भी तो कुछ कर्तव्य है, जिसे हम भूल चुके हैं. आज इन महान लोगों को इस पोस्ट के ज़रिये हमने एक श्रधांजलि देने की कोशिश की है.