ऑपरेशन विजय के नाम से जाने जाना वाला कारगिल युद्ध भारत के लिए पाकिस्तान के ख़िलाफ मिली सैन्य, राजनीतिक और एक कूटनीतिक जीत थी. हर साल 26 जुलाई को इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में भारतीय सेना ‘विजय दिवस’ मनाती है.
आज आपको भारतीय सेना की शौर्यगाथा का एक अध्याय बन चुके इस युद्ध से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं. इनके बारे में जानकर आप अपनी सेना पर और भी गर्व महसूस करने लगेंगे.
1. 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ ये युद्ध लद्दाख के कारगिल इलाके में लड़ा गया था. ये पहले बाल्टिस्तान का हिस्सा था, जो कश्मीर में हुए पहले युद्ध के बाद LOC से अलग कर दिया गया था.
2. 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ ये पहला युद्ध था.
3. इस युद्ध के दौरान देश में एनडीए की सरकार की थी, जिसे पीएम अटल बिहारी वाजपेयी लीड कर रहे थे.
4. भारतीय सेना ने घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुए पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को खदेड़ भगाने के लिए ऑपरेशन विजय लॉन्च किया था.
5. ये युद्ध पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते का उल्लंघन था. इसमें दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा के पास सशस्त्र युद्ध न लड़ने पर सहमती बनी थी.
6. इस युद्ध में भारतीय वायुसेना ने ‘सफ़ेद सागर’ नाम का ऑपरेशन चलाया था. ये पहला मौक़ा था जब 32000 फ़ीट की ऊंचाई पर वायुसेना ने किसी ऑपरेशन को अंजाम दिया था. इसके लिए कुछ इंज़ीनियर्स को सिर्फ़ 1 सप्ताह की ट्रेनिंग दी गई थी.
7. यूं तो पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय 14 जुलाई को सफ़ल घोषित किया था. लेकिन अधिकारिक तौर पर 22 जुलाई को इस ऑपरेशन को बंद करने की घोषणा की गई थी.
8. इस युद्ध में भारत के करीब 527 जवान शहीद हुए थे. इनकी याद में भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के द्रास में एक वार मेमोरियल बनाया है. यहां शहीद हुए सभी जवानों के नाम अंकित हैं.
9. कारगिल युद्ध पहाड़ी क्षेत्र में लड़े गए अब तक के ख़तरनाक युद्धों में से एक है. इस तरह के इलाके में युद्ध करना आसान नहीं होता.
10. ये युद्ध परमाणु शस्त्र रखने वाले दो देशों के बीच हुआ पहला युद्ध था. साथ ही ये पहला युद्ध था जिसकी पूरी मीडिया कवरेज हुई थी.
इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को हमारा सलाम.