Wang Chang Qi नाम का चीनी सिपाही भारत-चीन युद्ध के वक़्त भारतीय सीमा में आने के बाद वापसी का रास्ता भूल गया. हिन्दुस्तानी फौज द्वारा पकड़े जाने के बाद उसने ख़ुद को सर्वेक्षक बताया लेकिन उसके ऊपर जासूसी का आरोप लगा. भारतीय क़ानून के हिसाब से मुकदमा चलाया गया. सात साल की सज़ा हुई, जो Wang Chang ने मध्यप्रदेश के बालाघाट जेल में काटी. 

NDTV

जेल से छूटने के बाद Wang Chang मध्यप्रदेश के Tirodi गांव में ही बस गया. पहले एक आटा मिल में काम किया फिर अपनी एक किराने की दुकान डाल ली. उसने एक भारतीय महिला से शादी की, चार बच्चे हुए, दो लड़की और दो लड़के. 

साल 2017 में Wang एक चीनी अधिकारी से मिला, जिसने बाद में उसको वापस अपने परिवार से चीन में मिलने जाने में सहायता की. मल्टी-एंट्री वीज़ा की मदद से Wang 2017-18 में दो बार अपने बड़ा भाई से मिलने चीन गए. 2018 के अक्टूबर में जब Wang चीन अपने परिवार के पास गए तब से वो भारत वापस नहीं आए. मार्च, 2019 में उनका वीज़ा न रिन्यू हो सकने की वजह से उनकी वापसी रुक गई है. 

Wang Chang Qi (third from left) with his relatives in China.(Indian Express)

बेटे Vishnu Wang(38) के अनुसार उसके 80 साल के पिता ने अप्रैल में ही चीन में वीज़ा के लिए आवदेन डाल दिया था. लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिला. भारत में भी उनका परिवार अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन बात नहीं बन रही. 

मैंने विदेश सचिव और संयुक्त सचिव को मेल लिखा, लोकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. यहां और चीन के दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि वो एक-दूसरे की प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे हैं.

-Vishnu Wang

Vishnu बालाघाट की एक बारुद फ़ैक्ट्री में काम करते हैं. उनका कहना ही कि दोनों देश की सरकारें ही उनके परिवार की किस्मत तय करेगी. वो लोग पूरी तरह से चीन में शिफ़्ट होने के लिए भी तैयार हैं.