सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फ़ेसबुक’ ने मशीन को दिमाग़ से नियंत्रित करने पर काम कर रहे स्टार्टअप ‘सीटीआरएल-लैब्स’ के साथ एक बड़ी डील की है.

अब तक हम सभी कंप्यूटर या फिर मोबाइल फ़ोन को कीबोर्ड या फिर टचस्क्रीन से कंट्रोल किया करते थे, लेकिन अब यही काम आप अपने दिमाग़ के एक निर्देश से भी कर सकते हैं.

मतलब ये कि आप दिमाग़ में सोचेंगे कि मोबाइल की स्क्रीन बिना हाथ लगाए खुल जाए तो वो खुल जायेगी. दिमाग़ के एक निर्देश से बिना माउस या फिर कीबोर्ड के आप कंप्यूटर भी चला सकते हैं. जी हां जल्द ही ऐसा होने जा रहा है जब आप दिमाग़ में कुछ सोचने या फिर शरीर की हरकत (जेस्चर्स) से भी कंप्यूटर और मोबाइल को ऑपरेट कर सकते हैं.

फ़ेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट (वर्चुअल रियल्टी) एंड्रयू बोसवर्थ ने बताया कि, ‘सीटीआरएल-लैब्स’ दिमाग़ से मशीनों को नियंत्रित करने की टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है. कंपनी का मक़सद इस टेक्नोलॉजी को पूर्ण रूप से उपभोक्ता तक पहुंचाना है.
एंड्रयू बोसवर्थ ने कहा, हम जानते हैं कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में कम्युनिकेशन के कई सहज साधन मौजूद हैं. लेकिन समय के साथ अब कम्युनिकेशन के साधन भी बदलते जा रहे हैं. हम उन्हें और विकसित करना चाहते हैं. अब आप कलाई की घड़ी या फिर अपने हाव-भाव से भी उपकरणों को अपने कंट्रोल में कर सकते हैं.

‘सूचना और तकनीकी के इस दौर में समय-समय पर बदलाव ज़रूरी हैं. हमने भी इसी को देखते हुए ‘सीटीआरएल-लैब्स’ के साथ ये समझाता किया है. उम्मीद करते हैं कि भविष्य में लोगों को हमारी ये कोशिश ज़रूर अच्छी लगेगी’.

तो दोस्तों अगर आपको भी मोबाइल की स्क्रीन या फिर लैपटॉप को बंद करने में आलस आता है तो ये टेक्नोलॉजी आप ही का इंतज़ार कर रही है.