अगर कोई पूछता है कि ऐसा कौन है, जिसके जीवन में देश की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सबसे बड़ा है, तो आप गर्व से कह सकते हैं, आर्मी. आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसी संस्था के बारे में, जहां से देश के रक्षक निकलते हैं. ये जगह है Indian Military Acedamy. हिमालय की गोद में बनी ये जगह उत्तराखंड के देहरादून शहर में लगभग 1400 एकड़ में बसी है. हर साल यहां से देश के बेहतरीन ऑफ़िसर ट्रेन होकर निकलते हैं.

देशप्रेम, प्रशिक्षण और आत्म-विश्वास से लबरेज एक ऑफ़िसर जब यहां से निकलता है, तो उसे देश के लिए मर-मिटने का भी कोई गम नहीं होता. आइये आपको इस एकेडमी से जुड़े कुछ तथ्यों से परिचित करवाते हैं.

1. दो दशकों तक भारतीय नेताओं द्वारा लगातार दबाव बनाने के बाद अंग्रेज़ी सरकार ने 1932 में इसकी स्थापना की. उस समय इसको स्थापित करने की कमान Field Marshal Sir Philip Chetwode के हाथों में थी और उन्होंने ही इसको देहरादून में स्थापित करने का फ़ैसला किया था.

2. 1934 में IMA के पहले बैच से निकले 40 छात्रों को Poineers कहा जाता है. इनकी ट्रेनिंग एक अक्टूबर 1932 को शुरू हुई थी.

3. Field Marshal Sam Manekshaw, General Muhammad Musa और Lieutenant General Smith Dun ये तीनों यहां के Poineers थे, जो बाद में भारत, पाकिस्तान और बर्मा के आर्मी चीफ़ बने. Field Marshal Manekshaw भारत के आठवें चीफ़ बने थे और भारत को कारगिल के 1971 वाले युद्ध में जीत भी दिलाई थी.

4. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस एकेडमी में ट्रेनिंग का सत्र दो साल से कम होकर 6 महीने का कर दिया गया. इस दौरान 3887 ऑफ़िसर्स को प्रशिक्षण दिया गया.

5. अभी तक इस एकेडमी ने कुल 60,000 ऑफ़िसर्स को ट्रेनिंग दी है, जो विश्वभर में कहीं न कहीं आर्मी का नाम ऊंचा कर रहे हैं. भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और ब्रिटेन के ऑफ़िसर्स को भी यहां ट्रेन किया गया है.

6. आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसा कोई युद्ध नहीं है, जिसमें IMA के Alumni ने हिस्सा न लिया हो. यहां के छह लोगों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है.

7. कैंपस के अन्दर एक War Memorial Site बनवाई गई है, जहां लड़ते हुए वीरगति पा चुके ऑफ़िसर्स को श्रद्धांजलि दी जाती है.

8. इस एकेडमी का मुख्य सिद्धांत वीरता और विवेक है.

9. हर साल प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एक परेड की जाती है. इसमें आर्मी का ‘Sword Of Honor’ उस कैंडिडेट के हाथ में होता है, जो यहां का बेस्ट कैडेट होता है. इस दौरान देश की रक्षा की पवित्र कसम भी दिलाई जाती है.

10. ऋतिक रोशन द्वारा अभिनीत फ़िल्म ‘लक्ष्य’ के कुछ दृश्य इस कैंपस में शूट किये गये हैं.

योद्धा पैदा नहीं होते, बल्कि इंडियन आर्मी द्वारा बनाये जाते हैं. ये आर्मी प्रशिक्षण संस्थान देश के ही नहीं, बल्कि विश्व के महान संस्थानों में से एक है.