आज ‘World Bicycle Day’ के मौके पर जहां लोग साइकिल चलाने को प्रमोट कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत की मशहूर साइकिल निर्माता कंपनी एटलस (Atlas) ने आर्थिक तंगी के चलते अपनी फ़ैक्ट्री बंद कर दी है. इसके चलते कंपनी में काम करने वाले 1000 से अधिक कर्मचारी बेरोज़गार हो गए हैं.  

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बताया जा रहा है कि मशहूर साइकिल निर्माता कंपनी एटलस का ग़ाज़ियाबाद के साहिबाबाद में एक कारखाना है. इस कारखाने में 1000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. बुधवार को कंपनी के अचनाक फ़ैसले के बाद सैकड़ों लोग बेरोज़गार हो गए हैं.  

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कारखाने के प्रबंधक ने कहा है कि कंपनी मालिकों के पास फ़ैक्ट्री चलाने के लिए पैसा नहीं है, इसलिए इसे बंद किया जा रहे हैं. नोटिस में कहा गया है कि कंपनी पिछले कई वर्षों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है. कंपनी के सभी उपलब्ध फ़ंड भी खर्च हो गए हैं और स्थिति ये बन गई है कि आय का कोई अन्य स्रोत ही नहीं बचा है.  

नोटिस में ये भी कहा गया है कि, कंपनी कच्चा माल ख़रीदने में भी असमर्थ है. यहां तक कि कंपनी के पास दैनिक ख़र्चों के लिए भी पैसा नहीं बचा है. ऐसी स्थिति में कंपनी फ़ैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं है. ये स्थिति तब तक बने रहने की आशंका है, जब तक कंपनी धन का प्रबंध न कर लें. 

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कंपनी ने जारी किया ले-ऑफ़ नोटिस 

कंपनी ने कारखाना प्रबंधक के माध्यम से अपने सभी कर्मचारियों को ले-ऑफ़ की सूचना दी है. इस दौरान कंपनी ने फ़ैक्ट्री के गेट पर नोटिस चिपकाकर कहा है कि, सभी कर्मचारियों को 3 जून से ले-ऑफ़ पर भेजा जा रहा है. इस दौरान कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश छोड़कर प्रतिदिन फ़ैक्ट्री के गेट पर अपनी हाज़िरी ज़रूर लगाएं नहीं तो कम्पंसेशन पाने के अधिकारी नहीं होंगे.

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न्यूज़ 18 से बातचीत में कर्मचारियों का कहना है कि, लॉकडाउन के बाद 1 जून से कारखाना खुला था. 1 और 2 जून को कारखाने में काम भी किया, लेकिन ३ जून को गेट पर अचानक नोटिस लगा दिया. हमसे कहा कि आप हाज़िरी लगाओ और अपने-अपने घर को जाओ. सैलरी को लेकर कहा है कि आधा देंगे या नहीं देंगे, वो बाद की बात है. 5000 रुपये दिए भी तो उसमें तो हमारा किराया भी नहीं निकलेगा. 

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इस दौरान एक कर्मचारी ने बताया कि लॉकडाउन से पहले कंपनी ने डेढ़ लाख से 2 लाख तक साइकिलें बेची. लॉकडाउन में थोड़ा असर ज़रूर पड़ा है, प्रोडक्शन में कोई कमी नहीं आई थी. अचानक आर्थिक तंगी की बात समझ से परे है. 1 साल पहले मध्यप्रदेश के मालनपुर स्थित यूनिट को भी इसी तरह बंद कर दिया था. सोनीपत में सबसे बड़ा प्लांट था उसे भी बंद कर दिया गया है.