दिन भर घर में रहती हो, आखिर तुमको करना ही क्या पड़ता है… मज़े से घर में बैठी रहती हो, बाहर जाओगी तब पता चलेगा… क्यों कुछ जानी पहचानी सी लग रही हैं न ये लाइन्स? लगेंगी ही आखिर हम जिस समाज का हिस्सा हैं, वहां जो ऑफ़िस जाता है यानि की मर्द वो बहुत काम करता है, और जो पूरा घर, बच्चे संभालती है, रसोई, घर की साफ़-सफ़ाई करती है यानी औरत वो तो कुछ नहीं करती है. क्यों सही कहा न?

लेकिन ये सच नहीं है. एक औरत की ड्यूटी होती है, वो 8-9 घंटों की ऑफ़िस जॉब से कहीं ज़्यादा कठिन होती है क्योंकि एक औरत साल के 12 महीने, 54 हफ्ते, 365 दिन चौबीसोन घंटे काम करती है. इसलिए एक हाउसवाइफ़ की जॉब सबसे कठिन होती है, जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं है.

लेकिन दुनिया का हर आदमी औरतों के लिए ख़ासकर कि हाउसवाइफ़्स के लिए ऐसा नहीं सोचता है. वो उनके काम की भी उतनी ही कद्र करता है, जितनी कि अपने काम की.

इस शख़्स का नाम Brad Kearns है और वो तीन बच्चों के पिता हैं. वो हमेशा अपनी पत्नी का साथ देते हैं और उनके कामों में हाथ बंटाते हैं. Brad Kearns ने अपने बच्चों की परवरिश के एक-एक पल को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

पत्नी की घर के कामों में व्यस्तता को देखते हुए Brad Kearns ने पूरे समय बच्चों की परवरिश, देख-भाल और उनको संभालने का निर्णय लिया. Brad और उनकी पत्नी Sarah पिछले 10 सालों से साथ हैं. वैसे तो Brad एक कंपनी में बतौर बिज़नेस डेवलपमेंट लीड और वर्कफ़ोर्स प्लानर कार्यरत हैं.

Brad ने अपनी पोस्ट में लिखा:

उनकी जॉब उनकी पत्नी Sarah, जो दिनभर घर में सारे काम संभालती है, के काम के आगे कुछ भी नहीं है. बच्चों की अच्छे से देखभाल करने के लिए Sarah जो काम करती है, वो देखने और सुनने में बहुत आसान लगते हैं, लेकिन हैं नहीं, जैसे बच्चों को बाहर घुमाने ले जाना, ‘बिलकुल भी आसान नहीं है.’ हालंकि, उन्होंने ये भी समझाया कि कैसे घर के ये छोटे-छोटे काम थका देते हैं. और इनकी तुलना करना पत्नी का अपमान करने जैसा है. खासकर के तब जब बात घर पर रह कर काम करने की हो या फिर बाहर जाकर काम करने की.’ इसके साथ ही Brad ने ये भी लिखा कि बच्चों के साथ हर कोई कड़ी मेहनत करता है, इस बात की परवाह किये बिना कि इस काम के लिए उनको कुछ मिल रहा है या नहीं.

Brad की इस फेसबुक पोस्ट आप नीचे पढ़ सकते हैं:

 Source: DaDMum