धरती पर कई बार जीवों का बड़े स्तर पर विनाश हुआ है. इनमें से सबसे विनाशकारी घटना है पृथ्वी पर से डायनासोर का विलुप्त होना. जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि अब तक धरती पर 5 बार Mass Extinction हो चुका है. इन विनाशकारी घटनाओं की वजह से पृथ्वी पर पाए जाने वाले लगभग 75 फ़ीसदी जीव नष्ट हो गए. Palaeontologists ने अलग-अलग जगहों पर मिले जीवाश्मों पर रिसर्च कर इसका पता लगाया है. इन विनाशकारी घटनाओं का एक ही बड़ा कारण है वो है तेज़ी से होता जलवायु परिवर्तन.
इनका कहना है कि हम फ़िलहाल छठे Mass Extinction वाले युग में जी रहे हैं. आइए जानते हैं अब तक कि सबसे बड़ी विनाशकारी घटनाओं के बारे में जो अब तक पृथ्वी पर घट चुकी हैं.
1. End Ordovician
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444 मिलियन वर्ष पहले हुई इस विनाशकारी घटना में धरती पर मौजूद 86% प्रजातियां ख़त्म हो गई थीं. इन्हें Graptolites कहा जाता था, जिनमें से अधिकतर समुद्री जीव थे. इनका ख़ात्मा धरती पर आए पहले हिमयुग (Ice Age) के चलते हुए था.
2. Late Devonian
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ये घटना धरती पर 375 मिलियन वर्ष पहले हुई थी. इसमें 75 फ़ीसदी प्रजातियां ख़त्म हो गई थीं. तब जो जीव धरती पर रहते थे उन्हें Trilobites कहा जाता था. ये पहली विनाशकारी घटना में बच गए थे. मगर पहली विनाशकारी घटना (Devonian काल) के बाद समुद्र में उग आई काई के कारण ये विलुप्त होते गए. क्योंकि इसकी वजह से समुद्र में ऑक्सिजन खत्म होने लगी थी.
3. End Permian
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251 मिलियन साल पहले हुई थी ये विनाशकारी घटना. इसमें 96 प्रतिशत जीव ख़त्म हो गए थे. इसे The Great Dying भी कहते हैं क्योंकि इस दौरान पृथ्वी पर मौजूद लगभग सारी प्रजातियां नष्ट हो गई थीं. इनका विनाश उस दौरान आए एक प्राकृतिक आपदाओं के तूफ़ान के कारण हुआ था.
4. End Triassic
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200 मिलियन पहले हुई इस विनाशकारी घटना में 80 फ़ीसदी प्रजातियां ख़त्म हो गई थीं. Palaeontologists ने इनके दातों के जीवाश्म पर रिसर्च कर ये बताया था कि हमारे दांत और हड्डियां इनसे मिलती जुलती हैं. ये किस कारण विलुप्त हुए इसका अभी तक कोई कारण सामने नहीं आया है.
5. End Cretaceous
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66 मिलियन वर्ष पहले हुई इस घटना में धरती की 76 प्रतिशत प्रजातियां नष्ट हो गई थीं. उस दौरान मिले समुद्री जीवों को Ammonite कहते थे. तब डायनासोर भी मौजूद थे, जो धरती पर राज करते थे. ज्वालामुखी विस्फोटों और जलवायु परिवर्तन के कारण इनका ख़ात्मा हुआ. रही सही कसर धरती पर आए Asteroid ने कर दी थी, जिसमें ये लगभग समाप्त ही हो गए थे.
क्या हम भी विनाश की ओर बढ़ रहे हैं?
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हां! परिस्थितियां कुछ ऐसी ही बन रही हैं. पर्यावरण का बढ़ता तापमान, ग्लोबल वॉर्मिंग, ध्रुवों से बढ़ती संख्या में ग्लेशियरों का पिघलना और बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण इस बात के संकेत दे रहे हैं. उस वक़्त धरती की तबाही के लिए प्रकृति ज़िम्मेदार थी, लेकिन अब आने वाले कुछ सौ सालों में धरती की तबाही के लिए इंसान ज़िम्मेदार होगा.
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विनाशकारी परिवर्तन हुए लगभग 66 मिलियन वर्ष हो गए हैं, लेकिन अब भविष्य में विनाश की संभावनाएं बढ़ रही हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में होने वाली तबाही पिछली तबाही से लगभग 50 प्रतिशत ज़्यादा ख़तरनाक होगी. जिस तरह से इंसान जैव विविधता के लिए ख़तरा बन रहा है, उसके मद्देनज़र यह कहना ग़लत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में जैव विविधता के ख़त्म होने का ख़तरा और बढ़ जाएगा. आने वाले 100 या 1000 सालों में हो सकता है धरती पर कोई ऐसा विस्फोट हो, जिसके कारण धरती का ‘Eco System’ तबाही की ओर बढ़ जाए.
इन सभी विनाशकारी घटनाओं से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन धरती के जीवों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए समय रहते पर्यावरण को बचाना होगा वरना हमारा अस्तित्व ही नहीं रहेगा.