हिंदुस्तान में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी भव्यता और मान्यता के लिये जाने जाते हैं. ऐसे ही अनोखे मंदिरों में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसके सारे पिलर हवा में लटके हुए हैं. हम बात कर रहे हैं 16वीं सदी में बने आंध्रप्रदेश के अनंनतपुर ज़िला स्थित लेपाक्षी मंदिर की. कहा जाता है कि इस मंदिर के 70 पिलर का ज़मीन से कोई वास्ता नहीं है और वो हवा में लटके रहते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c581033da1a27621c177a04_d5a0825b-6f84-4e4a-a639-4e5c78cc0506.jpg)
मंदिर पहुंचने वाले भक्तों के लिये ये नज़ारा बेहद ख़ास होता है और अब तक ये बात सभी के लिये एक रहस्य मात्र बनी हुई कि सालों से पिलर हवा में कैसे हैं?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c581033da1a27621c177a04_20067c13-7fb0-4c1d-88cb-017e13c196cd.jpg)
क्या हैं मंदिर से जुड़ी मान्यताएं?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c581033da1a27621c177a04_6bce88d4-844c-43ee-871f-9aba539d5e08.jpg)
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/02/5c581033da1a27621c177a04_4a85deb3-6281-4790-b7e2-c03e6bcd148a.jpg)
कुर्मासेलम की पहाडियों पर बना ये मंदिर कछुए की शेप में बना है. मान्यता अनुसार, मंदिर का निर्माण विरुपन्ना और विरन्ना नाम के दो भाइयों द्वारा 1583 में किया गया था. वहीं पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक, ये मंदिर अगस्त्य ऋषि की देन है. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि लेपाक्षी मंदिर भगवान शिव का क्रूर रूप है, जो कि वीरभद्र दक्ष यज्ञ के बाद अस्तित्व में आया. इस मंदिर में माता सीता के पद चिन्ह भी देखने को मिलते हैं और यहां विराजमान माता को भद्रकाली कहा जाता है.
Source : DB