भारत यानि हमारा अपना प्यारा देश जहां नदियों को पवित्र मानकर देवी के रूप में पूजा जाता है. फिर चाहे वो गंगा नदी हो, जमुना जी हो, सरस्वती या कोई अन्य नदी हो, हर नदी की अपनी महत्ता है और लोग अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार उनको पूजते हैं. मगर एक वो ज़माना था जब इन नदियों का पानी इतना स्वच्छ था कि बिना छाने पिया जा सकता था.
पर आज वो दौर है जब इन नदियों की हालत काफ़ी दयनीय हो गई है. गंगा नदी के साथ दिल्ली की यमुना भी दूषित हो चुकी है. और इन नदियों के दूषित होने का मुख्य कारण है इन्डस्ट्रियल वेस्ट. बड़ी-बड़ी फ़ैक्टरीज़ कैमिकल्स के वेस्ट को नदियों में बहा देती हैं. इन वेस्ट की वजह से उस पर सफ़ेद झाग की परत जम गई है.
हालांकि, देश में इन नदियों का सफ़ाई अभियान ज़ोरों पर है, जिसके चलते राज्य और केंद्र सरकार ने कई क़ानून भी पारित किये हैं. लेकिन इसका कोई असर लोगों पर पड़ नहीं रहा है, जिसका सबूत है यमुना नदी में उफनता ये झाग.
एक्सपर्ट का कहना है कि औद्योगिक कचरे से यमुना का प्रवाह भी थम गया है.
कितनी दुर्भाग्य की बात है कि दूषित इस झाग के बीचों-बीच खड़े होकर दिल्ली की महिलाओं को छठ की पूजा करनी पड़ रही है. क्योंकि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है और वो इस काले पानी के ऊपर जमे इस झाग में खड़े होकर पूजा करने को विवश हैं.
दिल्ली में यमुना नदी कितनी ख़राब हो चुकी है इसका अंदाज़ा लगाने के लिए ये वीडियो क्लिप ही काफ़ी है, जिसमें आप साफ़ देख सकते हैं कि कैसे दो महिलायें झाग में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दे रही हैं और एक आदमी उस झाग को हटा रहा है.
This is not Baikal Lake of Russia.. This is not Baltic sea of Europe, This is not Bright Blue Pond of Japan.. This is Maa Jamuna. Devotees are seen perform prayer during Chhath Puja.pic.twitter.com/kLDxfeK4F0
— Zoo Bear (@zoo_bear) November 14, 2018
कुछ साल पहले यमुना नदी की कुछ फ़ोटोज़ सामने आई थीं. इनमें महिलाएं छठ पूजा भी इसी झाग वाले प्रदूषित पानी में कर रही थीं. इस पूजा के लिए उनको नदी में कमर तक उतरना होता है.
हर साल दिल्ली में महापर्व छठ जोरशोर से मनाया जाता है, घाटों को सजाया जाता है.
बड़ी संख्या में भक्त सूर्य देवता को अर्घ्य देने और यमुना नदी में डुबकियां लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस यमुना नदी में आप बड़ी आस्था के साथ छठ पूजा करने जाते हैं, उसका पानी आपकी सेहत के लिए कितना बड़ा खतरा है?
एक्सपर्ट्स के हिसाब से यमुना अब नदी नहीं, बल्कि एक गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है, अलग-अलग शहरों के कारखानों से निकलने वाला रसायन, औद्यौगिक कचरा, यमुना के किनारे बसे लोगों के मल-मूत्र और सीवर का पानी मिलता है.
इतना ही नहीं दिल्ली में बह रही यमुना में करीब 18 नाले मिलते हैं, जो इसके पानी में सारे शहर की गंदगी मिला देते हैं, इस कारण यमुना इतनी ज़हरीली हो चुकी है कि यमुना का पानी हाथ में लेने के भी लायक भी नहीं है.
विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना अब इतनी प्रदुषित हो चुकी है कि इसके पानी से त्वचा संबंधी कई गंभीर बीमारियों के होने का ख़तरा तो है कि साथ ही स्किन कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी भी हो सकती है.
वहीं इसमें डुबकी लगाने से यमुना का प्रदूषित पानी कान-मुंह से शरीर के अंदर भी पहुंचता है, जिससे पेट से संबंधित बीमारीयों के होने का खतरा बढ़ जाता है.
आइये कुछ फ़ोटोज़ के ज़रिये देखते हैं कि हमने क्या दुर्गति कर दी है यमुना नदी की:
Image Sources: dailymail & Indianepress