कुछ अलग कर गुज़रने के लिए आपको कौन सी बात, कौन सी घटना प्रेरित कर दे ये आप भी नहीं कह सकते. किसी शख़्स को उसके गांव की ग़रीबी प्रेरित कर देती है तो किसी को अपनी ज़िन्दगी की कोई घटना.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/05/5ce12182b37f127851361041_7505cb4c-404b-4b61-a2e1-bc58f92ee31a.jpg)
कौन हैं डॉ. सैनी?
हरियाणा के डॉ.सैनी ने 1991 में Haryana Environmental Society (HES )की स्थापना की और तब से लेकर अब तक हरियाणा को हरा-भरा बनाने में लगे हैं. आज हरियाणा के 4 ज़िलों (यमुनानगरा, अंबाला, पंचकुला और कुरुक्षेत्र) में ये NGO सफ़लतापूर्वक काम कर रहा है. 1991 में 1500 रुपए से उन्होंने HES की शुरुआत की.
आज जो भी व्यक्ति पौधा लगाना चाहता है, उससे पेड़ की देख-रेख के लिए 1300 रुपए का दान लिया जाता है. दान करने वाले को सम्मान देने के लिए, दान करने वाले का नाम लिखा जाता है.
-डॉ. सैनी
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/05/5ce12182b37f127851361041_614d5bcb-b468-430a-9336-366a4322479e.jpg)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. सैनी के NGO के समर्थकों ने 1991 से अब तक 2 लाख से ज़्यादा पौधे लगाए, जिनमें लगभग 1.5 लाख पौधे आज हरे-भरे पेड़ बन चुके हैं.
इराक़ जाकर मिली प्रेरणा
1990 में एक Exchange Program के दौरान, डॉ. सैनी इराक़ के Al-Anbar विश्वविद्यालय गए. वहां के लोगों को रेगिस्तान को हरा-भरा बनाता देखकर डॉ.सैनी काफ़ी प्रभावित हुए. वहां से डॉ. सैनी अपने राज्य को हरा-भरा बनाने के मिशन के साथ लौटे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/05/5ce12182b37f127851361041_743d4c37-1dce-446c-9a37-a0550c56195a.jpg)
Al-Anbar में मेरी मुलाक़ात एक जापानी व्यक्ति से हुई, जिससे मैंने उसके देश के विकास का राज़ पूछा. उसने कहा कि जापानी नेक काम में यक़ीन करते हैं. इराक़ियों को रेगिस्तान को हरा-भरा बनाते देखकर मैंने सोच लिया कि पेड़ लगाना ही मेरा नेक काम होगा.
-डॉ. सैनी
70 साल के होने पर भी काम में लगे हैं
70 वर्ष के होने के बावजूद डॉ. सैनी ने अपना पेड़ लगाने का जज़्बा क़ायम रखा है. 10 साल पहले उन्होंने अपने काम से रिटायरमेंट ली. उनके NGO के साथ आज 15000 Volunteer जुड़े हैं.
इस काम में एक ट्रांसजेंडर ने भी मेरी सहायता की पर म्युनिसपल अधिकारियों ने नहीं की. रमेश कुमारी ने अपनी पुरानी कार HES को दान कर दी और आज भी हमारे साथ जुड़ी है. हम आम आदमी के दान के सहारे ही काम कर रहे हैं पर एक मिशन को अधिक से अधिक समर्थन की आवश्यकता होती है. म्युनिसपाल्टी के लोग समर्थन करना तो दूर, हमारे ख़िलाफ़ हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ़ अपना फ़ायदा चाहिए. सिस्टम भ्रष्ट है.
-डॉ. सैनी
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/05/5ce12182b37f127851361041_22fa2ce5-e294-48fe-b5a4-dbe64d84170d.jpg)
डॉ. सैनी का ये भी कहना है कि सरकार को पर्यावरण से कोई मतलब नहीं है. अलग-अलग सरकार के सामने डॉ. सैनी ने ‘Tree Protection Act’ बनाने की मांग रखी पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ. 2004 में उन्होंने Tree Protection Act लाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी. 2006 में हाई कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
मुझे अधिकारियों से जवाब मांगने के लिए 33 चिट्ठियां लिखनी पड़ी. उन्होंने जवाब दिया कि HES द्वारा लगाए गए पेड़ उनकी संपत्ति है और उनकी सुरक्षा करना अधिकारियों की ज़िम्मेदारी नहीं है.
-डॉ. सैनी
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/05/5ce12182b37f127851361041_44429bb2-8103-4136-b0e2-4f0716a5c69b.jpg)
डॉ. सैनी ने प्रधानमंत्री मोदी को भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी है.