उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में रहने वाले जमुना प्रसाद ‘बोस’ चार बार विधायक और दो बार मंत्री रह चुके हैं. बांदा जिले में उनको कौन नहीं जानता है. लेकिन कितने दुर्भाग्य की बात है कि 92 वर्षीय जमुना प्रसाद बोस के पास आज भी अपना घर नहीं है. वो एक किराए के घर में रहते हैं. बांदा सहित पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों को बोस के ईमानदारी पर नाज है. उनकी खासियत ये है कि आज भी उनको जिस कार्यक्रम में बुलाया जाता है, वो वहां वक़्त से पहले ही पहुंचते हैं.

गौरतलब है कि जब 1938 में सुभाष चंद्र बोस त्रिपुरी कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, तब से ही जमुना प्रसाद के जानने वाले उनको भी बोस कहने लगे. 1974 में जमुना प्रसाद बोस प्रजा सोशलिस्ट पार्टी की ओर से चुनाव में खड़े हुए और जीते. तब ही पहली बार वो बांदा सदर से विधायक बने. इसके बाद 1977 में यूपी के ग्राम विकास व पंचायती राज मंत्री बम गए.

bundelkhandnews

इसी तरह 1985 में वो फिर से विधायक बने. 1989 में मुलायम सरकार में पशुपालन व मत्स्य मंत्री रहे. लेकिन सत्ता में होने के बाद भी वो अपने लिए एक घर तक नहीं बना पाए. जमुना प्रसाद बोस अपने बारे में बताते हुए कहते हैं कि 1945 में जब उनकी बहन की शादी हुई थी तब उनका पुश्तैनी मकान 500 रुपये में बिक गया था.

आपको बता दें कि वर्तमान में बोस जिस घर में रहते हैं उसकी हालत ज्यादा अच्छी नहीं है. घर की दीवारों का पेंट उतर चुका है, जिस कारण दीवारों के सफ़ेद धब्बे दिखाई देने लगे हैं. पेंट उतर चुका है. लेकिन उनके कमरे की साइड की दीवार पर विनोबा भावे और सुभाष चन्द्र बोस की तस्वीरें लटकी हुई हैं. इन सबके अलावा उनके इस घर के बरामदे में एक चारपाई है, जिस पर लेट कर वो धुप सकते हैं.

ytimg

आपको बता दें कि वर्तमान में बोस जिस घर में रहते हैं उसकी हालत ज्यादा अच्छी नहीं है. घर की दीवारों का पेंट उतर चुका है, जिस कारण दीवारों के सफ़ेद धब्बे दिखाई देने लगे हैं. पेंट उतर चुका है. लेकिन उनके कमरे की साइड की दीवार पर विनोबा भावे और सुभाष चन्द्र बोस की तस्वीरें लटकी हुई हैं. इन सबके अलावा उनके इस घर के बरामदे में एक चारपाई है, जिस पर लेट कर वो धुप सकते हैं.

thelogicalindian

उत्तर प्रदेश के कानपुर से 125 किलोमीटर दूर स्थित बांदा में 2 कमरों के छोटे से मकान में रहने वाले बोस ने गरीबों के लिए सरकार के खिलाफ़ कई विरोध प्रदर्शन किये इसलिए भी उनको बोस नाम दिया गया.