24 वर्षीय Nicola King, 6 साल से एक गंभीर और अजीबोग़रीब बीमारी से जंग लड़ रही थीं. इस बीमारी के कारण उन्हें वज़न कम करने की धुन सवार हो गयी थी और इस तरह उनका शरीर बस हड्डियों का ढांचा बन कर रह गया था. लेकिन मात्र 18 महीनों में दृढ़ निश्चय से उन्होंने खुद को बदल डाला और एक चैंपियन बॉडी-बिल्डर बन गयीं.
निकोला को Anorexia नाम की बीमारी थी. इस बीमारी में इंसान का वज़न बेहद कम हो जाता है. पिछले हफ़्ते UK की Pure Elite’s चैंपियनशिप में उन्हें Best Body Transformation कैटेगरी में चैम्पियन का ख़िताब दिया गया.
उन्हें आज देखने वाले अगर उनकी कुछ साल पहले की तस्वीरें देखेंगे, तो उन्हें पहचान भी नहीं पाएंगे. वो इतनी पतली थीं कि कमज़ोरी के कारण उन्हें ICU में भर्ती करना पड़ गया था. डॉक्टर्स ने उनके माता-पिता से उन्हें अलविदा कहने को कह दिया था. उनके शरीर के अंग भी काम करना बंद कर चुके थे.
जब वो 16 साल की थीं, तब ही से अपने खाने की कैलोरीज़ गिनने लग गयी थीं. धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत हो गयी और उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया. वो 6 हफ़्तों तक बिना खाए-पिए रह चुकी हैं. कमज़ोरी से उनके बाल झड़ने लगे थे और उनके पीरियड भी रुक गये थे.
एक समय पर उनका वज़न मात्र 25 किलो रह गया था. वो खुद को निर्जीव महसूस करने लगी थीं. तीन हफ़्तों तक उन्हें नली से खाना खिलाया गया. 6 महीने अस्पताल में बिताने के बाद वो 2012 में घर लौटीं, तो उन्होंने ठान ली थी कि अब खुद को बदल देंगी.
2015 में उन्होंने जिम जाकर बॉडी-बिल्डिंग करनी शुरू की. आज वो बैलेंस्ड डाईट के सहारे एक स्वस्थ जीवन बिता रही हैं. एक समय वो भी था जब उनके अन्दर जीने की इच्छा मर गयी थी और डॉक्टर्स ने भी कह दिया था कि वो बचेंगी नहीं. लेकिन उन्होंने सही समय पर सही फ़ैसला लेकर सब ठीक कर दिया.
अपनी किशोरावस्था में निकोला अपने लुक्स को लेकर बेहद सजग हो गयी थीं. वो सारी कैलोरी बर्न कर देना चाहती थीं, जिसके लिए वो ज़रूरत से ज़्यादा वर्कआउट करने लगी थीं. उन्होंने चॉकलेट छोड़ने से शुरुआत की और धीरे-धीरे खाना ही छोड़ दिया.
इस मुश्किल समय में उनके माता-पिता Cathy और Martin ने उनका पूरा साथ दिया. निकाला कहती हैं कि उनके साथ के बिना शायद वो इससे कभी उबर नहीं पातीं.