कभी-कभी आंखों से ख़ुशी और ग़म के आंसू एक साथ निकलते हैं. पंजाब के 11 साल के बच्चे की कहानी जानने के बाद आपको भी कुछ ऐसा ही महसूस होगा. मिलिए सहोली गांव के रहने वाले बच्चे कमलजीत सिंह से.
कमलजीत की उम्र पर मत जाइएगा, क्योंकि इस बच्चे ने छोटी सी उम्र में जो कमाल कर दिखाया है शायद वो हम सभी की सोच से परे है. दरअसल, इस बच्चे ने अपने दाहिने पैरे कि दो उंगलियों के दम पर लिखित परीक्षा में टॉप किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कमलजीत Dysfunctional Arms और Malformed Feet के साथ पैदा हुआ था, जिस कारण वो अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस प्रतिभाशाली बच्चे ने नोटबुक रखने के लिए एक लकड़ी के बोर्ड का इस्तेमाल किया, इसके साथ ही ज़मीन पर पड़ी दरी पर बैठकर अपने पैर की उंगलियों में पेन दबा कर, पूरी शिद्दत और मेहनत के साथ एग्ज़ाम दिया.
कमलजीत की इस कोशिश को कामयाब बनाने में उसके अध्यापकों का भी बड़ा सहयोग है. स्कूल के टीचर्स ने उसके प्रयासों को न सिर्फ़ सफ़ल बनाने में उसका साथ दिया, बल्कि पैरों की उंगलियों के ज़रिए लिखने के साथ-साथ उसे पेटिंग्स ड्रा करना भी सिखाया. इसके साथ ही कमलजीत को सिंगिंग और खेल का भी शौक है.
तमाम दिक्कतों के बावजूद कमलजीत ने ज़िंदगी से कभी हार नहीं मानी. ये उसकी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि उसे स्कूल की तरफ़ से गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया गया. कमलजीत के परिवार के मुताबिक, उसका इलाज चल रहा है और जल्द ही उसके ठीक होने की संभावना है.
सच में कामयाबी बहाने नहीं, बल्कि कोशिशें देखती है. ये बच्चा देश-दुनिया के तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है. तुम्हारे हौसले और हिम्मत के लिए सलाम कमलजीत!