सर्दियों की आहट होते ही, कई लोग बीयर की जगह रम की तरफ़ प्यार भरी नज़र से देते हैं. कुछ के लिए तो रम का मतलब ही Old Monk होता है. कड़ाके की ठंड में तो Old Monk की बिक्री में वैसे भी ज़बरदस्त उछाल आ जाता है. ख़ास बात ये है कि देश की सबसे पसंदीदा ड्रिंक्स में शुमार ओल्ड मॉन्क का इतिहास भी काफ़ी दिलचस्प है.
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सन 1820 के दौरान एडवर्ड अब्राहम डायर इंग्लैंड से भारत आए थे. वे भारत में पहली Old Monk शराब की भट्टी का निर्माण करना चाहते थे. ज़्यादा लोगों को मालूम नहीं है, लेकिन एडवर्ड अब्राहम डायर, कर्नल एडवर्ड हैरी डायर के पिता थे. हैरी डायर वही शख़्स था, जिसने 1919 में जलियावालां बाग नरसंहार के आदेश दिए थे. इस घटना में कई हज़ार भारतीय घायल हुए थे और सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी.
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1855 में हिमाचल प्रदेश के कसौली में शराब बनाने की भट्टी का निर्माण किया गया था और इसे Dyer Breweries का नाम दिया गया था. कसौली की इसी शऱाब बनाने की भट्टी में देश की पहली बीयर का निर्माण हुआ था. लॉयन नाम की ये बीयर एशिया की भी पहली बीयर थी. लॉयन ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अंग्रेज़ों की पसंदीदा बीयर बनी रही.
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इसमें कोई दो राय नहीं कि जलियावालां बाग नरसंहार के लगभग सौ सालों बाद भी डायर और उनके परिवार को भारतीयों ने माफ़ नहीं किया है. दुनिया की हर चीज़ के साथ ही जलियावालां बाग की घटना भी वक्त के थपेड़ों के बीच दफ़न होती चली गई, वहीं Old Monk की भारत में लोकप्रियता बढ़ती रही. ये विडंबना ही है कि जिस परिवार को भारत में सबसे ज़्यादा नफ़रत की नज़रों से देखा जाता रहा, उसी परिवार के एक सदस्य द्वारा निर्माण किए गए एक ड्रिंक को देश में इतनी लोकप्रियता हासिल है.