Ghost Malls In India: भारत में बीते कुछ दशकों से शॉपिंग मॉल्स का चलन काफ़ी बढ़ा है. सेलेब्स ही नहीं आम लोग भी यहां शॉपिंग करने पहुंचते हैं. वीकेंड और त्योहारों पर यहां अच्छी ख़ासी भीड़ देखने को मिलती है.
मगर कोरोना काल के समय ये बंद रहे और जब ये खुले तो इनमें से कुछ में वैसी रौनक नहीं रही जैसी पहले थी. यही कारण है कि देशभर में मौजूद 57 मॉल्स बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं. इंटरनेशनल संपत्ति सलाहकार कंपनी Knight Frank की हालिया रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा हुआ है.
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Think India, Think Retail 2022 – Reinventing Indian Shopping Malls नाम की इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 271 चालू शॉपिंग मॉल हैं. इनमें से 21 प्रतिशत यानी 57 मॉल की हालत बहुत ख़स्ता है. इन्हें रिपोर्ट में Ghost Mall कहा गया है. क्या होता है घोस्ट मॉल और कहां सबसे अधिक ऐसे मॉल्स हैं, चलिए आपको बताते हैं.
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क्या है Ghost Mall?
घोस्ट मॉल उस मॉल को कहा जाता है, जिसमें 40 प्रतिशत से अधिक खाली जगह होती है. इसके कई कारण हो सकते हैं, मॉल के संचालन करने वालों में कमी, मॉल का लेआउट, बिज़नेस पार्टनर्स, इसका डिज़ाइन, कम लोगों का आना आदि.
कहां हैं सबसे अधिक Ghost Malls?
देश के 8 छोटे-बड़े शहरों में Ghost Malls हैं. इसमें सबसे पहले नंबर पर है National Capital Region (NCR). यहां सबसे अधिक 3.35 मिलियन वर्ग फ़ीट स्थान है ऐसे मॉल्स ने घेर रखा है. एनसीआर में दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम शामिल हैं. दूसरे नंबर पर है आईटी शहर बेंगलुरु. यहा 1.38 मिलियन वर्ग फ़ीट जगह ‘घोस्ट मॉल’ के कब्ज़े में है.
इसके बाद हैदराबाद और मुंबई में क्रमशः 1.14 मिलियन वर्ग फ़ीट और 1.13 मिलियन वर्ग फ़ीट की जगह फंसी पड़ी है. अन्य भारतीय शहर जहां घोस्ट मॉल स्थित हैं, वो हैं अहमदाबाद (0.37 मिलियन वर्ग फ़ीट), पुणे (0.37 मिलियन वर्ग फ़ीट), कोलकाता (0.32 मिलियन वर्ग फ़ीट) और चेन्नई (0.33 मिलियन वर्ग फ़ीट).
क्या है इन्हें बचाने का उपाय?
ये बहुत ज़रूरी है कि इन मॉल्स को फिर से अपने उपयोग के लिए बहाल किया जाए क्योंकि इसमें बहुत सारी संपत्ति चल और अचल दोनों फंसी होती है. इसके भी उपाय रिपोर्ट में बताए गए हैं:
1. स्थानीय व्यवसायों के लिए लंबी अवधि के इन्हें लीज यानी किराए पर देना. इन्हें वेयर हाउस में भी तब्दील किया जा सकता है
2. सामुदायिक कार्यक्रमों, जन्मदिन पार्टियों, त्योहारों के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और कॉर्पोरेट इंवेंट् के लिए इन्हें कम समय के लिए किराए पर उपलब्ध कराया जा सकता है.
3. इन्हें छोटे-छोटे कम्यूनिटी भवन के रूप में बदला जा सकता है. जैसे मल्टीप्लेक्स थिएटर, बंजी सॉकर, बॉलिंग एली, इनडोर क्रिकेट ग्राउंड, वीडियो गेम आर्केड, वीआर गेमिंग, मिनी गोल्फ़ आदि.
4. आख़िर में इसे गिराकर उसकी जगह पर नए अपार्टमेंट या फिर व्यावसायिक भवन का निर्माण कर नुकसान की भरपाई की जा सकती है.