आज हम आपको ठीक 400 साल पहले यानि कि 20 मई, 1570 के उस दिन की याद दिलाने जा रहे हैं, जब दुनिया का पहला आधुनिक एटलस (Modern Atlas) ‘थिएटरम ऑर्बिस टेरारम’ (दुनिया का पहला रंगमंच) प्रकाशित हुआ था. इस दिन को याद करने के लिए सर्च इंजन गूगल-डूडल ने अपने अंदाज़ में उस शख़्स को याद किया है, जिसने दुनिया को मॉडर्न एटलस से रू-ब-रू करवाया था.

उस शख़्स का नाम अब्राहम ओरटेलियस है. जी हां, यही वो व्यक्ति थे, जिन्होंने उस समय पृथ्वी की भौगोलिक बनावट के आधार पर एक माडर्न मानचित्र बना दिया था, जब दुनिया के नक्शे के बारे में किसी ने भी कल्पना नहीं की थी.

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आपको बता दें कि एक एटलस में कई मानचित्रों का एकत्रीकरण होता है, जिसे ऑर्टेलियस द्वारा बनाया गया है. अब्राहम ओरटेलियस का जन्म 4 अप्रैल 1527 को एंटवर्प, बेल्जियम में हुआ था. अब्राहम दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने एटलस की कल्पना की थी. आज के समय में देखा जाने वाला एटसल अब्राहम के दिमाग़ का ही सफ़लतम नतीजा है. उनके एटलस ने भौगोलिक मानचित्रों को एक साथ उन्हें लाकर एक ही प्रारूप में इकट्ठा किया.

गौरतबल है कि अब्राहम ओर्टेलियस के पहले एटलस के पहले संस्करण में 53 नक़्शे शामिल थे, जो 16वीं शताब्दी में आया था. दुनिया के इन नक्शों की मदद से नई खोज और बातचीत के नए रास्ते खुले. वहीं सन 1622 में उनका आखिरी एडिशन एटलस पब्लिश किया गया था, और इस आख़िरी एटलस में कुल 167 नक़्शे थे. 

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आज गूगल ने दुनिया की इस महत्वपूर्ण घटना को एक किताब के जरिए एटलस और अब्राहम ओर्टेलियस को दिखाया है और ऑर्टेलियस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए एक एनिमेटेड डूडल बनाया है. साथ ही गूगल ने उन्हें पहले कार्टोग्राफर और मूल मानचित्रों के रचनाकारों के नामों और उनके नक़्शों को लगातार जोड़ने के लिए भी याद किया है.

ndtv के अनुसार, गूगल की ओर से कहा गया है, ‘उनकी कार्टोग्राफ़िक खोज ने वास्तव में एक वैश्विक दृष्टिकोण देने में मदद की.

एक मानववादी के रूप में याद करते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि अब्राहम ओर्टेलियस बचपन से ही कई भाषाओं जैसे डच, ग्रीक, लैटिन, इतालवी, फ़्रेंच, स्पेनिश के साथ-साथ थोड़ी बहुत जर्मन और अंग्रेजी को बोल सकते थे. उन्होंने शास्त्रीय साहित्य और इतिहास की पढ़ाई की और साथ ही विजान में होने वाले निरंतर विकास पर भी अपनी पकड़ बनाई रखी थी.

ओर्टेलियस अपनी बहनों से बहुत प्यार करते थे और वो अपने जीवन यापन के लिए बतौर ‘Kaartafzetter’ काम करते थे. साथ ही उनको मानचित्रों में रंग भरने में विशिष्टता हासिल थी. यही उनके जीवन में आय का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत था. उनको प्राचीन वस्तुएं, सिक्के, मानचित्र और किताबों को इकट्ठा करने का शौक था और ऐसा माना जाता है कि एक समय ऐसा आया जब उनका कलेक्शन इतना ज़्यादा हो गया था कि उनके पास जगह नहीं बची थी. इस कारण उनको एक बड़े घर में जाना पड़ा.

एक उत्सुक यात्री के तौर पर ओर्टेलियस ने इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और आयरलैंड के साथ कई अन्य जगहों की यात्रा भी की. उनकी कई यात्राओं में से ये एक यात्रा थी, जब उन्होंने मानचित्रकार (Cartographer), Gerard Mercator के साथ यात्रा की. जिन्होंने ओर्टेलियस को अपने खुद के नक़्शे बनाने के लिए प्रेरित किया. उनके सबसे पहले नक़्शे एशिया, स्पेन और रोमन साम्राज्य के लिए पवित्र भूमि मिस्र के थे.

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अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में होने वाली खोजों से प्रभावित होकर सन 1587 में उन्होंने एक मैप पब्लिश किया, जिसका टाइटल था ‘America or the New World, a new description’.