नटवरलाल की कहानियां और किस्से, तो आपने सुने ही होंगे. वही नटवरलाल जिसने ताजमहल तक को बेच दिया था. दुनिया में ऐसे ही न जाने कितने ही नटवरलाल हुए हैं, जिनके किस्से आज भी कई जगहों पर सुनाये जाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा है अमेरिका में जंग में लड़ चुके एक ब्रिटिश सिपाही Gregor McGregor का. उसने एक बार एक ऐसे देश को बेच दिया, जो असल में था ही नहीं.

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1820 के आस-पास जब ब्रिटिश सैनिक दक्षिण अमेरिका में युद्ध करके अपने-अपने घरों की तरफ लौट रहे थे, Gregor भी ब्रिटेन लौट. यहां लौट कर उसने लोगों को अपनी बहादुरी के किस्से सुनाये और एक ऐसे देश के बारे में बताया, जहां पेड़ सावन की हरियाली से भी ज़्यादा हरे हैं. साल भर खेत फसलों से लहराते रहते हैं, नदियों में पानी के साथ-साथ सोने के पत्थर भी तैरते हैं. Gregor ये कहानियां कई लोगों को स्कूल में बच्चों द्वारा लिखने वाले किसी निबन्ध की तरह लगे, जिसमें बच्चे एक ऐसी ही काल्पनिक दुनिया का निर्माण करते हैं. पर Gregor के कहानियों को सुनाने का ढंग कुछ ऐसा था कि लोगों को उस पर विश्वास होने लगा.

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लोगों के इसी विश्वास पर Gregor ने अपने इस काल्पनिक देश की नींव रखी. Gregor ने इस काल्पनिक देश का नाम Poyais रखा. Gregor ने लोगों को कहा इस देश में हर वो चीज़ है, जो हम चाहते हैं, बस ज़रूरत है कि हम वहां जा कर उसे विकसित करें. इसके लिए उसने लोगों को वहां इन्वेस्टमेंट करने के लिए राज़ी भी कर लिया.

आज हम जिन लोगों को नटवर लाल या खुराफ़ाती दिमाग का शैतान कहते हैं, उससे 200 साल पहले ही Gregor ने लोगों को बेवकूफ बनाने का ऐसा प्लान बनाया कि कहीं शक की कोई गुंजाईश ही नहीं बची. लोगों को इस अनोखे देश में इन्वेस्टमेंट के लिए आकर्षित करने के लिए Gregor ने ब्रोशर छपवाए और पेपरों में इंटरव्यू दिए.

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Gregor स्कॉटिश मूल का एक ब्रिटेन निवासी था. हर स्कॉटिश की तरह ही वो भी चुनौतियों को अवसरों के रूप में लेता था. उसने इस चुनौती को अवसर में बदला और नकली नोटों की छपाई करवाई और 7 ऐसे जहाज़ तैयार करवाये, जो लोगों को इस काल्पनिक देश की यात्रा पर ले जाने वाले थे. Gregor की अक्लमंदी का पता इसी बात से लगता है कि यात्रा पर ले जाने से पहले ही उसने इस देश में लोगों को ज़मीन बेच कर 200,000 डॉलर कमा लिए.

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जब ये जहाज़ Poyais नाम के देश को ढूंढ़ने के लिए निकले, उससे पहले ही Gregor भाग कर फ्रांस चला गया, यहां भी उसने लोगों को ऐसे ही काल्पनिक देश के बारे में बताया और इन्वेस्टमेंट के लिए राज़ी किया, पर इस मामले में फ्रेंच लोग समझदार निकले और इन्वेस्ट करने से पहले छानबीन का सहारा लिया. इस छानबीन में Gregor की जालसाज़ी का सच उजागर हुआ. इसके बाद Gregor पर मुकदमा चला और उसे जेल भेज दिया गया, पर Gregor की कहानी यहीं खत्म नहीं होने वाली थी. उसने मुकद्दमे के खिलाफ उच्च कोर्ट में अपील की, जहां उसे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया.

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इस दौरान उसके द्वारा बनाये गए नकली बॉन्ड्स की कीमत बढ़ कर 1.2 मिलियन डॉलर के आस-पास हो गई, जिनकी कीमत आज बिलियन डॉलर है.

दुनिया भर के लोगों को बेवकूफ़ बनाने वाला Gregor एक सिपाही भी था, जिसने वेनुजुएला की आज़ादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. वेनुजुएला के आज़ाद होने के बाद Gregor का एक हीरो की तरह स्वागत किया गया, जहां उसकी मृत्यु 58 साल की उम्र में 1845 में हुई. Gregor के देहांत पर वेनुजुएला आर्मी ने उसे राजकीय सम्मान दिया.