कुछ महीने पहले ही हम सब पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण को बचाने के उपायों के बारे में बात कर रहे थे. पर ये सिर्फ़ बाते ही होती हैं क्योंकि जब बारी आती है कुछ करने कि तब हममें से ज़्यादातर लोग अपनी लाइफ़ में बिज़ी हो जाते हैं. इतना ही नहीं करीब पिछले एक दशक से हम ये बातें सुनते आ रहे हैं कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण प्रकृति को काफ़ी नुकसान हो रहा है. बड़े-बड़े बर्फ़ीले पहाड़ पिघल रहे हैं और दिन पर दिन ऐसी घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं.

ये हम ऐसे ही नहीं बोल रहे हैं. ये तस्वीरें देख कर आप अनुमान लगा सकते हैं कि पर्यावरण में अत्यधिक गर्मी की वजह से कैसे एक विशालकाय ग्लेशियर पिघलता जा रहा है. ये तस्वीरें वाकई चिंतित करने वाली हैं.

1. पूरी तरह से नष्ट होने के बाद ग्लेशियर Fjord में केवल एक आइसबर्ग तैरता हुआ.

2. लगातार समुद्र के बढ़ते जलस्तर से दुनिया भर के द्वीपों, उद्योगों और नीचे बसे शहरों पर बहुत बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है.

3. जब 1 डिग्री तापमान में डिग्री के दसवें हिस्से के बराबर बढ़ोतरी होती है, कुछ इंच बारिश कम होती है, और धीरे-धीरे बर्फ़ीली शीट का पिघलती है- पर इसको व्यक्त करना या रिकॉर्ड करना इतना आसान नहीं होता है.

4. सूरज की किरणों से चमकता हुआ हेल्हेम ग्लेशियर (Helheim Glacier). गर्मियों में यहां सूरज हर दिन सिर्फ़ कुछ घंटों के लिए ही डूबता है.

5. NASA के अनुसंधान विमान ने पूर्वी ग्रीनलैंड की चट्टानों की फ़ोटोज़ भी खींची हैं, जो धीरे-धीरे ग्लेशियर्स द्वारा धूल में मिलती जा रही हैं.

6. NASA के अनुसंधान विमान ने 40,000 फ़ीट यानि की 12,192 मीटर की ऊंचाई से ग्रीनलैंड की इस बर्फ़ीली चोटी की फ़ोटो खींची है.

7. इस फ़ोटो से आप ग्लेशियर की भयावह स्थिति का आंकलन कर सकते हैं. 

8. ग्रीनलैंड में ग्लेशियर्स का तेज़ी से पिघलना पर्यावरण असुंतलन के दुष्प्रभाव की साक्षात तस्रीव दिखा रहा है.

9. जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म हो रही है और ग्लेशियर्स की बर्फ़ पिघल रही है, फलस्वरूप समुद्र का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है.

10. NASA ने समुद्र में बढ़ती गर्मी से पिघलते पोलर आइस शीट्स के बारे में पता करने के लिए Oceans Melting Greenland (OMG) नाम का एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया है.

11. इस फ़ोटो में साफ़ दिख रहा है कि कैसे एक 4 मील चौड़े आइसबर्ग ने ग्रीनलैंड के हेल्हेम ग्लेशियर (Helheim Glacier) को तोड़ दिया.

शायद इन तस्वीरों को देखकर आपको ये भी पता चलेगा कि प्लास्टिक कचरा, कूड़ा-करकट, नदियों और समुद्रों में कैमिकल्स बहा कर और जंगलों को काट कर हमने अपने धरती और पर्यावरण के साथ असल में क्या किया है. कैसे ग्लोबल-वार्मिंग की वजह से हमारे ग्लाशियरों, नदियों आदि में बदलाव आये हैं. अगर जल्द ही पर्यावरण को सुरक्षित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो इसके परिणाम हमें भी भुगतने पड़ सकते हैं.