बेटियां घर में सबकी लाडली होती हैं. माएं उनके नखरे उठाती हैं, तो पापा हर शिकायत पर भाइयों को सुना देते हैं. कई बार तो ग़लती बहनें करती हैं और पिटाई बेचारे भाइयों की हो जाती है. ये भाई लोग भी सब समझते हैं, तभी तो हर तरह की पैरवी के लिए अपनी प्यारी बहन की शरण में चले जाते हैं. पापा से पॉकेट मनी ज्यादा लेनी हो, पार्टी में जाना हो, बाइक खरीदनी हो या कुछ भी और करना हो, पापा-मम्मी से परमिशन दिलवाने की चाभी की तरह काम करती हैं बहनें.

इसीलिए तो ये पापा-मम्मी के साथ ही भाइयों की भी चहेती होती हैं. लेकिन ये लाडली बहनें भाइयों के काम पेरेंट्स से यूं ही नहीं निकलवातीं, इसके बदले भाइयों के लिए उनके पास फ़रमाइशों की लम्बी लिस्ट होती है. सच्चाई तो ये है कि अपनी इन शैतान और प्यारी बहनों से भाइयों को भी बड़ा लगाव होता है. वे उनके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. कितनी भी नाराज़ हो बहन, उसकी हर ज़िद पूरी करने के लिए तैयार रहते हैं भाई और झट से उन्हें मना लेते हैं.
1. टीवी पर तो बहन का ही फ़ेवरेट प्रोग्राम चलेगा

मम्मी-पापा तो डांटकर चुप भी करा सकते हैं अपनी बेटी को, लेकिन भाई से वो लड़कर अपने मन की करवा ही लेती है. टीवी के रिमोट के लिए लड़ाई होने के बाद आख़िरकार भाई को बहन की जिद माननी ही पड़ती है.
2. बहन का सोशल एकाउंट

बहन छोटी है, लेकिन उसे भी सोशल मीडिया की दुनिया पसंद आने लगी है. उसका फ़ेसबुक पर एकाउंट कौन बनाएगा? यार भाई ही तो बनाएगा. ये ज़िद तो भाई ही पूरी करता है न.
3. बहन के फ़ेवरेट गैजेट्स

जब मम्मी-पापा किसी फ़ोन या गैजेट के लिए मना करते हैं, तो भाई ही होता है, जो उसकी इस डिमांड के सपोर्ट में होता है. फिर चाहे गुल्लक तोड़नी पड़े या पॉकेट मनी खर्च करनी पड़े, बहन की मर्ज़ी का गैजेट ही ख़रीदा जाता है.
4. फ़र्स्ट टाइम बाहर जाना

बहन और भाई एक-दूसरे के इतने क्लोज़ होते हैं कि बहन को अगर दोस्तों के साथ पहली दफ़ा बार जाना है तो घरवालों से नहीं, भाई से परमिशन मिलनी होती है. वजह है कि पेरेंट्स से तो बहाने मारे जा सकते हैं, लेकिन भाई को उल्लू बनाना आसान नहीं होता. इसलिए बहन भाई को सच बताती है, फिर भाई मना करता है उसे. लेकिन अंततः भाई बहन की ज़िद के आगे मान जाता है.
5. पहली डेट

बहनें तो भाई की पहली डेट को लेकर काफ़ी कुछ प्लैन भी करती हैं, जैसे वो क्या पहनेगा, क्या गिफ़्ट ले जाएगा? पर आजकल के मॉडर्न ब्रो भी इस मामले में पीछे नहीं हैं. फिर भी उन्हें बहन का डेट पर जाना बहुत रास नहीं आता. इसके बावजूद बहन के ज़्यादा ज़िद करने पर ढेर सारी नसीहतों के साथ वो उसे डेट पर जाने देते हैं.
6. दोस्तों संग आउटिंग

किसी भी भाई को ये बात आजकल बुरी नहीं लगती कि बहन शहर से बाहर दोस्तों के साथ जा रही है. पेरेंट्स को इस मामले में मनाने की ज़िम्मेदारी भी बहन अपने भाई को ही देती है.
7. लेट नाइट आना

जब बहन लेट नाइट घर पहुंचती है, तो भाई ही उसे पेरेंट्स की डांट से बचाते हैं. चाहे कितने ही तर्क क्यों न देने पड़ें लेकिन बहन को पूरा भरोसा होता है कि भइया बचा लेंगे. भले ही बाद में उसकी क्लास ले लें.
8. रिलेशनशिप की पहली नसीहत भाई ही देता है

भाई बड़ा हो या छोटा, लेकिन रिलेशनशिप की नसीहत ज़रूर देता है. इस मामले में तो मम्मी भी पीछे रह जाती हैं. बॉयफ़्रेंड को कैसे हैंडल करना है, कैसे लड़ाई निपटानी है आदि. मेरे ख़याल से ये अनुभव कई लोगों को मिला होगा.
9. कुछ भी करवा लो

भाई-बहन के बीच झगड़े तो बेहद आम हैं. हर छोटी-बड़ी बात पर लड़ाई तक की नौबत आ जाती है. फिर भी बहन के रूठ जाने पर कोई गोलगप्पे लाकर बहन को ख़ुश करता है, तो कोई चॉकलेट लाकर. बहन अगर ख़ुश हो भी गई तो उसके लिए फिर कुछ स्पेशल बनाने के लिए भी भाई तैयार रहते हैं. बहन को ख़ुश करने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार होते हैं. चाहे उनसे गाना गवा लो या उन्हें डांस करवा लो. उसकी एक स्माइल के लिए वो पूरे जोकर बन जाते हैं.
9. परेशान कर रहे लड़के को बहन पिटवा देती है

ऐसा कई भाइयों के साथ हुआ होगा कि बहन ख़ुद को परेशान करने वाले लड़के की शिकायत झट से उनसे कर देती है. इसके बाद जो होता है, वो तो सभी जानते हैं. जिन लड़कियों के कई भाई होते हैं, वो तो इस मामले में काफ़ी लकी होती हैं. मज़ाल है कि कोई लड़का उसे कुछ बोलकर निकल जाए.
10. एक भाई अपनी बहन का सबसे अच्छा दोस्त होता है.

बहन की शादी में छुप-छुपकर सबसे ज़्यादा भाई ही रोता है, फिर आकर दिखाता है कि वो रोता नहीं है, स्ट्रॉन्ग है.
11. सबसे बड़ी राज़दार

एक बहन अपने भाई की सबसे बड़ी राज़दार होती है. भाई की हर खुराफ़ात, हर बदमाशी और हर गर्लफ्रेंड से वो वाकिफ़ होती है. लेकिन ये सब कुछ वो फ़ोकट में नहीं छुपाती. इसके लिए भाइयों को वो परेशान भी करती है. कभी बोलेगी कि ये करो नहीं तो पापा को बोल दूंगी, ये करो नहीं तो मम्मी को बोल दूंगी, जैसी धमकियां भाइयों को रोज़ मिलती हैं. फिर भी वो सबसे प्यारी होती है.
12. जेब में कितने भी पैसे हों, सब बहन के लिए हाज़िर

इस बात से कई भाई सहमत होंगे कि उनकी जेब में चाहे कितने भी कम पैसे हों, लेकिन बहन के लिए कुछ लेकर ज़रूर आते हैं. ये रिश्ता ही ऐसा होता है, जिसकी कोई परिभाषा नहीं होती. बहन छोटी हो या बड़ी, उसके प्रति भाइयों के दिल में बड़ी ख़ास जगह होती है.
इन्हीं ख़ूबियों के कारण सबसे ख़ूबसूरत होता है ये रिश्ता. आप मेरी बात से सहमत हैं ,तो ये आर्टिकल अपने भाई-बहनों को टैग ज़रूर करिए.
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