दिल्ली का कनॉट प्लेस हो या मुंबई का बांद्रा, एक हरियाणवी अपनी चाल-ढाल की वजह से सौ की भीड़ में भी अलग ही पहचाना जाता है. इस बात को हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि हरियाणा का कोई बंदा जहां भी जाता है, अपने साथ अपनी कुछ ख़ास आदतें साथ ले कर जाता है. अब जैसे हरयाणवी बोली को ही ले लीजिये, जिसे कितना भी प्यार से बोल लो, सामने वाले शख़्स को ऐसा ही लगता है कि जैसे बंदा आपसे अकड़ रहा हो. आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक हरियाणवी ही कर सकता है.