ऊपर दिख रही तस्वीर मुझे बीती रात फ़ेसबुक स्क्रोल करते हुए मिली. इस फ़ोटो में दिख रही गंजी महिला को देख कर किसी को भी हंसी आ सकती, ऊपर से इसने अपने सिर पर मेंहदी लगा रखी है. मगर इस फ़ोटो को देख कर मुझे एहसास हुआ कि किस तरह से एक सकारात्मक चीज़ को भी दुष्प्रचार के ज़रिये हंसी का पात्र बनाया जा सकता है.
दरअसल, इस तस्वीर की सच्चाई ऐसी नहीं कि इस पर हंसा जा सके. इसमें किसी के जीने-मरने का सवाल और उसके संघर्ष की कहानी छुपी है. ये तस्वीर एक कैंसर पीड़िता की है, जिसे अपने बाल कीमोथेरेपी के लिए शेव करने पड़े. इस थेरेपी में मरीज़ के सिर के बाल जगह-जगह से गिरने लगते हैं, इसलिए डॉक्टर उन्हें बालों को शेव करने की सलाह देते हैं.
एक महिला के लिए बाल शेव करना आसान नहीं होता, क्योंकि समाज इसे उनकी सुंदरता से जोड़ता है. इसलिए वो ख़ुद को बदसूरत समझने लगती हैं और हीन भावना से ग्रसित हो जाती हैं. ऊपर से कैंसर की वजह से अपने बाल खोने पर उनकी जीने की इच्छाशक्ति भी कमज़ोर पड़ जाती है.
उनकी इसी पीड़ा को दूर करती है हिना थेरेपी. इसे हिना क्राउन भी कहा जाता है. इसमें महिलाओं के सिर पर मेंहदी के ज़रिये क्राउन या फिर टैटू बना दिए जाता है. इससे महिलाओं को नया लुक मिलता है, साथ ही हौसला भी. विदेशों में ये थेरेपी काफ़ी लोकप्रिय है.
वैसे भी मेंहदी में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं और ये उनके घाव को हील करने में मदद भी करती है. इसके कुछ वीडियोज़ हमें रिसर्च करने पर मिले, जो पिछले साल के हैं.
देख लिया? इसलिए आपसे अनुरोध है कि बगैर किसी फ़ोटो की सच्चाई जाने उस पर हंसने या फिर आगे शेयर करने से पहले, एक बार ज़रूर सोच लें.