जापान में इन दिनों बच्चों का एक ट्रेडिशनल खेल, जिसे उनके टाइम पास के लिए बनाया गया था, फिर से ट्रेंड कर रहा है. इसका नाम है Dorodango. इस खेल में बच्चे मिट्टी से एक बॉल बनाते हैं, उसे समतल करते हैं और फिर उस पर सुन्दर कलाकारी करते हैं. लेकिन अब इसे बच्चों के साथ-साथ जवान और बूढ़े भी खेल रहे हैं. इस सिलसिले को एक कदम आगे बढ़ाते हुए इन्होंने इसे एक आर्ट बना दिया, जिसे नाम दिया गया है Hikaru Dorodango. इसे बनाने में कई दिन लगते हैं. मिट्टी की ये बॉल पॉलिश्ड, चमकीली तथा कलरफ़ुल होती हैं.
तो चलिए आपको तस्वीरों के माध्यम से बताते हैं कि Hikaru Dorodango कैसे बनाया जाता है और इसे करने से क्या हासिल होता है?
Hikaru Dorodango बनाने के लिए आपको मिट्टी चाहिए, जिसे छानना होगा.
फिर इसमें पानी मिलाकर गूंथ लें और इसकी बॉल बना लें.
करीब 30 मिनट की मेहनत के बाद आपको एकदम गोल बॉल हासिल होगी.
इस स्टेज पर आपको ये ध्यान रखना होगा कि इस बॉल में कहीं भी दरार न पड़े.
इसके बाद इसे एक प्लास्टिक की थैली में 20 मिनट तक सूखने के लिए रख दें.
इस प्रकिया को कई बार दोहराने के बाद आपकी बॉल पॉलिश करने के लिए तैयार हो जाती है.
कई बार पॉलिश करने पर ये एकदम चमकीली बॉल की तरह दिखने लगेगी, जैसे कि कोई स्नूकर बॉल होती है.
अलग-अलग मिट्टी के कारण इसका रंग भी अलग-अलग होता है.
Hikaru Dorodango बनाने का जादू जापानियों के सिर चढ़ कर बोल रहा है.
ये लोग इसे बनाने के बाद इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर कर रहे हैं.
लंबे अरसे से भुला दिए गए इस ट्रेडिशन को Fumio Kayo नाम के मनोवैज्ञानिक ने फिर से शुरू किया और इसे आर्ट का रूप दे दिया.
अब ये ट्रेंड जापान के साथ ही पूरी दुनिया में फैल रहा है.
इसे बनाने से लोगों का मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है. साथ ही बच्चे कला के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आकर्षित होते हैं.
मिट्टी की बॉल के पीछे लोगों की ऐसी दीवानगी कमाल ही कहलाएगी. आप भी इसे ट्राई कीजिये.