धार्मिक बंधनों को तोड़ते हुए एक हिन्दू पुरुष ने एक कश्मीरी मुसलमान को किडनी दान की और उसी कश्मीरी मुसलमान की पत्नि ने अपने पति के किडनी डोनर की पत्नि को अपनी किडनी डोनेट की. मामला मिसाल कायम करने वाला है और फ़िल्मी भी.  

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पेशे से बढ़ई अब्दुल अज़ीज़ नज़र 53 साल के हैं और बारामुल्ला ज़िले के रहने वाले हैं. Urolithiasis नाम की किडनी की बीमारी की वजह से अब्दुल की दोनों किडनिया बेकार हो गईं थी. डोनर की तलाश में अब्दुल ने अपनी जानकारी एक एप पर अपलोड की थी.  

दूसरी ओर बिहार के 46 वर्षिय सुजित कुमार अपनी 42 वर्षिय पत्नि मंजुला के लिए किडनी डोनर की तलाश कर रहे थे. मंजुला की किडनी Glomerulonephritis नाम की किडनी की बीमारी की वजह से ख़राब हो गई थी.  

सुजित की किडनी अब्दुल से और मंजुला की किडनी और अब्दुल की पत्नि शाज़िया से मेल खा गई.  

क्योंकि दोनों अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखते थे, इसलिए उन्होंने एक तीसरे राज्य में अपना इलाज करवाया. मोहाली के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच करने के बाद किडनी बदलने की इजाज़त दे दी.  

डॉ. प्रियदर्शी रंजन जिन्होंने चारों सर्जरी एक दिन में की, उनके अनुसार ये काम बहुत ट्रिक वाला था. ऐसा धर्म की वजह से नहीं था, अंतरराज्यी अंग दान करने के नियमों में पेंच होते हैं. ये चारों सर्जरी 3 दिसंबर, 2018 को हुईं थी.  

इलाज के बाद अब्दलु अजीज़ ने कहा कि धर्म ज़रूरी नहीं है, ज़िंदगी ज़रूरी है. हालांकि उसे किसी सरकार से आर्थिक मदद नहीं मिली और किडनी ट्रांस्प्लांट कराने में सात लाख लगे.  

वहीं सुजित ने कहा, ‘हमे सही किडनी नहीं मिल रही थी. मुझे कभी नहीं लगा था कि एक मुस्लिम औरत की किडनी मेरी पत्नि की जान बचाएगी.’