भारत का इतिहास बहुत पुराना है, इतना कि इसके बारे में जानने के लिए जितना पीछे जाएं, उतना कम होगा और उतना ही पुराने हैं यहां के कई व्यंजन. अगर आप भारत को पहचानना चाहते हैं, अपने देश को बेहतरीन ढंग से जानना चाहते हैं, तो आपको यहां के खाने के इतिहास के बारे में ज़रूर जानना चाहिए. भारत की कुछ ऐसे पकवान हैं, जिनकी कहानी उनके स्वाद जितनी शानदार है, तो चलिए आपको इन व्यंजनों की कहानी से रू-ब-रू करवातें, जिसके बाद इन पकवानों का स्वाद और बढ़ जाएगा.

1. जलेबी

हमारे देश की सबसे फेमस मिठाई है जलेबी. लेकिन इसकी खोज भारत में नहीं, बल्कि पश्चिमी एशिया में हुई थी. असल में इसका वर्णन 15वीं शताब्दी में लिखे गए कई देशों के इतिहास में मिलता है. इस मिठाई को बनाने का तरीका और स्वाद बिलकुल एक जैसा है, लेकिन इसका नाम जगह और भाषा के अनुसार बदल गया है. सबसे पहले इस मिठाई का उल्लेख अरब देशों के इतिहास में मिलता है.

newscrab

2. मैसूर पाक

जैसा की नाम से ही पता चलता है कि मैसूर पाक का ताल्लुक मैसूर से है. इसकी शुरूआत 20वीं सदी की शुरुआत में हुई थी. मैसूर के राजा Nalawadi Krishnaraja को खाने का बहुत शौक़ था. उनके खानसामे ने एक दिन नई मिठाई बनाई. जैसे ही राजा ने इस मिठाई को अपनी जीभ पर रखा वो पूरी तरह से घुल गई. राजा को ये मिठाई बेहद पसंद आई. उन्होंने इसका नाम इसे बनाने वाले से पूछा. उसने कहा कि इस मिठाई की खोज मैसूर में हुई है, तो इसका नाम मैसूर पाक होगा. कन्नड़ में पाक का मतलब मिठाई होता है.

thequint

3. खाजा

बिहार की फ़ेमस मिठाइयों में से एक खाजा की कहानी और इतिहास उसके स्वाद की तरह मिठा और इसकी परतों की तरह गहरा है. इस मिठाई का उल्लेख मौर्य और गुप्त काल में देखने को मिलता है. बिहार के जिले राजगीर में इसका सबसे बेहतरीन स्वाद चखा जा सकता है.

mycitylinks

4. दाल बाटी

वैसे तो राजस्थान अपने राजशाही, मेहमान नवाज़ी और किलों के लिए जाना जाता है. लेकिन दाल बाटी का लजीज़ स्वाद इस राज्य को घूमने की इच्छा जगा देता है. दाल बाटी राजस्थान और रजवाड़ों का उस वक़्त का खाना हुआ करता था, जब वो जंग में हुआ करते थे. दरअसल बाटी बहुत ही कम पानी के इस्तेमाल से बनाई जाती है और इसे शुद्ध देशी घी में डुबोकर खाया जाता है. ऐसे में जंग के सिपाहियों को घी से ताकत मिलती थी और कम पानी के इस्तेमाल के कारण सिपाही लम्बी लड़ाई लड़ सकते थे.

annacooking

5. पेठा

दुनियाभर के पर्यटक आगरा सिर्फ़ ताज महल घूमने ही नहीं, बल्कि पेठा का स्वाद चखने भी आते हैं. पेठा की कहानी जुड़ी भी ताज महल के साथ ही है. कहा जाता है कि ताज महल के निर्माण के दौरान करीब 21 हज़ार मजदूर रोज़ के खाने से ऊब गए थे. ये बात शाहजहां तक जा पहुंची. उन्होंने अपनी समस्या को ताज महल के आर्किटेक्ट उस्ताद इसा इफ़िदी को बताई, जो इस समस्या का समाधान जानने के लिए पीर नक्शबंदी साहिब के दरबार जा पहुंचे. दंत कथाओं के अनुसार, पेठा बनाने का तरीका खुद अल्लाह ने उन्हें दिया था, जिसके बाद करीब 500 खानसामों ने मिल कर पहली बार पेठा बनाया था.

makemytrip

6. दम बिरयानी

लखनऊ और हैदराबाद में से कहां कि बिरयानी सबसे शानदार है, इस पर तो बहस हमेशा से चलती आई है और हमेशा ही इसके अच्छे स्वाद को जानने के लिए लोगों ने काफ़ी पैसे भी खर्च कर दिए. लेकिन जब इस डिश की खोज हुई, तो उस वक़्त ये खाना गरीबों के लिए हुआ करता था. अवध के नवाब ने अपने खानसामों को एक ऐसा पकवान बनाने का आदेश दिया, जो कम खर्च में ज़्यादा लोगों के लिए बनाई जा सके. इसके लिए उनके खानसामों ने काफ़ी बड़ी हांडियों का प्रयोग किया और काफ़ी चीज़ें चावल के साथ डाल कर एक साथ पका दीं और जो चीज़ बन कर सामने आई उसे बिरयानी कहा गया. इसे बनाने के तरीके को ‘दम’ नाम दिया गया. 

amc