कोविड-19 महामारी के चलते मार्च से ही देशभर के स्कूल और कॉलेज बंद है. ऐसे में सरकार ने सभी बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी रखने को कहा है. मगर बहुत कम ही लोग होते हैं जो अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा पाते हैं. कहीं स्मार्टफ़ोन की कमी तो कहीं ख़राब नेटवर्क की समस्या. सिक्किम का ग्रामीण इलाका भी इस समस्या से परेशान था, तो वहां के टीचर्स ने बच्चों की पढ़ाई के लिए उनके घर जाकर पढ़ाना शुरू कर दिया.

दरअसल, दक्षिण सिक्किम ज़िले के ग्रामीण इलाके में कई जगहों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है. साथ ही इस इलाके में रहने वाले लोग अधिकतर लोग ग़रीब किसान है और उनके पास ऐसी सुविधाएं नहीं हैं कि वो अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा सकें.

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इस इलाके के VCGL Senior Secondary School में मैथ्स और सांइस पढाने वाली टीचर इंदिरा मुखी छेत्री को ये बात अखर रही थी. इसलिए उन्होंने एक अनूठी पहल की. छेत्री जी ने बच्चों के घर जाकर उन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया. 

छेत्री जी कहती हैं- ’मैं बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित थी. मेरे गांव के अधिकतर लोग ग़रीब किसान हैं ऐसे में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले यहां बच्चों को शिक्षा मुहैया कराना और बड़ी चुनौती थी. इसीलिए मैंने रोज़ाना गांव में 9 बजे एक के बाद स्टूडेंट्स के घर जाकर क्लास लेने का फ़ैसला किया.’

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छेत्री जी प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ाती हैं. वो इन्हें एक-एक कर रोज़ाना मैथ्स, साइंस और सामान्य ज्ञान पढ़ाती हैं. उनकी तरह ही कई और शिक्षक हैं जो घर-घर जा कर बच्चों को पढ़ाते हैं. इन शिक्षकों से प्रेरित होकर ही सिक्किम के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य में Homeschooling नाम के प्रोग्राम की शुरुआत की. 

इसके तहत ग्रामीण इलाके में रहने वाले टीचर्स को अपने ही गांव और आस-पास के गांव के छात्रों को घर जाकर पढ़ाना है. शिक्षा विभाग ने भी सरकारी टीचरों की पहचान कर उन्हें अलग-अलग गांव सौंप दिए हैं, जहां जाकर वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इससे टीचर्स को कोई दिक्कत न हो इसलिए इसे लचीला भी बनाया गया है. इसके लिए एक नियम बना है. इसके तहत टीचर्स दूर के गांव के टीचर से अपने छात्रों को पढ़ाने का आग्रह कर सकते हैं. बदले में वो अपने गांव में मौजूद उनके स्कूल के छात्र को पढ़ा सकते हैं.

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एक अधिकारी ने इस बारे में बात करते हुए कहा ‘जब बहुत से टीचर्स ने बच्चों को घर जाकर पढ़ाना शुरू किया तो हमने इस प्रोग्राम की शुरुआत की. क्योंकि बहुत से बच्चों के पैरेंट्स के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए बेसिक चीज़ें जैसे स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर आदि भी नहीं थे.’

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिक्किम में 9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए Sikkim Edutech App की भी शुरुआत की गई है ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो.

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