बहुत मशहूर Management मंत्र है, ‘Pay Yourself First’, यानी अपनी कमाई से पहला भुगतान ख़ुद को करो. रेंट, EMI या बिल का भुगतान करने से पहले ख़ुद के लिए कुछ पैसे रख लो, जिसे ‘बचत’ भी कहते हैं.
बदकिस्मती से इस मंत्र को बहुत कम लोग आत्मसात कर पाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कई लोग अपने आर्थिक फ़ैसले पैसों की वजह से नहीं, बल्की दूसरों की मदद करने के लिए लेते हैं. ऐसे लोग किसी को ‘न’ नहीं बोल पाते, मदद मांगने वाले को मना करना इन्हें अच्छा नहीं लगता. इस प्रवृत्ति को Agreeableness कहते हैं. इसे प्रकृति के लोग दूसरों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं, अच्छे दोस्त बनाते हैं लेकिन इनकी पैसों से नहीं बनती.
Columbia Business School की प्रोफे़सर Sandra Matz जिनकी शोध Journal Of Personality And Social Psychology में छपी, उनके अनुसार Agreeable व्यवहार के लोग ही अधिकांश समय बाहर खाने का पैसा भरते हैं. उनका शोध इसी विषय पर था कि कुछ लोग कैसे पैसे Save कर पाते हैं.
अच्छे लोगों से बचत नहीं हो पाती
शोध से पता चला कि Agreeableness का बचत के साथ नकारात्मक रिश्ता है. इससे ये भी पता चला कि इस प्रकृति के लोग पैसों को कम एहमियत देते हैं. ये शोध ऑनलाइन रूप से ब्रिटेन और अमेरिका के तीस लाख लोगों के ऊपर किया गया है.
इससे पहले के शोध से Agreeableness प्रकृति और कम आय के बीच रिश्ता पता करने के लिए किया गया था. पहले ये मान्यता था कि ऐसे लोग ज़्यादा पैसे नहीं कमा पाते.
नया शोध पूरी तरह से बचत, उधार और आर्थिक प्रतिबद्धता पर केंद्रित है. Agreeableness के ऊपर पैसों का अधार भी उनके विपरीत बर्ताव वाले लोगों से ज़्यादा होता है. इसकी मुख्य वजह उनका ‘Indecisive’ होना है.
ये स्थिति कैसे बदलेगी?
Agreeableness प्रकृति के लोगों को अगर अपनी आर्थिक स्थिति स्वार्थी लोगों से बेहतर करनी है, तो सबसे पहले उन्हें अपने चहेतों की मदद करने से पहले ख़ुद की मदद करन होगी. अपनी ज़रूरतों को पहले पूरा करना होगा. 2016 में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार Agreeableness प्रकृति के लोग स्वभाव से भावुक होते हैं और दूसरे को मदद करने के दौरान कभी-कभी ख़ुद भी संकट में पड़ जाते हैं.
हालांकि इस नए शोध का मुख्य मकसद ये पता करना था कि अलग-अलग लोगों की जिंदगी में पैसा कितना महत्व रखता है. Matz ने कहा कि हमें उन लोगों से बात करने के पहले सोचना होगा जो पैसे की परवाह नहीं करते.