क्या आपने कभी सोचा है कि इस अनंत अंतरिक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई और क्या कभी इस ब्रह्मांड का अंत होगा और अगर अंत होगा तो कैसे होगा?
शुरुआत में (जब कुछ भी नहीं था), लगभग 13.8 बिलियन साल पहले, सारा अंतरिक्ष (Space), समय और ऊर्जा एक पिन के सिर के बराबर जगह पर इकठ्ठा थे. अज्ञात कारणों से ये नन्हा ब्रह्मांड फैलने लगा और ब्रह्मांड में मौजूद किसी भी चीज़ की तुलना में कहीं अधिक ऊर्जा छोड़ने लगा.
और तब से इसका विस्तार हो रहा है! नन्हा ब्रह्मांड बहुत गर्म, सघन और ज़ाहिर तौर पर छोटा था. ये सूर्य की सतह से ज़्यादा गर्म था, किसी तारे की कोर से ज़्यादा गर्म था, यहां तक कि किसी मरते हुए तारे के दिल से भी कहीं ज़्यादा गर्म था.
इतना गर्म कि क्वार्क(Quarks), इलेक्ट्रान, न्यूट्रिनोस (Neutrinos) आदि जैसे मूलभूत कण अविश्वसनीय गति पर एक-दूसरे से टकरा रहे थे. प्रारंभिक ब्रह्मांड अव्यवस्थित, गंदा और उच्च ऊर्जा वाले प्रकाश और दूसरे कणों से भरा था.
ग़ौरतलब है कि जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार होता है, वैसे वैसे ये ठंडा होता जाता है. इसलिए जैसे-जैसे ये फैलता गया, आकार में और बड़ा होता गया, तापमान नीचे गिरता गया और इन कणों की गति धीमी हो गई. वो धीरे-धीरे एक-दूसरे को आकर्षित करने या धकेलने लगे. इसी के साथ कणों के टकराने का सिलसिला ख़त्म हो गया.
अब विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic force) के कारण इलेक्ट्रॉनों पर नाभिक (nuclei) का नियंत्रण हो गया. और इस तरह जन्म हुआ ‘एटम’ का. इस प्रक्रिया को ‘पुनर्संयोजन’ के रूप में भी जाना जाता है. हाइड्रोजन जन्म लेने वाला पहला एटम (परमाणु) था.
मगर अब ब्रह्मांड अभी भी बहुत गर्म था. इतना गर्म कि पदार्थ का अस्तित्व ठोस रूप में नहीं था. सिर्फ़ मुख्यतः हाइड्रोजन गैस के विशाल बादल थे, ब्रह्मांड अभी भी अपारदर्शी था.
अपने आप में उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण बल के चलते हाइड्रोजन गैस के विशाल बादल एक जगह एकत्र होने लगे और गुरुत्वाकर्षण के कारण एक गोलाकार आकार ले लिया और वो चमकने लगे.
आप जानते हैं कि ये गोलाकार गैसीय राक्षस क्या थे? ये पहले तारे थे! उन्होंने अपनी रौशनी से पूरे ब्रह्मांड को जगमग कर दिया. ये आशा, जीवन और जन्म की किरण थी.
बिग बैंग की शुरुआत से लेकर पहले तारे के जन्म तक के समय को ‘PRIMORDIAL ERA’ कहा जाता है, जो ब्रह्मांड का पहला युग था.
अब ‘STELLIFEROUS ERA’ पर आते हैं. ये वो युग है जिसमें सितारे रात के आकाश पर शासन करते हैं, जिसमें हम जीवित हैं और उन्हें देख पा रहें हैं. हम उन्हें देखते हुए सोचते हैं कि ये क्या है? और ये सब कैसे शुरू हुआ? यह वो युग है जिसमें आकाशगंगाएं निहारिका (Nebulae) से बहुत अच्छी दर पर तारे उत्पन्न कर रही हैं.
तो ये युग कब समाप्त होगा? ये तब ख़त्म होगा जब अंतिम तारा समाप्त हो जाएगा. ग़ौरतलब है कि तारा जितना छोटा होगा उसका जीवन उतना ही लंबा होगा. तो सबसे छोटे तारे Red Dwarfs होते हैं और उनका जीवनकाल लगभग एक खरब वर्ष (1 trillion years) है. वो अभी भी शिशु हैं और इन्हें समाप्त होने में लगभग एक खरब वर्ष लगेंगे.
जैसे ही अंतिम तारा मर जाएगा, आकाशगंगाएं अपनी संरचना और रंग बदलना शुरू कर देंगी और वो धुंधली होती जाएंगी. जैसे ही अंतिम तारा मरेगा, वैसे ही Stelliferrous युग का अंत और DEGENERATE युग की शुरुआत होगी. इस युग में मृत सितारों की लाशें से अंतरिक्ष भरा पड़ा होगा.
अब इसके बाद क्या होगा? ये भी जानना चाहते हैं! तो ये थ्रेड अब आपके हवाले है.
The monsters of the night sky! As I showed in my black hole thread that stars form different objects when they die, the main 3 are:
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
White dwarfs, neutron stars and Black holes! Except black holes these 2 are supported by the degeneracy pressure inside them.
When our sun will die it will end up as a white dwarf, when Betelgeuse will die it will end up as a neutron star, these objects are tiny & hot when they are formed but as the time passes they will cool down too! They will die tooo! Why? Because they are made of particles
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
And it has been shown that those particles will one day decay, protons will decay too, it will take about 10^40 years! Damn that number is more than the number of stars in the observable Universe! We can't imagine it perceive these big numbers, it's unfathomable to us
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
Okay, as we are done with the DEGENERATE ERA, we enter into the BLACK HOLE ERA! in this stage these dangerous things rule the night! But you know what? Ugh i hate to say this but yes BLACK HOLES WILL DIE TOO! pic.twitter.com/1QPNTcrTUo
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
Back in the 1970's physicist Stephen Hawking discovered that black holes emit particles under some conditions! Just like water boils up & evaporates, black holes too radiate energy and radiate their mass, totally vanishing out of reality! They die VERY slowly, for example:
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
A black hole of about the mass of our sun would die in 10^91 years!!!( 92 zeroes after 1) I don't even have an anology to tell you about this number it is just soooooo big😂
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
But yes black holes will die too! And as the last black hole ends it's life, we enter into the DARK ERA!
DARK ERA! THIS IS MY FAVOURITE, this era will stretch to Infinity! Time would not even have any meaning by then. Now, there's a mysterious pressure in the vacuum of space that's forcing the universe to expand & accelerate, known as DARK ENERGY
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
This dark energy will one day seperate all the dead galaxies (by then) from each other and the universe will go DARK! We don't know much about this dark energy, it's just placeholder name, we don't have a slightest of idea. But you know what? As his happens
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
The universe goes dark, all the lights in the universe and galaxies are turned off one by one, all the, the universe is now a super cold, dormant and a total silent place. It will sleep for the last time, for ever and ever.
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
My friends the universe is dead.
The universe will end not in fire but in ice and not in with a bang but with a whimper!
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
This makes me uncomfortable and unpleasant, but here's another way to look at it! Yes, we are small, we are finite, we do exist on this little window of time on this grand cosmic timeline!
— Akshat (@star_stufff) July 26, 2020
But hey at the same time look at what we can do! You and I are the product of the big bang