बच्चों को अधिकतर यही बताया जाता है कि स्कूल के मार्क्स उनके आने वाले जीवन के लिए कितने ज़रूरी हैं. ख़ासतौर से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं. जिसकी वजह से बच्चों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. उनको लगता है की जीवन की सारी सफलताएं इन्हीं अंकों में छिपी हुई है. पर आप ख़ुद से पूछिए क्या वास्तव में ऐसा है?
अहमदाबाद के IAS अफ़सर ने बच्चों के इस ग़लतफहमी को तोड़ने के लिए अपनी 12वीं की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर कर दी.
जिसमें उन्होंने बताया की किस तरह मात्र 1 अंक से वो केमिस्ट्री में पास हो पाए थे. उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि उनके अंक उनके भविष्य को निर्धारित नहीं करते हैं क्योंकि जीवन आपके बोर्ड परीक्षा से बहुत अधिक है.
In my 12th exams, I got 24 marks in Chemistry – just 1 mark above passing marks. But that didn’t decide what I wanted from my life
— Nitin Sangwan, IAS (@nitinsangwan) July 13, 2020
Don’t bog down kids with burden of marks
Life is much more than board results
Let results be an opportunity for introspection & not for criticism pic.twitter.com/wPNoh9A616
आंकड़ों के अनुसार, 2014 में 2,403 से अधिक छात्रों, 2015 में 2,646 छात्रों और 2016 में 2,413 छात्रों की देश में आत्महत्या के कारण मृत्यु हो गई है – जिसका कारण मुख्य तौर पर परीक्षाओं का दबाव है.
यदि आप भी किसी के माता-पिता हैं और इस परीक्षा उसके अंक अच्छे नहीं आए हैं तो उनको ताने मारने की जगह उनका हौसला बढ़ाएं. उनको अपने अनुभवों से बताएं की किस तरह जीवन इन परीक्षाओं और मार्क्स से कई ज़्यादा है.