क्या आपका कोई दोस्त किसी को खाना खाते हुए आवाज़ करने से रोकता है? या फिर किसी के निगलने, हमिंग करने, पैर रगड़ कर चलने के साउंड से परेशान हो जाता है? अगर इसका जवाब हां है, तो आप उनके नाम के आगे जीनियस लगा सकते हैं. हाल ही में एक रिसर्च ने इस बात को साबित किया है.

जानकारों का कहना है कि जिन लोगों का भी दिमाग़ इस तरह के साउंड को आसानी से पकड़ लेता है, वो बहुत ही Creative होते हैं. साथ ही उनका दिमाग़ एक सामान्य व्यक्ति से ज़्यादा तेज़ होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के शोर से विचलित हो जाने वाले लोगों का दिमाग़ सूचनाओं को तुरंत ग्रहण कर प्रतिक्रिया करने में तेज़ होता है.

ऐसे लोग किसी चीज़ को जल्दी और कुशलता से सीखते हैं. लेकिन इसके साथ ही हो सकता है कि आप Misophonia नाम की बिमारी के शिकार हों. जो भी लोग इस तरह के साउंड से परेशान हो जाते हैं और तुरंत अपना आपा खो बैठते हैं, उनके लिए ये ख़तरे की घंटी साबित हो सकता है. ऐसे लोगों को डॉक्टर से Consult करना चाहिए.
