भारत की आर्मी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी है. आर्मी जिसकी वजह से हम रजाईयों में चैन की नींद सो रहे होते हैं. आर्मी जिसकी वजह से हम सड़कों पर चौड़े होकर घूम रहे होते हैं. आज हमारे देश की थल सेना में कुल 12 लाख सैनिक हैं जो उनकी रातों की नींद हमारे लिए हराम करते हैं, जो चिलचिलाती धूप और दोपहरी में हमारी सुविधा के लिए उनकी चपड़ियां जला रहे होते हैं. जो हाड़ कंपा देने वाली ठंड में सिर्फ़ इसलिए सरहदों पर गश्त में रहते हैं ताकि हम समतल मैदान में सुख-चैन से रह सकें. लोकतंत्र पर लंबी-लंबी दलीलें दे सकें.
आर्मी ने उसके विस्तार को कई शाखाओं में बांट रखा है ताकि सारी चीज़ें गड्डमगड्ड न हो जाएं. वे पूरी तन्मयता और सेवा भाव से देश सेवा कर सकें. इसी के मद्देनज़र इंडियन आर्मी ने इसे कई शाखाओं में बांट रखा है. हम आपको रू-ब-रू करा रहे हैं ऐसी हा शाखाओं से…
नॉन टेक्निकल शाखाएं…
1. इंडियन आर्मी आर्मर्ड कॉर्प्स
यह थलसेना का वह हिस्सा है जो सीधे-सीधे जंग में कूद जाता है. ये न सिर्फ़ टैंक से लड़ते हैं बल्कि जासूसी और टोह का काम भी अंज़ाम देते हैं. इसके भीतर कुल 63 रेजिमेंट आते हैं जिसमें राष्ट्रपति के अंगरक्षक भी शामिल हैं. इसे इंडियन आर्मी के सबसे प्रतिष्ठित शाखा के तौर पर जाना जाता है. इसे अब तक दो परमवीर चक्र से नवाज़ा जा चुका है.
2. आर्टिलरी
इसकी शक्ति कुल इंडियन आर्मी का छठवां हिस्सा है. आर्टिलरी को आगे दो हिस्सों में बांटा गया है.
फील्ड आर्टिलरी
इसमें कुल 190 रेजिमेंट हैं. इसके बंदूकों, मोर्टारों और रॉकेट लॉन्चरों के दम पर यह आर्टिलरी की सबसे बड़ी शाखा है.
कॉर्प्स ऑफ आर्मी एयर डिफेंस
वे 5000 फीट के भीतर हवाई सुरक्षा हेतु जिम्मेदार हैं. वे अपनी अहमियत को ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन ट्राइडेंट व फाल्कन और ऑपरेशन पवन के माध्यम से साबित कर चुके हैं.
3. आर्मी ऐविएशन कॉर्प्स
सन् 1986 के नवम्बर माह में स्थापित यह शाखा हमला व लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए इस्तेमाल होती है. इसके अलावा इन्हें चिकित्सकीय सहायता के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
4. इन्फैंट्री
यह शाखा वैसे तो लोगों की नज़र में कम ही रहती हैं, मगर इसके बगैर काम का चलना शायद नामुमक़िन है. इसे पैदल सेना भी कहा जा सकता है. फील्ड मार्शल मौंटगोमरी ने इनकी प्रशंसा में चंद शब्द कहे थे, जीत तो तभी मानी जाती है जब पैदल सेना की बूटें दुश्मन की सरज़मीं में दाखिल होती हैं.
टेक्निकल शाखाएं…
1. कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स
इसे आर्मी की सबसे पुरानी शाखा के तौर पर जाना जाता है. इसे आगे दो और शाखाओं में बांटा गया है.
कॉम्बैट इंजीनियर्स
इस शाखा का मुख्य काम है कि यह हमारी सेना के लिए सुरक्षित रास्तों का निर्माण करें. पुल बनाएं, ट्रैक बनाएं और दुश्मन को रोकने के लिए माइन फील्ड का निर्माण करें व उनके द्वारा निर्मित पुलों को ध्वस्त कर दें. इसमें मद्रास सैपर्स, बंगाल सैपर्स और बॉम्बे सैपर्स शामिल हैं.
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस
ये हर तरह के डिजाइन व कंस्ट्रक्शन के लिए ज़िम्मेदार हैं. इसके अलावा वे इमारतों के डिजाइन व निर्माण, एयरफील्ड के निर्माण और आर्मी को हथियार मुहैय्या करने में भी अहम् भूमिका अदा करते हैं.
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन
इनका मुख्य काम राष्ट्रीय राजमार्ग, एयरफील्ड, इमारतें व पुलों का निर्माण है.
2. कॉर्प्स ऑफ सिगनल्स
इनका मुख्य काम आर्मी के सूचना तंत्र को संभालना व सुरक्षित रखना है. यह डीआरडीओ के साथ मिल कर आर्मी के लिए ज़रूरी सॉफ्टवेयर का निर्माण करता है. इसका ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट मऊ में स्थित है.
सर्विसेस
1. कॉर्प्स ऑफ इलेक्ट्रिकल ऐंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग
इनका मुख्य काम इंडियन आर्मी के इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल औजारों को चालू हालात में रखने का है. इसके अलावा वे इंडियन आर्मी को इंजीनियरिंग सपोर्ट भी मुहैय्या कराते हैं.
2. आर्मी सर्विस कॉर्प्स
इन्हें मुख्य तौर पर सप्लाई के निरीक्षण, परीक्षण व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए तैनात किया गया है. इसके अलावा ये ईंधन, केमिकल व अस्पताल की सुविधाओं का खयाल रखते हैं. इसके अलावा ये डाक का भी खयाल रखते हैं. इसके अलावा वे समय-समय पर विषम परिस्थितियों में भी मदद करते हैं.
3. आर्मी मेडिकल कॉर्प्स
ये आर्मी में तैनात तमाम सैनिकों व अधिकारियों को चिकित्सकीय सुविधा देने का काम करते हैं. इसके अलावा ये राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय आपदा में भी लोगों की मदद करते हैं.
4. आर्मी डेंटल कॉर्प्स
ये विभाग सेना में तैनात कर्मचारियों के दांतों की देखभाल करता है.
5. मिलिट्री नर्सिंग सर्विस
ये बीमार और चोटिल सैन्य अधिकारियों की देखभाल व चिकित्सा का जिम्मा निभाते हैं.
6. आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स
ये विभाग सेना में पोशाक, हथियार और जंग में इस्तेमाल होने वाले तमाम ज़रूरी चीज़ों से सेना को लैस करने का काम करते हैं.
7. रिमाउंट और वेटनरी कॉर्प्स
इनका मुख्य काम आर्मी में इस्तेमाल में होने वाले जानवरों की सुरक्षा करना है.
8. मिलिट्री फार्म
ये इंडियन आर्मी को डेयरी प्रोडक्ट व जानवरों के लिए खाद्यपदार्थ दिलाने का काम करते हैं.
9. आर्मी एजूकेशन कॉर्प्स
इनका मुख्य काम आर्मी के सैनिकों को शिक्षित करना है.
10. इंटीलिजेंस कॉर्प्स
इनका मुख्य काम ऐसी सूचनाओं को इकट्ठा करना व सूचनाओं से बचना है जो देश की सुरक्षा में खतरा हैं.
11. कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस
इन्हें आर्मी का पुलिस कहा जा सकता है. इनका मुख्य काम कैंट एरिया और आर्मी की बसावटों की निगरानी के साथ-साथ इनके इलाके में भटकने वाले लोगों से निबटना है.
12. जज एडवोकेट जनरल ब्रांच
ये आर्मी की लीगल(कानूनी)चीज़ों से निबटने का काम करते हैं.
13. आर्मी पायनियर कॉर्प्स
इन्हें उस विशेष मौके पर तैनात किया जाता है जब सामान्य और नागरिक लेबर नहीं मौजूद होते और सुरक्षा की ज़रूरतें बढ़ जाती हैं.
14. आर्मी कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट
कैंटीन का मुख्य काम आर्मी में कार्यरत अधिकारियों व सैनिकों को रियायती दर पर ज़रूरत की चीजें मुहैय्या करना है.
15. डिफेंस सिक्यूरिटी कॉर्प्स
वे इस बात का खयाल रखते हैं कि जो कुछ भी आर्मी की बसावटें व सजावटें लगी हैं उन्हें किसी तरह की हानि व नुकसान न पहुंचाया जाए.