अगर आप 90 के दशक से ताल्लुक रखते हैं, तो आपके में घर वो कोना ज़रूर होगा, जहां वो सारी बुक्स और मैगज़ीन्स रखीं होंगी, जो आपने बचपन में पढ़ी थीं. चंपक, नंदन, टिंकल सरीखी इन मैगज़ीन्स को पढ़ने के लिए हम हर महीने इसके नए एडिशन का बेसब्री से इंतज़ार करते थे. इनमें हमें किस्से-कहानियां पढ़ने के साथ ही बहुत सी रोचक जानकारियां भी मिल जाती थीं. उस ज़माने में यही हमारे मनोरंजन का साधन हुआ करती थीं. चलिए एक बार फिर से उन सुनहरी यादों को ताज़ा कर देते हैं.

1. चंपक

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इस कॉमिक बुक में कहानियां, पहेलियां, स्पॉट द डिफ़रेंस, अलग-अलग तरह के कॉनटेस्ट और चुटकुले होते थे. हर महीने इसके नए संस्करण का इंतज़ार करते थे. ये पूरे देश में बिकती थी और बच्चे इसे बड़े चाव से पढ़ते थे.

2. Tell Me Why

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इस मंथली मैगज़ीन को फै़क्ट्स की खदान कहा जाता था. इसमें तरह-तरह की जानकारियां मिलती थीं. 90 के दशक के सभी पढ़ाकू बच्चे, जिन्हें हर वक़्त कुछ नया जानने की चाह रहती थी, उनकी प्यास यहीं बुझती थी.

3. गोकुलम

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गोकुलम चंपक के जैसी ही मैगज़ीन थी, जो तमिल और इंग्लिश में प्रकाशित होती थी. इसमें किस्से-कहानियों के साथ ही करेंट अफे़यर्स, इतिहास और हेल्थ से रिलेटेड जानकारियां भी होती थीं.

4. बालविहार

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इसमें ऐसी पौराणिक कथाएं होती थीं, जो बच्चों को नैतिकता, व्यवहार और कौशल विकास के बारे में सिखाती थी. इसके कुछ स्पेशल एडिशन भी रिलीज़ होते थे.

5. नंदन

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हिंदुस्तान न्यूज़ पेपर द्वारा शुरू की गई ये मैगज़ीन आज भी बच्चों की फ़ेवरेट है. इसमें रोचक कहानियां, पहेली, जानकारी मिलती हैं. इसे चाचा नेहरू की याद में हिंदुस्तान ने शुरू किया था.

6. चकमक

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वैसे तो चकमक बच्चों की मैगज़ीन है, लेकिन बड़े भी इसे चाव से पढ़ते हैं. इसमें आसान भाषा में विज्ञान की गुत्थियों को सुलझाया जाता था.

7. बालसखा

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बालसखा हिंदी की बच्चों की सबसे लोकप्रिय मैगज़ीन थी. इस पत्रिका ने बच्चों पर तो प्रभाव डाला ही, साथ में बच्चों के लिए लिखने वाले लेखक भी तैयार किए.

8. नन्हें सम्राट

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नन्हें सम्राट 6-16 साल के बच्चों की एक एंटरटेनमेंट मैगज़ीन थी. इसमें बच्चों को मजे़दार ढंग से शिक्षा देने की कोशिश की जाती थी.

9. बालहंस

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ये छोटे बच्चों के लिए बहुत ही उम्दा मैगज़ीन थी, जिसे टीचर्स भी पसंद करते थे.

10. चंदामामा

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चंदामामा अपनी ग़ज़ब के स्टोरी टेलिंग के लिए फे़मस थी. बचपन में सोने से पहले ये पढ़ना काफ़ी अच्छा लगता था और साथ ही हर कहानी से एक सीख भी मिलती थी. अब इसमें स्पोर्ट्स और टेक्नोलॉजी की भी जानकारियां दी जाने लगी हैं.

11. अमर चित्रकथा

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अमर चित्रकथा ने हमें श्रीकृष्ण,ईसा मसीह, राम जैसी तमाम महान आत्माओं को समझने में मदद की. इसकी कहानियां ऐसी थी, जिसे बच्चे खु़द को इनसे आसानी से रिलेट कर लेते थे.

12. पंचतंत्र

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पंचतंत्र में कहानियों की एक सीरिज़ थी, जिसके अंत में हमेशा एक सीख दी जाती थी. इसकी ख़ासियत ये थी कि इसके सभी किरदार जानवर ही होते थे.

13. तेनाली रामन

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16वीं शताब्दी में विजयनगर के कवि तेनाली रामकृष्णा पर आधारित थी ये कॉमिक. तेनाली अपनी चतुराई और कमाल के सेंस ऑफ़ ह्यूमर के साथ हर समस्या का समाधान निकाल लेता था. इस पर बहुत से टीवी सीरियल और फ़िल्म बन चुकी हैं.

14. टिंकल

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इस मैगज़ीन के किरदार सुपंदी, शिकारी शंभू, कालिया कौवा आज भी सबको याद हैं. इसमें बच्चों को कहानियों के साथ ही बहुत से प्रश्नों के उत्तर और पहेलियों के जवाब मिल जाते थे.

अगर आपकी फ़ेवरेट मैगज़ीन इसमें शामिल है, तो इसे अपने दोस्तों से शेयर करना न भूलें.