भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत का सबसे अहम हिस्सा है. ये देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाती है. भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मज़बूत करने में भी नौसेना ही मुख़्य भूमिका निभाती है.
आज भारतीय ‘नौसेना दिवस’ है. हर साल इंडियन नेवी के मुंबई स्थित मुख्यालय में ‘नेवी डे’ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस ख़ास मौके पर भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और वीर जवानों को याद किया जाता है. इस दौरान नौसैनिक अपनी स्किल का प्रदर्शन कर अपना शौर्य जाहिर करते हैं. गेटवे ऑफ़ इंडिया पर ‘बीटिंग रीट्रिट’ सेरेमनी का आयोजन किया जाता है.
क्या आप जानते हैं कि ‘नेवी डे’ 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है? नहीं, तो चलिए हम बताते हैं.
दरअसल, बात साल 1971 की है, जब भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में हम विजयी रहे थे. भारत की इस जीत की ख़ुशी में हर साल 4 दिसंबर को ‘नौसेना दिवस’ मनाया जाता है. इस युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत कराची पर हमला किया था.
ऐसे हुई थी 1971 के युद्ध की शुरुआत
दरअसल, 1971 के युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर से हुई थी, जब पाकिस्तान ने भारत के हवाई क्षेत्र व सीमावर्ती क्षेत्रों पर हमला किया था. पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया था. इस ऑपरेशन के दौरान इंडियन नेवी ने सबसे पहले कराची स्थित पाकिस्तानी नौसेना के मुख्यालय को निशाना बनाया.
कराची में रात को हमले की योजना थी, क्योंकि पाकिस्तान के पास ऐसे विमान नहीं थे, जो रात में बमबारी कर सकें. इस हमले में इंडियन नेवी ने पाकिस्तान के कई जहाज़ नेस्तनाबूद कर दिए. इस दौरान पाकिस्तान के कई ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे.
इस ऑपरेशन के दौरान इंडियन नेवी के पास 3 इलेक्ट्रिक क्लास मिसाइल बोट, 2 एंटी-सबमरीन और 1 टैंकर शामिल थे. इस युद्ध में पहली बार जहाज़ पर मार करने वाली ‘एंटी शिप मिसाइल’ से हमला किया गया था. भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान पर हमला कर उनकी आधी सैन्य शक्ति को तबाह कर दिया था.
इस ऑपरेशन की सबसे ख़ास बात ये रही कि इस दौरान भारत का कोई भी जवान शहीद नहीं हुआ. इस दौरान पाकिस्तान के 5 नौसैनिक मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक जवान घायल हुए थे. इसी जीत का जश्न हर साल 4 दिसंबर को ‘नौसेना दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
शं नो वरूण: #SilentStrongandSwift#IndianNavy
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 2, 2019
Debuting the teaser for Indian Navy Telefilm on the occasion of #NavyDay 2019@SpokespersonMoD @DefenceMinIndia @rajnathsingh @PIB_India @DDNewsLive @DDNational pic.twitter.com/PAMlPskS0r
वर्तमान में भारतीय नौसेना अपने विशालकाय और एडवांस टेक्नोलॉजी युक्त युद्ध पोतों और सबमरीन्स के चलते दुनिया की चौथी सबसे मज़बूत नौसेना है. इसका नेतृत्व नौसेना के कमांडर-इन-चीफ़ के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है.
इंडियन नेवी का इतिहास
भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने फिर जहाज़ों की सुरक्षा के लिए ‘ईस्ट इंडिया मैरीन’ के रूप में सेना बनाई थी. इसके बाद इसका नाम ‘ईस्ट इंडिया मरीन’ से बदलकर ‘बॉम्बे मरीन’ कर दिया गया. बॉम्बे मरीन ने मराठा, सिंधि युद्ध के साथ-साथ साल 1824 में बर्मा युद्ध में भी हिस्सा लिया. साल 1892 में इसका नाम ‘रॉयल इंडियन मरीन’ कर दिया गया था.
भारत की आज़ादी के बाद 1950 में फिर से नौसेना का गठन हुआ और इसे ‘भारतीय नौसेना’ नाम दिया गया.