पासपोर्ट या फिर कि हिंदी में कहें तो पारपत्र जिसे राष्ट्रीय सरकार द्वारा दस्तावेज़ के तौर पर जारी किया जाता है. इस दस्तावेज़ में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा हेतु धारक की पहचान और राष्ट्रीयता का प्रमाण होता है. पासपोर्ट में धारक का नाम, जन्म तिथि, लिंग और जन्म स्थान का ब्यौरा दिया होता है. इसमें आमतौर पर एक आदमी की राष्ट्रीयता और नागरिकता समान होती है.तो यहां ख़ास आप सभी के लिए पेश हैं वो कुछेक बेहद ज़रूरी जानकारियां जिनके बगैर आपका पासपोर्ट बनने में दिक्कत आती है या आयेगी.सन् 2015 के 25 नवम्बर से हस्तलिखित पासपोर्ट दुनिया में कहीं भी स्वीकार्य नहीं होगा.
अंतर्राष्ट्रीय सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) ने हस्तलिखित पासपोर्टों को तिलांजलि देने की ठान ली है. तय तारीख़ के बाद कोई भी देश हस्तलिखित पासपोर्ट स्वीकार नहीं करेगा.
सन् 2001 तक भारत हस्तलिखित पासपोर्ट जारी करता था. ICAO से मान्यता प्राप्त इन पासपोर्टों की लाइफ़ 20 वर्ष थी. इनमें से कई आज भी प्रैक्टिस में हैं.
ऐसा कोई भी नागरिक जो चाहे देश में रह रहा हो या फिर देश के बाहर और उसके पास हस्तलिखित पासपोर्ट है जिसकी वैधता 24 नवम्बर 2015 के पार जाती है, तो उसे पासपोर्ट के लिए फिर से अप्लाई करना पड़ेगा.
ऐसे समय में जहां सारी चीज़ें धीरे-धीरे कम्प्यूटरीकृत होती जा रही हों, तो आपको भी पासपोर्ट के मशीनीकृत होने पर दंग नहीं होना चाहिए.यहां पेश हैं ऐसे कुछ तथ्य जो आप शायद ही जानते हों…
भारत में तीन अलग-अलग तरह के पासपोर्ट होते हैं.
‘पर्सनल’ के लिए “पी” टाइप करें
‘डिप्लोमेटिक’ के लिए “डी” टाइप करें
‘सर्विस या ऑफिशियल’ के लिए “एस” टाइप करें
किसी भी स्टैंडर्ड पासपोर्ट में 36 पन्ने होते हैं, मगर आप 60 पन्नों के पासपोर्ट के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
भारत पूरी दुनिया में पासपोर्टों की मजबूती के मामले में 59वें स्थान पर आता है.
भारत देश का कोई ऐसा नागरिक जिसके पास पासपोर्ट हो, वो 58 देशों को बिना किसी वीज़ा या फिर उस देश में पहुंचने पर मिलने वाले वीज़ा से घूम सकता है.
सन् 2007 के सितम्बर से भारत में पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट के तहत पासपोर्ट जारी करने का नया सिस्टम बन गया है.इस प्रोजेक्ट के तहत वर्तमान में भारत में 77 पासपोर्ट सेवा केन्द्र हैं जहां पासपोर्ट जारी करने के दौरान पुलिस द्वारा ऑनलाइन लिंकिंग की जाती है.
पहले हमें पासपोर्ट के आवेदन हेतु पासपोर्ट ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, जिस पर से भी काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. आज सरकार ने जनता की सुविधा के मद्देनज़र ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करने की भी सुविधा शुरू कर दी है. विशेष जानकारी के लिए आप इस लिंक पर खटका मार सकते हैं. हम वो लिंक नीचे डाल रहे हैं…
हर भारतीय को जो पासपोर्ट जारी किया जाता है उसमें भारत के राष्ट्रपति की ओर से एक नोट होता है जो हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में होता है. इसमें वे विभिन्न राज्यों की सत्ता को इस बात के बाबत संबोधित करते हैं और धारक को इस बात का आश्वासन देते हैं कि वे भारतीय गणतंत्र के नागरिक हैं.
भारत के राष्ट्रपति की ओर से प्रस्तावित नोट की एक झलक…
These are to request and require in the Name of the President of the Republic of India all those whom it may concern to allow the bearer to pass freely without let or hindrance, and to afford him or her, every assistance and protection of which he or she may stand in need.By order of the President of the Republic of India
इसके द्वारा, भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के नाम पर, उन सब से जिनका इस बात से सरोकार हो, यह प्रार्थना एवं अपेक्षा की जाती है कि वे वाहक को बिना रोक-टोक, आज़ादी से आने-जाने दें, और उसे हर तरह की ऐसी सहायता और सुरक्षा प्रदान करें जिसकी उसे आवश्यकता हो.भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के आदेश से दिया गया