हम अपने घर की छतों पर कुछ गमले, कुछ बेलें लगाते हैं. अगर ज़्यादा शौक़ हुआ तो छोटा सा किचन गार्डन भी बना लेते हैं. हम सब के बीच एक ऐसे शख़्स हैं जो अपनी घर की छत पर 1 नहीं, 2 नहीं, 40 तरह के आम उगाते हैं. 


मिलिए एर्णाकुलम के जोसेफ़ फ़्रांसिस से. 

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जहां हम बगीचे में ही इतने पेड़ उगाने के बारे में सोच नहीं पाते वहीं फ़्रांसिस ने ये कमाल कर दिखाया है. पेशे से एसी टेक्नीशियन, फ़्रांसिस के पुरखे किसान थे और फ़्रांसिस का पैशन भी खेती है. पहले फ़्रांसिस ने गुलाब, मशरूम आदि लगाये और इसके बाद वे आम की खेती करने लगे. 


The Better India से बात-चीत करते हुए फ़्रांसिस ने बताया, 

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फ़ोर्ट कोच्चि में मेरे नानी घर में कई वैराइटी के गुलाब थे, वो पौधे मेरे मामा भारत के कोने-कोने से लेकर आये थे. जब Cut Roses सिर्फ़ बेंगलुरू में दिखते थे और केरल में न के बराबर, तब भी कोच्चि के पास गुलाब का बड़ा कलेक्शन था. मुझे इससे काफ़ी प्रेरणा मिली. अपनी पत्नी के साथ नये घर में आने के बाद हमने गुलाब से ही शुरुआत की. 

-जोसेफ़ फ़्रांसिस

कई तरह के फसल, फूल लगाने के बाद फ़्रांसिस ने आम में अपनी क़िस्मत आज़माने की सोची. 

मैने सोचा जब बैग में आम हो सकते हैं तो मैं अपनी छत पर तो कुछ वैराइटी लगा ही सकता हूं. 

-जोसेफ़ फ़्रांसिस

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फ़्रांसिस ने बैग के बजाए पीवीसी ड्रम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया. इन ड्रम्स को आसानी से इधर-उधर किया जा सकता है.


फ़्रांसिस की मेहनत रंग लाई और आज उनकी छत पर अल्फ़ोन्सो, नीलम, माल्गोवो समेत 40 से ज़्यादा वैराइटी के आम होते हैं. इनमें से कुछ पेड़ साल में 2 बार फल देते हैं! 

ग्राफ़्टिंग से फ़्रांसिस ने एक नई वैराइटी बनाई है, जिसका नाम उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर ‘Patricia’ रखा है. फ़्रांसिस का कहना है कि ये आम सारे आमों में से सबसे मीठा है.   

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फ़्रांसिस के छत पर लगे पेड़ों को देखने के लिए कई लोग आते हैं. हर रविवार को कम से कम 20 लोग उनके छत पर घूमने आते हैं. फ़्रांसिस आम के पौधे 2500 से 10000 तक में बेचते हैं.


आम के अलावा फ़्रांसिस अपनी छत पर कटहल, पपीता, सपोटा, करेला, बंधगोभी, भिंडी, टमाटर भी उगाते हैं.  

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फ़्रांसिस की कहानी उन सभी के लिए उदाहरण है जो चाहते तो हैं पर कम जगह होने के कारण खेती नहीं कर पा रहे हैं.